हिमाचल के इस मंदिर में होता है मृत व्‍यक्ति की आत्‍मा का लेखा-जोखा, चित्रगुप्‍त करते हैं हिसाब।

Tripoto
20th Jun 2021
Photo of हिमाचल के इस मंदिर में होता है मृत व्‍यक्ति की आत्‍मा का लेखा-जोखा, चित्रगुप्‍त करते हैं हिसाब। by Sachin walia
Day 1

मन्नतें मांगने के लिए हम सब कई सारे मंदिरों में जाते हैं लेकिन जरा सोचिए क्‍या कोई मृत्‍यु के देवता यमराज के मंदिर जाना चाहेगा। जी हां हिमाचल के चंबा में एक ऐसा ही मंदिर है। जहांँ मन्‍नतों की अर्जियां नहीं लगती बल्कि मृत व्‍यक्तियों की आत्‍माओं का लेखा-जोखा होता है। दावा है कि पूरे व‍िश्‍व में यमराज का ऐसा कोई दूसरा मंदिर नहीं है। आइए जानते हैं।

Photo of हिमाचल के इस मंदिर में होता है मृत व्‍यक्ति की आत्‍मा का लेखा-जोखा, चित्रगुप्‍त करते हैं हिसाब। by Sachin walia

मन्दिर का इतिहास
हिमाचल के चंबा जिले में स्थित है मौत के देवता यमराज का मंदिर। इस मंदिर को भारत के इकलौते ऐसे मंदिर की उपाधि प्राप्‍त है, जहांँ मौत के देवता यमराज की मूर्ति स्‍थापित है। यही नहीं इस मंदिर को लेकर लोगों में इतना डर है कि यहांँ जाने वाले पर्यटक मंदिर के अंदर नहीं जाते। अमूमन लोग बाहर से ही प्रणाम करके चले जाते हैं। यमराज के इस मंदिर की स्‍थापना कब और कैसे हुई। इस बारे में कहीं कोई जानकारी नहीं मिलती। मंदिर के जीर्णोद्धार के बारे में कहा जाता है कि चंबा रियासत के राजा ने 6वीं शताब्‍दी में यह कार्य करवाया था। हालांकि जिक्र पूरे मंदिर के बजाए केवल मंदिर की सीढ़‍ियों के जीर्णोद्धार का ही मिलता है।

Photo of हिमाचल के इस मंदिर में होता है मृत व्‍यक्ति की आत्‍मा का लेखा-जोखा, चित्रगुप्‍त करते हैं हिसाब। by Sachin walia
Photo of हिमाचल के इस मंदिर में होता है मृत व्‍यक्ति की आत्‍मा का लेखा-जोखा, चित्रगुप्‍त करते हैं हिसाब। by Sachin walia

होता है कर्मों का लेखा जोखा

नास्तिक हो या आस्तिक सबको जाना पड़ता है। मान्‍यता है कि मरने के बाद हर किसी को यमराज के इस दरबार में जाना ही पड़ता है। फिर चाहे वह नास्तिक हो या फिर आस्तिक। कहा जाता है कि जब भी किसी की मृत्‍यु होती है तो यमराज के दूत आत्‍मा को सबसे पहले इस मंदिर में लेकर जाते हैं। यहांँ उसके कर्मों का हिसाब-किताब होता है।

Photo of हिमाचल के इस मंदिर में होता है मृत व्‍यक्ति की आत्‍मा का लेखा-जोखा, चित्रगुप्‍त करते हैं हिसाब। by Sachin walia

यमराज के इस मंदिर में आत्‍मा के कर्मों का पूरा लेखा-जोखा चित्रगुप्‍त करते हैं। मंदिर परिसर में एक खाली कमरा है। मान्‍यता है कि यही चित्रगुप्‍त का कमरा है जहांँ पर वह मृत व्‍यक्ति की आत्‍माओं का हिसाब-किताब करते हैं। इसके बाद दूत आत्‍मा को यमराज के कक्ष में लेकर जाते हैं। यही वजह है कि लोग इसे ही यमराज का मंदिर मानते हैं। इस मंदिर परिसर में चित्रगुप्‍त के कक्ष में आत्‍मा के उलटे पैर भी दर्शाए गये हैं। यही नहीं मंदिर के भीतर एक धूना है जो सदियों से जलता आ रहा है।

यहांँ आयें कैसे ??
दिल्ली से चंबा इस मन्दिर पर आने के लिए बस से मात्र आपको 580 किलोमीटर लगेंगे। चंबा से आप टेक्सी भी कर सकते हैं। चंबा से टेक्सी आपको आराम से मिल जाएंगी।

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जय भारत

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