कोरोना काल में देश के तीन सबसे बड़े मंदिरों तिरुपति बालाजी, शिर्डी साईं मंदिर और वैष्णो देवी में आने वाले भक्तों की संख्या और दान की राशि पर भारी असर पड़ा है।
कोरोना की पहली लहर में तिरुपति बालाजी मंदिर 20 मार्च 2020 से 7 जून 2020 तक बंद रहा। दैनिक भास्कर अखबार के मुताबिक तब शायद पहली बार ऐसा हुआ कि मंदिर का दान शून्य पर आ गया। वैसे पिछले साल 2020 में दान 731 करोड़ रुपये के आसपास रहा। जो साल 2019 के मुकाबले करीब 500 करोड़ रुपये कम था। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर में लॉकडाउन के दौरान तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन और दान का सिलसिला जारी रहा। लेकिन यहां आने वाले भक्तों की संख्या काफी कम रही। देश के सबसे अमीर मंदिर में अप्रैल-मई 2021 में हर दिन करीब 5000 भक्तों ने दर्शन किए और 50 लाख रुपए से ज्यादा का चढ़ावा मिला।
शिर्डी का साईं मंदिर जहां सालों भर भक्तों का हुजूम रहता है। सबसे ज्यादा दान पाने वाले मंदिरों में यह दूसरे स्थान पर है। कोरोना की पहली लहर के दौरान मार्च से नवंबर के बीच मंदिर बंद रहा। दूसरी लहर के दौरान भी 6 अप्रैल को मंदिर भक्तों के लिए बंद कर दिया गया। इस दौरान मंदिर को मिलने वाले दान में भारी कमी आई। दैनिक भास्कर के मुताबिक 2019 में डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने मंदिर को 357 करोड़ का दान चढ़ाया था। वहीं अप्रैल 2020 से 25 मई 2021 तक कुल दान 62 करोड़ के आसपास मिला।
वैष्णोदेवी मंदिर में भी भक्तों की संख्या में काफी गिरावट आई। हालांकि मंदिर को दर्शन के लिए बंद नहीं किया गया था लेकिन जहांआम दिनों में 20 से 25 हजार श्रद्धालु रोज आते थे, कोरोना के दौरान ये संख्या 15- 50 तक आ गई। अब स्थिति में सुधार होने पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। एक जानकारी के मुताबिक मंदिर के पास 1800 किलो सोना, 2000 करोड़ रुपए के डिपॉजिट्स और करीब 4700 किलो चांदी की संपत्ति है। लॉकडाउन के दौरान कितना दान मिला, यह अभी साफ नहीं हो पाया है।