हर किसी को बचपन से चिड़ियाघर देखने की इच्छा होती हैं और यह इच्छा कभी नहीं मरती चाहे हम बूढ़े ही क्यों न हो जाए। हर वर्ग के लोगों के अंदर चिड़ियाघर में मौजूद उन अलग-अलग प्रजातियों के पशु-पक्षियों को देखते की लालसा हमेशा जीवित रहती हैं जो हमें बहुत आकर्षित करते हैं। वैसे तो चिड़ियाघरों को इसलिए बनाया जाता है ताकि जो दुर्लभ पशु और पक्षियों की प्रजातियां हैं उनका संरक्षण करके उन पर शोध किया जा सके। लेकिन आजकल चिड़ियाघर हमारे मनोरंजन का भी एक केंद्र बन गए हैं। भारत के लगभग हर बड़े शहर में आपको चिड़ियाघर देखने को मिल जाएगा लेकिन आज मैं आपको भारत के कुछ चुनिंदा और सबसे बड़े चिड़ियाघरों के बारे में बताऊंगी। घर में अगर आप पूरे दिन स्मार्टफोन पर अपना टाइमपास करके बोर हो रहे हैं तो आज ही अपना सामान पैक किजिए और निकल पड़िए इन चिड़ियाघरों को देखने, यकीन मानिए आपको यहाँ एक अलग ही अनुभव का अहसास होगा। जैसा की आप सभी जानते ही हैं कि लॉकडाउन भी काफी जगहों पर खुल चुका हैं और कई मौजूदा जगहों पर इसकी स्थिति भी धीरे धीरे सामान्य होने लगी हैं। ऐसे में भारत के ये शानदार चिड़ियाघर आपके मन को रोमांचित कर देंगें। साथ ही बच्चों को भी आनंद मिलेगा। तो आइए जानते हैं वो प्रसिद्ध चिड़ियाघर कौन से हैं और कहाँ स्थित हैं।
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दिल्ली का चिड़ियाघर
दिल्ली का राष्ट्रीय प्राणी उद्यान सबसे दिलचस्प पर्यटन स्थलों में से एक है। इस चिड़ियाघर को 1959 में बनाया गया था। आपको बता दूं कि यह एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों की सूची में भी शामिल हैं। यह चिड़िया घर दिल्ली के पुराने किले के पास स्थित हैं। यह चिड़ियाघर दुनियाभर के करीब 1,350 पशुओं और 130 पक्षियों की प्रजातियों को आश्रय प्रदान करता है। इस चिड़ियाघर में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और अमेरिका जैसे देशों के सरीसृप, स्तनधारी और पक्षी आपको देखने को मिलेंगे। जब भी आपको दिल्ली जाने का मौका मिले, इस चिड़ियाघर में जरूर जाएं।
कोलकाता का चिड़ियाघर
अलीपुर जू जिसे कलकत्ता चिड़ियाघर या अलीपुर का प्राणी उद्यान भी कहा जाता है, अलीपुर जू भारत में स्थापित सबसे पुराना प्राणि उद्यान है और कोलकाता का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है । 46.5 एकड़ के क्षेत्र में फैला, चिड़ियाघर 1876 से संचालित हो रहा है जो बड़ी संख्या में वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। अलीपुर चिड़ियाघर रॉयल बंगाल टाइगर, हाथी, वन-सींग वाले गैंडे, व्हाइट टाइगर, ज़ेबरा, मृग, हिरण ,मैकॉव और लोरिकेट, स्वाइनहो के तीतर, लेडी एमहर्स्ट के तीतर और गोल्डन तीतर, शुतुरमुर्ग, ईमू, हॉर्नबिल्स जैसे बड़े पक्षियों का घर है। आपको बता दूं कि यह चिड़ियाघर एक कछुए के लिए प्रसिद्ध है जो 250 साल तक जीवित रहा और साल 2006 में उसकी मृत्यु हो गई। सर्दियों के मौसम के दौरान, अलीपुर चिड़ियाघर कुछ प्रवासी पक्षियों जैसे सुरस क्रेन का निवास स्थान भी बन जाता है। अलीपुर चिड़ियाघर प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों के लिए या अपने बच्चों और परिवार के साथ घूमने जाने के लिए कोलकाता के लोकप्रिय जगहों में से एक है।
