
मैक्लॉडगंज (McLeod Ganj), जिसे मैक्लोडगंज या मैकलोड गंज भी लिखा जाता है, भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के काँगड़ा ज़िले में स्थित धर्मशाला नगर का एक उपनगर है। इसमें चीन के तिब्बत पर कब्ज़े के बाद आए कई विस्थापित तिब्बतियों का निवास है, जिस कारणवश इसे कभी-कभी छोटा ल्हासा (Little Lhasa), या धर्मशाला और ल्हासा मिलाकर धासा भी पुकारा जाता है।



मैक्लोडगंज की खूबसूरती
हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों पर बसे मैक्लोडगंज ने, तिब्बत और बुद्ध को अपने भीतर रचा-बसा लिया है. शिवालिक पर्वतों पर बसी ये जगह, स्वर्ग से ज़रा भी कम नहीं है। बौद्ध मठों, ख़ूबसूरत वादियों और बेहतरीन मौसम को ओढ़े मैक्लोडगंज पर प्रकृति मेहरबान है। यहाँ तिब्बत की निर्वासन सरकार का मुख्यालय भी है। यहाँ दलाई लामा भी विराजमान हैं। अध्यात्म, रोमांच और फ़न के संगम मैक्लोडगंज को ये चीज़ें और ख़ास बनाती हैं।


बौद्ध धर्म के मठ
दलाई लामा के आते ही यहां भीड़ उमड़ने लगती है। बुद्ध धर्म के चौदहवें दलाई लामा और उनके समर्थक तिब्बती शरणार्थियों की वजह से, मैक्लोडगंज दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध है। विदेशों से बहुत सारे सैलानी सिर्फ़ इसलिए यहां आते है कि वे यहांँ के आध्यात्मिक परिवेश को समझ सकें। यहां तिब्बतियन बुद्धिज़्म की झलक मिलती है। इस कॉम्प्लेक्स में Tibet Museum, Namgyal Gompa और Tsuglag Khang मंदिर भी है। चारों तरफ़ गूंजती प्रार्थनाएं और मंदिरों में बजने वाली घंटियां यहां को और ख़ास बनाती हैं।यहां आप जिधर देखेंगे उधर सैकड़ों दलाई लामा जैसे संन्यासी नज़र आएंगे। बौद्ध भिक्षुओं से घिरे इस पवित्र मठ का कोना-कोना दर्शनीय है।


चीन का तिब्बत पर कब्जा
चीन के राष्ट्रपति xi jinping ने कहा है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी से संबंधित कोई भी निर्णय चीन में ही होना चाहिए। भारत इसमें दखल न दे, इस संदर्भ में उल्लेखनीय है कि चीन ने तिब्बत पर कब्जा करने के करीब 80 वर्ष बाद भी तिब्बत का चीन को विरोध जारी है और इसका नेतृत्व दलाई लामा करते हैं। तिब्बत में सहायक मंत्री स्तर के अधिकारी वांग नेंग शेंग ने ल्हासा में भारतीय पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा,”दलाई लामा का उत्तराधिकारी एक ऐतिहासिक, धार्मिक और राजनीतिक मुद्दा है। दलाई लामा के उत्तराधिकारी के लिए स्थापित ऐतिहासिक संस्थान और औपचारिकताएं हैं। दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर निर्णय उनकी निजी इच्छा अथवा दूसरे देशों में रहने वाले लोगों के गुट द्वारा नहीं लिया जाता।”दलाई लामा को लेकर भारत अपने रुख पर कायम है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पिछले साल मार्च में कहा था, ”दलाई लामा पर भारत सरकार का रुख स्पष्ट है और सुसंगत है। वह एक माननीय धार्मिक नेता हैं और भारत के लोग उनका बेहद आदर करते हैं। उस रुख में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। भारत में उन्हें सभी धार्मिक क्रिया कलाप करने की पूरी स्वतंत्रता दी गई है।”



मैक्लोडगंज का बाजार
यहां सड़कों पर तिब्बती टोकरियां, पर्स, पेंटिंग्स, और गहने बेचते लोग मिल जाते हैं।इन बाज़ारों में आपको पैसे ख़र्च करने पर अफ़सोस नहीं होगा, क्योंकि यहां की दुकानें ख़रीददारों के लिए जन्नत हैं।



मैक्लोडगंज का स्वादिष्ट खानपान
यहांँ आकर थुकपा खाना मत भूलिएगा। थुकपा तिब्बती नूडल सूप है, जो बहुत स्वादिष्ट लगता है। रहने के लिए यहां हर तरह के होटल्स मिलते हैं, बजट के हिसाब से कोई भी ठिकाना आप चुन सकते हैं।
यहांँ आयें कैसे ??
धर्मशाला तक आप सीधे बस से आ सकते हैं और धर्मशाला बस स्टैंड से आगे मैक्लोडगंज के लिए आप अपनी या प्राइवेट टेक्सी से आ सकते हैं।