बुद्ध स्मृति पार्क काफी जल्दी ही पटना का सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थल बन गया है। पटना के लोगों के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों के लिए भी यह एक आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। पटना जंक्शन के पास होने के कारण पटना आने वाले तकरीबन सभी लोग यहां जरूर आते हैं। पटना का यह पार्क अब दुनियाभर के बौद्ध पर्यटकों के लिए आस्था का केंद्र बन गया है।
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बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने 27 मई, 2010 को इसका उद्घाटन किया था। दलाई लामा ने उद्घाटन के अवसर पर दो पौधे लगाए। एक पौधा बोधगया से लाया गया था, जबकि दूसरा श्रीलंका में अनुराधापुरा स्थित पवित्र बोधि वृक्ष से लाया गया था।
बताया जाता है कि सम्राट अशोक के पुत्र महेंद्र और बेटी संघमित्रा जब धर्म प्रचार के लिए श्रीलंका गईं तो अपने साथ बोधगया से मूल बोधि वृक्ष की एक शाखा ले गईं। इसे उन्होंने श्रीलंका के अनुराधापुर शहर में लगा दिया। एक पौधा वहीं से लाया गया है।
बुद्ध स्मृति पार्क का मुख्य आकर्षण 200 फीट ऊंचा पाटलिपुत्र करुणा स्तूप है। पार्क के मध्य में स्थित यह स्तूप दूर से ही दिख जाता है। करीब 22 एकड़ में फैले इस पार्क में बने पाटलिपुत्र करुणा स्तूप में भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थि कलश है। यहां जापान, म्यांमार, तिब्बत, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका और थाईलैंड के पवित्र बौद्ध अवशेष भी रखे गए हैं। इन अवशेषों को अलग-अलग मंजूषाओं में रखा गया है।
इस पार्क में ध्यान केंद्र, पार्क ऑफ मेमोरी, म्यूजियम और लाइब्रेरी भी हैं। यहां नालंदा के प्राचीन महाविहार के मठों की तरह ही ध्यान केंद्र बनाए गए हैं। इसमें 60 कमरे हैं और हर कमरे से मुख्य स्तूप को देखा जा सकता है। पार्क ऑफ मेमोरी में कई देशों के स्तूप हैं। इसमें पांच हजार लोगों के बैठने की क्षमता है। लाइब्रेरी में बौद्ध धर्म की कई दुर्लभ पुस्तकें रखी गई हैं।
करुणा स्तूप की परिक्रमा के लिए तीन अलग-अलग प्रदक्षिणा पथ बनाए गए हैं। इस पथ से होकर आप स्तूप के ऊपर तक जा सकते हैं। इस प्रदक्षिणा पथ से आप पार्क के सुंदर दृश्य को भी निहार सकते हैं। यहां खूबसूरत उद्यान बनाए गए हैं जो आपके सभी टेंशन को दूर कर असीम शांति प्रदान करेंगे।
यहां हर शाम सात बजे के करीब एक लेजर शो का आयोजन किया जाता है। इस शो में आपको बिहार के बारे में काफी कुछ देखने और समझने को मिलेगा। करीब 125 करोड़ रुपये में बने इस स्मृति पार्क ने पटना में पर्यटन को एक नया मायने दे दिया है। यहां रोज हजारे लोग आते हैं।
नजदीकी दर्शनीय स्थल
पटना में बुद्ध स्मृति पार्क के साथ आप और दर्शनीय स्थलों को देख सकते हैं। पटना में आप पटन देवी मंदिर, श्री हरिमंदिर पटना साहिब गायघाट गुरुद्वारा, महावीर मंदिर, गोल घर, चिड़ियाघर, इंदिरा गांधी तारामंडल, खुदावक्श लाइब्रेरी, श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र संग्रहालय के साथ पटना म्यूजियम भी देख सकते हैं।
कैसे पहुंचे-
पटना देश के सभी हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप यहां सड़क, रेल या हवाई मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। रेलवे स्टेशन से आप यहां पैदल जा सकते हैं।
कब पहुंचे-
पटना में गर्मी बहुत ज्यादा पड़ती है। यहां बरसात और गर्मी के समय आने से बचना चाहिए। वैसे गर्मी में सुबह और शाम के समय घूम सकते हैं। वैसे स्तूप पूरी तरह से एयरकंडीशंड है, इसलिए भीतर कोई दिक्कत नहीं होगी।
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