इस पर्यावरण दिवस पर जानिए भारत में एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के बारे, प्रकृति का है खूबसूरत तोहफा -

Tripoto
5th Jun 2021
Photo of इस पर्यावरण दिवस पर जानिए भारत में एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के बारे, प्रकृति का है खूबसूरत तोहफा - by Pooja Tomar Kshatrani
Day 1

जिस तरह कश्मीर के बारे में कहा जाता है कि धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो वह बस यहीं है, उसी तरह मेघालय में एक ऐसा गांव है जिसके बारे में कहा जाता है कि वह 'गॉड्स ओन गार्डन यानी भगवान का अपना बगीचा' है। आखिर ऐसा क्या है इस गांव में और क्या है इसका नाम कि दुनियाभर के लोगों के बीच यह आकर्षण का केंद्र है?

Photo of इस पर्यावरण दिवस पर जानिए भारत में एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के बारे, प्रकृति का है खूबसूरत तोहफा - by Pooja Tomar Kshatrani

यहां बात हो रही है मावलिननांग नाम के गांव की। भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय का यह गांव दरअसल अपनी बेजोड़ स्वच्छता के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। इस गांव को एशिया का सबसे साफ सुथरे गांव का दर्जा मिला हुआ है। इस गांव को देख आप भी हैरत में रह जाएंगे और लगेगा कि यकीनन यह पृथ्वी पर किसी अजूबे से कम नहीं है। जहां स्वच्छता होती है भगवान भी वहीं विराजते हैं और शायद इसी वजह से इस गांव को 'भगवान का अपना बगीचा' के नाम से प्रसिद्धि मिली हुई है।

इस गांव की खूबसूरती को निहारने के लिए आप बाकायदा टूर पैकेज बुक करा सकते हैं या फिर दोस्तों के साथ प्लान बनाकर एक कैजुअल ट्रिप प्लान कर सकते हैं। इस गांव में काफी सारी चीजें देखने लायक हैं।

Photo of इस पर्यावरण दिवस पर जानिए भारत में एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के बारे, प्रकृति का है खूबसूरत तोहफा - by Pooja Tomar Kshatrani

यहां लिविंग रूट ब्रिज यानी खुद पेड़ों की जड़ों से बनाए गए ब्रिज मौजूद हैं।लिविंग रूट ब्रिज को यूनेस्को का विश्व धरोहल स्थल घोषित किया जा चुका है। नदी के ऊपर लटकते ये पुल रबर के पेड़ों से लटकती जड़ों से बने हैं जोकि दूसरे पेड़ की जड़ों से जुड़े हैं। ये कई सालों से अपनी सफाई के लिए बहुत प्रसिद्ध है और यहां आने वाले लोगों को इसका अहसास हो जाता है। ये ब्रिज काफी अच्छे हैं और देश-विदेश से लोग इन्हें देखने आते हैं, ये ट्रेकिंग के लिए खास है और यहां प्रकृति प्रेमी आते हैं।

प्लास्टिक का नहीं होता इस्तेमाल -

Photo of इस पर्यावरण दिवस पर जानिए भारत में एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के बारे, प्रकृति का है खूबसूरत तोहफा - by Pooja Tomar Kshatrani

इस गांव में प्लास्टिक जैसी हर उस चीज के प्रयोग पर पाबंदी है, जिसे आसानी से रीसायकल नहीं किया जा सकता।  इसके अलावा यहां धूम्रपान पर भी बैन है, ताकि यहां की हवा प्रदूषण से दूर रह सके। यहां लोग अपने आस-पास बांस की बनी हुई डस्टबीन का इस्तेमाल करते हैं। सामान ले जाने के लिए कपड़ों से बने थैलों का इस्तेमाल करते हैं और साथ ही साथ अगर किसी टूरिस्ट ने कुछ फेंक दिया है तो लोग खुद ही सफाई करते हैं। यहां बच्चे भी इस बात का ध्यान रखते हैं कि यहां किसी भी तरह का कचरा नहीं फेंकना है

साक्षरता दर 100%-

Photo of इस पर्यावरण दिवस पर जानिए भारत में एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के बारे, प्रकृति का है खूबसूरत तोहफा - by Pooja Tomar Kshatrani

