नमस्कार दोस्तों उत्तराखंड सीरीज में आपका स्वागत है ।।
भगवान शिव को देवभूमि उत्तराखंड मे सबसे आराध्य माना जाता है कैलाश पर्वत के बाद यहीं उनका निवास स्थान है इतिहास में कई ऐसे महात्मा हुए है जिन्होंने यही भगवान शिव को प्राप्त किया है इसलिए आपको यहां उनके कई मंदिर देखने को मिलते है।
Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ
भगवान शिव को समर्पित पांच मंदिर जिनको हम पंच केदार के नाम से जानते है आप सभी ने श्री केदार नाथ धाम के बारे मे सुना होगा और आप-मे से बहुत से लोग वंहा जा भी चुके होंगे और कुछ का सपना भी होगा वहां जाने का. तो आज मै आपको उन सभी पांचों धामो के बारे बताने वाला हूं जिनके दर्शन और अराधना के बिना भगवान शिव की भक्ति अधूरी है और इन मंदिरो के दर्शन करते ही आप साक्षात् भगवान शिव के दर्शन इस लोक में पूर्ण करते हो।
केदारनाथ, कैसे जाएँ, कहाँ घूमें, क्या करें, मिलेगी सारी जानकारी
1- श्री केदारनाथ धाम - बर्फ से ढकी चोटियों और जंगलों की शानदार भूमि में स्थित, केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है और पंच केदार मंदिरों में एक प्रमुख स्थान रखता है। मंदिर में एक शंक्वाकार आकार का शिव लिंग है जिसे शिव का कूबड़ माना जाता है यहां भगवान शिव कि अद्भुत रूपी पंचमुखी मूर्ती है। यह 3,584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर के कपाट साल के बस 6 महीने ही खुला रहता है। केदारनाथ मंदिर तक का ट्रेक गौरीकुंड से शुरू होता है और लगभग 19 किलोमीटर की चढ़ाई वाला ट्रेक है। यह ट्रेक 6-7 घंटे में पूरा किया जा सकता है।
2- श्री तुंगनाथ महादेव - दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिरों में से एक, तुंगनाथ रुद्रप्रयाग जिले में 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव की भुजाएं प्रकट हुई थीं। यहां पहुंचने के लिए तीर्थयात्रियों को चोपता से लगभग 4 किमी की मध्यम यात्रा करनी पड़ती है। रास्ते में आपको नंदा देवी, चौखंबा और नीलकंठ जैसी चोटियां दिखाई देंगी यंहा से आगे चंद्रशिला ट्रेक का रास्ता जाता है।
3- श्री रुद्रनाथ मंदिर - घास के मैदानों और घने जंगलों के बीच 2,286 मीटर पर स्थित एक प्राकृतिक रॉक मंदिर है, यहां भगवान शिव को 'नीलकंठ महादेव' के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि यहीं उनका चेहरा जमीन पर आया था। पवित्र कुंड (ताल) जैसे सूर्य कुंड, चंद्र कुंड, तारा कुंड और मन कुंड मंदिर के चारों ओर मौजूद हैं। इस मंदिर तक कई ट्रेक मार्ग हैं, जिनमें से अधिकांश गोपेश्वर गांव से शुरू होते हैं। सागर गांव तक सड़क मार्ग से 5 किमी की यात्रा और उसके बाद लगभग 20 किमी का ट्रेक आपको इस मंदिर तक ले जाता है। गंगोलगांव तक 3 किमी की सड़क यात्रा और उसके बाद 17 किमी की चढ़ाई ट्रेक एक और मार्ग है। गोपेश्वर से एक अन्य मार्ग मंडल तक 13 किमी का मार्ग है, इसके बाद अनसूया देवी मंदिर तक 6 किमी और रुद्रनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए 20 किमी का रास्ता है। जोशीमठ (45 किमी) और कल्पेश्वर से अन्य ट्रेक मार्ग भी हैं।
4- श्री मध्यमहेश्वर - लगभग 3267 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, मध्यमहेश्वर में शिव के मध्य या नाभि भाग का उदय हुआ। मंसूना गांव में एक खूबसूरत हरी घाटी में स्थित, मंदिर से केदारनाथ, चौखंबा और नीलकंठ की शानदार बर्फ से ढकी चोटियों से घिरा हुआ है। मध्यमहेश्वर तक का ट्रेक उखीमठ से लगभग 18 किमी दूर उनियाना से शुरू होता है। रांसी गांव में 3 किमी के लिए ट्रेकिंग के बाद और 6 किमी के बाद गौंधर गांव में आवास का प्रावधान है। यह कुल 19 किलोमीटर लंबा ट्रेक है।
5- श्री कल्पेश्वर महादेव - मंदिर पंच केदार तीर्थ सर्किट की सूची में अंतिम और पांचवां मंदिर, कल्पेश्वर पवित्र पंच केदार मंदिरों में एकमात्र मंदिर है जो पूरे वर्ष खुला रहता है। इस मंदिर के अंदर भगवान शिव के उलझे हुए बालों की पूजा की जाती है। पंच केदार मार्ग कल्पेश्वर (कल्पनाथ) में समाप्त होता है। मोटर योग्य सड़कें सागर गाँव को हेलंग (58 किमी दूर) से जोड़ती हैं ।
कैसे पहुंचे -
हवाई मार्ग , सड़क मार्ग, और रेल मार्ग
पंच केदार के लिए रूद्रप्रयाग या ऊखीमठ बेस कैम्प है जो कि भारतवर्ष से पूर्ण रूप सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।
• यहां से निकट हवाई अड्डा देहरादून है जो कि (175 km rudraprayag)(215km ukhimath) है।
• निकट रेलवे स्टेशन ऋषिकेश या हरिद्वार है यह भी देशभर से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
•अपको यह जानकारी कैसी लगी कमेंट में जरूर बताएं और साथ ही पोस्ट को लाइक भी करे ताकि मै आपके लिए इसी तरह और भी लेख लिख सकूं।
उपरोक्त सभी फोटो मेरे साथी द्वारा दी गई है pc credit @vipul kohli
:अधिक जानकारी हेतु आप मुझ से इंस्टाग्राम के माध्यम से जुड़ सकते हो
@suraj_ra_wat
: पंचकेदार यात्रा और उत्तराखंड में सभी ट्रेक ,के लिए आप मुझसे जुड़ सकते है ।https://www.instagram.com/the_himalayantrek?r=nametag
कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें
Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ।