बिहार पर्यटन की दृष्टि से काफी पिछड़ा हुआ है। यहां कई अद्भुत पर्यटक स्थल होने के बाद भी उसके विकास और प्रचार-प्रसार पर ध्यान नहीं दिया गया। पर्यटक स्थल के आप-पास बुनियादी सुविधाओं का विकास नहीं किया गया। सरकार की लापरवाही या सक्षम-कुशल नेतृत्व के अभाव या फिर दूर-दीर्घदृष्टि की कमी के कारण यह क्षेत्र उपेक्षित रहा। जबकि दुनिया में पर्यटन एकमात्र क्षेत्र है जिसमें कम लागत में लाभ ज्यादा है। ज्यादा लोगों को रोजगार भी मिलता है और लोगों का जीवन स्तर भी सुधरता है।
अब बिहार के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने गुरुवार को वीरपुर स्थित मानसरोवर झील के पुनरुद्धार की आधारशिला रखी। अभिनेता सुशांत सिंह के रिश्ते में भाई नीरज सिंह बबलू ने कहा कि वे मानसरोवर झील के पुनरुद्धार के लिए वर्षों से कोशिश कर रहे थे। अब इसे वन विभाग को दे दिया गया है। झील के कायाकल्प के लिए पहले फेज में 10 करोड़ की राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मानसरोवर झील को बिहार ही नहीं उत्तर-भारत के सबसे बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। दैनिक जागरण की खबर के अनुसार मंत्री ने कहा कि वीरपुर की पहचान इस मानसरोवर झील को लेकर पर्यटन स्थल के रूप में होगी। होटल और अन्य सुविधाएं भी यहां उपलब्ध होगी। पूरी तरह से बन जाने के बाद यहां नेपाल के साथ दूर-दराज के लोग घूमने आएंगे।
नेपाल से सटे होने के कारण यहां पर्यटकों के आने की अपार संभावनाएं हैं। 1987 में सहरसा के तत्कालीन जिलाधिकरी ने बस स्टैंड से पश्चिम कोसी प्रोजेक्ट की 32 एकड़ जमीन पर मैत्री झील (वर्तमान में मानसरोवर झील) का निर्माण किया था। उस समय इस झील को बनाने पर 34 लाख की लागत आई थी। इस प्रस्तावित मानसरोवर झील पार्क परिसर में में वोटिंग घाट, रंग-बिरंगे फूलों के पौधे, छतरी, मेडिसनल गार्डेन, पार्टी लॉन, झोपड़ी, लेक आई लैंड, बटर फ्लाई गार्डेन, कैफेटेरिया, जापानी गार्डेन, शॉपिंग कम्पलेक्स, लिली पाउंडस आदि विकसित करने की योजना बनाई गई है।