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प्राचीन काल में बिहार को मगध के नाम के साथ-साथ एशिया का सबसे बड़ा प्रांत भी माना जाता था।बिहार आज भी कई प्राचीन और खूबसूरत पर्यटक स्थलों के लिए समूचे हिंदुस्तान में फेमस है।बिहार में कई ऐसी खास जगह हैं, जहां लोग घूमने जाते हैं।अगर आप भी कोरोना काल के बाद बिहार जाने का मन बना रहे हैं तो बिहार के कहलगांव में स्थित शांतिधाम जाना ना भूलें।
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वैसे जिंदगी में कुछ अनुभव ऐसे होने चाहिए जो आपको ताउम्र याद रहें। अगर आप भी ऐसे ही शख्स में से एक हैं तो एक बार शांतिधाम जरूर घूमें। यहां आपको आस्था का एक नया ही रंग देखने को मिलेगा।
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कहलगांव,बिहार के भागलपुर जिले में स्थित हैं। कहलगांव गंगा नदी के तट पर बसा हैं और चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ हैं। यहां के पहाड़ी अपने मनोरम दृश्य के कारण हर साल लाखों पर्यटकों को यहां आने के लिए बाध्य करती है। गंगा नदीं के ठीक बीच में एक बेहद मनोरम पहाड़ी द्वीप है। इस द्वीप को शांतिधाम के नाम से जाना जाता है।इस द्वीप पर एक मंदिर स्थापित हैं जहां ब्रह्मलीन शांति बाबा की समाधि हैं। चारों ओर नदी और बीच में यह द्वीप का नज़ारा किसी जन्नत से कम नहीं हैं।
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वर्ष 1900 में राजस्थान के झंझनू जिले में जन्मे शांति बाबा के बचपन का नाम वंशीधर था। उन्होंने कहलगांव आकर इसी पहाड़ी पर वर्षों तक कठोर तपस्या की और अंततः समाधिस्थ हो गये।बस तब से उनके अनुयायियों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों की यहां भारी भीड़ होती है। साथ ही इसकी प्राकृतिक छटा इसे मनोरम बनाता है।इस पहाड़ी से सटे दो अन्य पहाड़ियों और भी हैं।यह पहाड़ी सिख श्रद्धालुओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। पहाड़ी पर स्थित मंदिर में सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरू ग्रंथ साहिब स्थापित होने के कारण इसे नानकशाही के नाम से भी जाना जाता है।यहां ब्रह्मलीन शांति बाबा की पुण्यतिथि पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों के अलावा कनाडा, सिंगापुर और नेपाल से भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
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शांतिधाम देश-विदेश के लाखों पर्यटकों और श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन गया है। कई दिनों से यह इंटरनेट पे भी काफी वायरल हो रहा है।इस जगह की ख़ूबसूरती आपको इसका कायल बना देगी।मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको नौका का सहारा लेना होगा।नौका की सवारी आपके इस सफर में एक अलग ही रोमांच पैदा कर देगी।
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कैसे पहुंचे
भागलपुर से 235 किमी दूर पटना में घरेलू हवाई अड्डा स्थित है। भागलपुर से कहलगांव 30 से 40 किलोमीटर दूर है। कहलगांव रेलवेस्टेशन से आप ऑटो या कैब कर के यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
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