अगर आपको लगता है कि मेघालय में दूर दराज की जगह रहने वाले लोग इतने पढ़े-लिखे नहीं होंगे तो ये आपकी गलतफहमी है। ये एक आदर्श टूरिस्ट डेस्टिनेशन होने के साथ-साथ आदर्श गांव भी है। यहां पर लोग बढ़िया अंग्रेजी बोल सकते हैं। यहां तक कि वो इतने सजग हैं कि अपने घर बार का कचरा एक गड्ढे में डालकर उसकी खाद बनाते हैं और पेड़ों के लिए इस्तेमाल करते हैं। अब सोचिए यहां के लोग कितने एडवांस हैं।

ये गांव महिला सशक्तिकरण की मिसाल भी पेश करता है। यहां पर बच्चों को मां का सरनेम मिलता है और पैतृक संपत्ति मां द्वारा घर की सबसे छोटी बेटी को दी जाती है।

खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन-

Photo of इस पर्यावरण दिवस पर जानिए भारत में एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के बारे, प्रकृति का है खूबसूरत तोहफा - by Pooja Tomar Kshatrani

कहने के लिए तो मावलिननॉन्ग महज एक छोटा सा गांव है। किन्तु, इसको देखने के लिए लोग जिस तरह से पहुंच रहें, उससे यह एक पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाने लगा है। 

एक बड़ी संख्या में लोग इसके दीदार को पहुंच रहे हैं। यहां मौजूद मावलिननॉन्ग वाटरफ़ॉल, सुंदर प्राकृतिक पुल, टी स्टॉल, ऑर्गेनिक फ़ूड रेस्टोरेंट्स जैसे कई स्थल देखते ही बनते हैं।

Photo of इस पर्यावरण दिवस पर जानिए भारत में एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के बारे, प्रकृति का है खूबसूरत तोहफा - by Pooja Tomar Kshatrani

ये गांव भारत-बंगलादेश बॉर्डर पर स्थित है और यहां बहुत ही अच्छे व्यू मिल जाएंगे देखने के लिए। इसी के साथ यहां की एंट्री टिकट बस 10 रुपए प्रति व्यक्ति है। यहां प्रकृतिक सुंदरता भी बहुत है। यहां पर आपको रंग-बिरंगे फूलों के कई गार्डन मिलेंगे, जो यहां की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं।।इस गांव में एक खास पहाड़ी भी मौजूद है, जहां से  शिलांग की खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य को निहारा जा सकता है।

Church of Epiphany-

Photo of इस पर्यावरण दिवस पर जानिए भारत में एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के बारे, प्रकृति का है खूबसूरत तोहफा - by Pooja Tomar Kshatrani

Mawlynnong गांव का लैंडमार्क है एपिफपनी का चर्च, जोकि 100 साल पुराना है, लेकिन आज भी इसका चार्म और खूबसूरती वैसी की वैसी ही है।

कैसे पहुंचें -

Photo of इस पर्यावरण दिवस पर जानिए भारत में एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के बारे, प्रकृति का है खूबसूरत तोहफा - by Pooja Tomar Kshatrani

अगर आप नॉर्थ ईस्ट ट्रिप प्लान कर रहे हैं तो यहां जा सकते हैं। यहां शिलॉन्ग में Umrai Airport सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है और उसके बाद आप वहां से प्राइवेट कैब कर सकते हैं।शिलॉन्ग से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद इस गांव में आसानी से पहुंचा जा सकता है।

Photo of इस पर्यावरण दिवस पर जानिए भारत में एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के बारे, प्रकृति का है खूबसूरत तोहफा - by Pooja Tomar Kshatrani

हम अक्सर सफाई जैसे चीजों के लिए सरकार और प्रशासन पर निर्भर रहते हैं। जबकि, सच तो यह है कि यह हमारी और आपकी सक्रियता के बिना संभव नहीं है। मेघालय के इस छोटे से गांव की विकास यात्रा हमारे लिए सबक है। बस हम इसे अपने जीवन में कैसे लेते हैं, यह तय करता है कि सूरत क्या होगी!

जो कोरोना वायरस का डर खत्म हो जाए तो इस गांव में जरूर जाएं और कुछ दिन बिताएं यकीनन बहुत सुकून मिलेगा।

Further Reads