केसरिया में है विश्व का सबसे बड़ा स्‍तूप,भगवान बुद्ध ने महापरिनिर्वाण से पहले किया था रात्रि विश्राम

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Photo of केसरिया में है विश्व का सबसे बड़ा स्‍तूप,भगवान बुद्ध ने महापरिनिर्वाण से पहले किया था रात्रि विश्राम by Hitendra Gupta
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सिख, जैन और बौद्ध धर्म के लिए बिहार सबसे पवित्र स्थल है। बिहार में बौद्ध धर्म के कई पवित्र स्थलों में से एक है केसरिया का बौद्ध स्तूप। बताया जाता है कि भगवान बुद्ध ने 483 ईसा पूर्व में कुशीनगर में महापरिनिर्वाण लेने से पहले एक रात केसरिया में बिताई थी। बताया जाता है कि वैशाली से कुशीनगर जाते वक्त केसरिया में विश्राम के दौरान उन्होंने अपना भिक्षा पात्र लिच्छविओं को सौंप दिया था।

Photo of केसरिया बौद्ध स्तूप, Tajpur Deur, Bihar, India by Hitendra Gupta

केसरिया में भगवान बुद्ध ने जहां रात बिताई थी, उसी जगह पर सम्राट अशोक ने एक स्‍तूप का निर्माण करवाया। इसे दुनिया का सबसे बड़ा स्‍तूप माना जाता है। पूर्वी चम्पारण से करीब 35 किलोमीटर दूर साहेबगंज-चकिया मार्ग पर लाल छपरा चौक के पास यह केसरिया बौद्ध स्तूप की ऊंचाई 104 फीट है। यह बौद्ध स्तूप करीब 30 एकड़ में फैला हुआ है। पहले श्रद्धालु इसके ऊपर तक चढ़कर जाते थे लेकिन अब स्तूप के ऊपर चढ़ने पर रोक लगा दी गई है।

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केसरिया स्तूप आठ मंजिलों से बना है। हर मंजिल या खंड पर भगवान बुद्ध की मूर्तियां बनी हुई है। हर मूर्तियां एक दूसरे से अलग और अलग मुद्रा में है। इसमें से ज्यादातर नष्ट हो चुकी हैं। अब कुछ ही मूर्तियों के अवशेष बचे हुए हैं। लेकिन खंडहर, अवशेष को देखकर आप सोच सकते हैं कि जब यह बना होगा तो कितना भव्य और दिव्य रहा होगा। विश्व में सबसे बड़ा स्तूप होने के बाद भी कहा जाए तो यह उपेक्षा का शिकार है।

Photo of केसरिया में है विश्व का सबसे बड़ा स्‍तूप,भगवान बुद्ध ने महापरिनिर्वाण से पहले किया था रात्रि विश्राम by Hitendra Gupta

भगवान बुद्ध के इस अंतिम प्रवास स्थल पर दुनिया भर से हजारों पर्यटक और बौद्ध धर्म के श्रद्धालु आते हैं, लेकिन देखरेख और संरक्षण के अभाव में इसकी स्थिति काफी खराब हो गई है। सरकार से उम्मीद की जाती है कि इसे एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित करेगी और पर्यटकों के सुविधा का भी विस्तार करेगी। हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के पवित्र स्थल होने के बाद भी पर्यटन क्षेत्र में बिहार पिछड़ा हुआ है।

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सरकार चाहे तो यहां के सभी प्रमुख पर्यटक स्थलों पर सुविधा के साथ इंफ्रास्ट्रचर विकसित कर इलाके का जीवन स्तर सुधार सकती है। पर्यटकों के यहां आने से लोगों को रोजगार भी मिलेगा और संरक्षण भी मिल सकेगा।

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कैसे पहुंचे

पूर्वी चंपारण जिले में स्थित केसरिया आप रेल सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। सबसे आसान सड़क मार्ग से आना है। केसरिया पास के चकिया से 22 किलोमीटर, वैशाली से 55, मुजफ्फरपुर से 75 और राजधानी पटना से 110 किलोमीटर दूरी पर है। रेल मार्ग से आने के लिए आपको चकिया या मोतिहारी रेलवे स्टेशन से यहां आना होगा। नजदीकी हवाई अड्डा पटना ही है। पटना से यहां आपको सड़क मार्ग से आना होगा।

कब पहुंचे-

यहां गर्मी और सर्दी भी काफी पड़ती है। आप फरवरी से मार्च और सितंबर से नवंबर के बीच आना सबसे अच्छा है। बिहार में बरसात के समय आना काफी परेशानी भरा हो सकता है।

-हितेन्द्र गुप्ता

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