नज़र अंदाज होता खूबसूरत भद्रवाह
आज हम बात करने जा रहे हैं एक दिलचस्प भद्रवाह की। एक ऐसे गांव की जो अपनी पहचान का मोहताज हमेशा से ही रहा है। या रहता आ रहा है। ऐसा नहीं है कि इस गांव में सैलानियों के लिए आकर्षण का कुछ भी नहीं। बहुत से सैलानियों को इस गांव के बारे मे अभी तक पता नहीं है। भद्रवाह को मिनी कश्मीर भी कहा जाता है, यहां गहरी वादियां, कलकल करते दूध जैसे शीतल पानी के झरनों, लंबी-लंबी चारागाहों, ऊंचे-ऊंचे बर्फ से ढके पहाड़ दिन में सोने तो रात को चांदी जैसी छटा बिखेरते हैं। जम्मू से भद्रवाह मात्र 185 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भद्रवाह की खूबसूरती देखते ही बनती है।
प्राचीन काल समय के स्थापित मन्दिर
प्राचीन वासुकि नाग मन्दिर
भद्रवाह में प्राचीन काल के स्थापित मन्दिर आज भी आपको यहां देखने को मिलेंगे। हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार, वासुकी नागों के राजा हुआ करते थे जिनके माथे पर नागमणि लगी थी। मंदिर में वासुकी भगवान की मूर्ति लगी हुई है जो एक बड़े से पत्थर से बनाई गई है। कैलाश यात्रा से पहले यहां विशेष पूजा को करने का प्रावधान है। मन्दिर के प्रांगण से भद्रवाह की सुंदरता देखते ही बनती है।
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भद्रवाह की 5 खूबसूरत घुमने लायक स्थान
1) चिटां घाटी, ये चिनाब नदी से 6500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है
2) पादरी, ये समुद्र तल से 10500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यह स्थान सबसे ज्यादा बर्फबारी के लिए प्रसिद्ध है।
3) जय घाटी, ये घाटी अपनी सुंदरता और ऊंचे ऊंचे पेड़ों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
4) सियोज मियोडो, पहाड़ों से बहने बाली छोटी छोटी नदियां आपको मंत्रमुग्ध कर देंगी।
5) भाल पादरी, शहर से दूर आपको यहां पर मन की शांति का अनुभव होगा।
केवल इन्हीं 5 स्थानों को देखने मात्र से आप अपनी यात्रा को संपूर्ण समझेंगे।
पहाड़ी क्षेत्र में पाई जाने वाली गुच्छी
दोस्तों पहाड़ी क्षेत्र में पाई जाने वाली ये एक दुर्लभ जड़ी है।
ये यहां गुच्छी के नाम से बहुत प्रसिद्ध है। यहां इसको सब्जी के तौर पर खाया जाता है। ये अनोखी और दुर्लभ गुच्छी बहुत ही कम मात्रा में पाई जाती है। यह गुच्छी अनेकों रोगों के लिए भी रामबाण का काम करती है। यह पहाड़ी गुच्छी 15000 रुपए प्रति किलो की दर से बिकती है। इसका महंगी होने के कारण यह बाजार मे आम नहीं मिल पाती है। आपको बताते चलें कि इस गुच्छी की कोई खेती नहीं होती है अपितु यह प्राकृतिक तौर पर पहाड़ो के ऊंचे स्थानों मे कुदरती तरीके से पैदा होती है। खाने के मामले में यह गुच्छी बहुत ही स्वाद और विटामिनों से भरपूर होती है।
यहां तक कैसे आया जा सकता है
जम्मू से भद्रवाह मात्र 185 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भद्रवाह पर आने के लिए आप चौपहिया वाहन से भी आ सकते हैं वाहन के लिए यहां मार्ग उचित है।भद्रवाह की इन्हीं 5 स्थानों में घुमने के लिए आपको 7 दिन उचित होंगे। इसलिए आप 7 दिनों के हिसाब से, घर से निकलने का प्रबंध कर लें।
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जय भारत
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