चेन्नई का चिड़ियाघर
चेन्नई में स्थित अरिनगर अन्ना जुलॉजिकल पार्क भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यह देश का सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध चिड़ियाघर है और इसे देश का पहला पब्लिक जू भी कहा जाता है। इस चिड़ियाघर को पहले मद्रास जू के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर तमिल नेता अरिनगर अन्ना के नाम पर कर दिया गया। यह चिड़ियाघर लगभग 1300 एकड़ में फैला हुआ है और यहाँ 1500 से ज्यादा पशु-पक्षियों की प्रजातियां मौजूद हैं। इसके साथ ही इस चिड़ियाघर में पेड़-पौधों की 2553 प्रजातियाँ मौजूद हैं। इस चिड़ियाघर में बहुत सारी मछलियों, स्तनधारी जीवों और कीड़ों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं। इसके अलावा बटरफ्लाई हाउस, रैपटाइल हाउस, मगरमच्छ जैसे कई जानवर यहाँ रहते हैं।
हैदराबाद का चिड़ियाघर
हैदराबाद का चिड़ियाघर 380 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 1963 में हुई थी। इसे नेहरू जियोलॉजिकल पार्क कहा जाता है। यहाँ बहुत सारे पशु पक्षियों की भरमार है। इस चिड़ियाघर में एक बड़ी झील भी है जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं। यहाँ आप खुद की गाड़ी में घूमने का भी लुत्फ उठा सकते हैं। कहा जाता हैं कि यह चिड़ियाघर निशाचर जानवर जैसे फ्रूट बैट्स, वुड उल्लू, ग्रेट हॉर्न्ड उल्लू का घर है। इसके अलावा भी आपको यहाँ कई अन्य जानवर भी देखने को मिलेंगे।
असम का चिड़ियाघर
असम के गुवाहाटी में स्थित यह चिड़ियाघर पूर्व भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर हैं जो कि 432 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। इसकी स्थापना 1957 में हुई थी। यहाँ पर बंगाल टाइगर, एशियाटिक लायन, हिमालनीय काला भालू, भारतीय गैंडे के अलावा कई अन्य देशी और विदेशी पशु और पक्षी हैं। इस चिड़ियाघर में पिग्मी हॉग का संरक्षण भी किया जा रहा है। जो कि दुनिया में पाए जाने वाला सबसे छोटा जंगली सूअर है। इस सब के अलावा भी यहाँ कई अन्य जानवर भी संरक्षित है।
दार्जिलिंग का चिड़ियाघर
पद्मजा नायडू हिमालय चिड़ियाघर को दार्जिलिंग चिड़ियाघर भी कहा जाता है। इस पार्क का निर्माण वर्ष 1958 में हुआ था। इस पार्क में हर साल करीबन 300,000 पर्यटक लाल पांडा और अन्य जानवरों को देखने आते हैं। 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह भारत का सबसे बड़ा उच्च ऊंचाई चिड़ियाघर है। पहले इस पार्क को "हिमालयी जूलॉजिकल पार्क" के रूप में जाना जाता था। लेकिन वर्ष 1975 में, श्रीमती इंदिरा गांधी ने पश्चिम बंगाल की पूर्व राज्यपाल श्रीमती पद्मजा नायडू के नाम पर इस पार्क का नाम पर उन्हें समर्पित कर दिया। इस चिड़ियाघर में कई लुप्तप्राय जानवरों को देखा जा सकता है। जानवरों की अन्य लुप्तप्राय प्रजातियों में साइबेरियाई टाइगर्स और गोरल या माउंटेन गोकट शामिल हैं। हिल मैनास, रोज़ ऐंग पारेकेट्स, ब्लू गोल्ड माकॉ जैसे विभिन्न पक्षी प्रजातियों को देखा जा सकता है। चिड़ियाघर में मरखोर, हिमालय थार, तिब्बती भेड़ियों, हिमालयी ब्लैक बियर, याक्स, ब्लू शेप जैसे कुछ जानवरों के नाम भी हैं।
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