कालकाजी मंदिर: यहां प्रकट हुई थीं मां महाकाली

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Photo of कालकाजी मंदिर: यहां प्रकट हुई थीं मां महाकाली by Hitendra Gupta

दिल्ली में नेहरू प्लेस के पास माता कालका को समर्पित श्री कालकाजी मंदिर है। श्री कालकाजी मंदिर के कारण यह इलाका कालकाजी के नाम से दुनिया भर में फेमस है। यह मंदिर दिल्ली के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। माता कालका मां काली देवी की अवतार हैं। श्री कालकाजी मंदिर को जयंती पीठ या मनोकामना सिद्ध पीठ भी कहते हैं। मान्यता है कि यहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

सभी फोटो श्री कालकाजी मंदिर

Photo of Shri Kalka Ji Temple, Metro Station, Ma Anandmayee Marg, NSIC Estate, Block 9, Kalkaji, New Delhi, Delhi, India by Hitendra Gupta

मां आदिशक्ति के काली रूप को समर्पित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसी जगह महाकाली के रूप में प्रकट होकर माता ने राक्षसों का संहार किया था। कथा है कि राक्षसों के अत्याचार से पीड़ित देवताओं ने यहीं पर शक्ति की आराधना की थी। देवताओं के कष्ट के निवारण के लिए माता पार्वती ने कौशिकी देवी को प्रकट किया। कौशिकी देवी ने राक्षसों का संहार करना शुरू किया, लेकिन रक्तबीज बच गया। तब माता पार्वती ने अपनी भृकुटी से महाकाली को प्रकट किया। महाकाली ने रक्तबीज का संहार तो कर दिया, लेकिन उनका उग्र रूप देखकर देवतागण भयभीत हो गए। इसके बाद देवताओं ने उनकी स्तुति करनी शुरू कर दी। स्तुति से प्रसन्न होकर मां काली ने वरदान दिया कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ यहां पूजा-अर्चना करेगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी।

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बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था, लेकिन वर्तमान मंदिर का निर्माण बाबा बालक नाथ ने कराया। श्री कालकाजी मंदिर के बारे में यह भी कहा जाता है कि महाभारत के समय युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण पांडवों को लेकर यहां आए थे। श्रीकृष्णा ने यहां पांडवों के साथ काली माता की पूजा-अर्चना की, जिससे प्रसन्न होकर माता ने उन्हें विजयी होने का वरदान दिया।

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श्री कालकाजी मंदिर का गर्भगृह 12 तरफा है, यानी मुख्य मंदिर में 12 द्वार है। ये 12 द्वार 12 महीनों और 12 राशियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हर राशि का अपना एक द्वार है। बताया जाता है कि पहले श्रद्धालु राशि के द्वार के हिसाब से मंदिर में प्रवेश करते थे और पूजा-अर्चना करते थे। मंदिर के हर द्वार के पास माता के अलग-अलग रूपों का चित्रण किया गया है। 12 राशियों के प्रतिनिधित्व करने के कारण ग्रहण के समय यहां विपरित असर नहीं पड़ता और मंदिर के कपाट खुले रहते हैं।

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लोटस टेंपल के पास इस प्राचीन मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए दूर- दूर से लोग आते हैं। नवरात्र के अवसर पर यहां प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लग जाती है। इस समय मंदिर को काफी सुंदर तरीके से सजाया जाता है। मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है। श्री कालकाजी मंदिर में अखंड दीप प्रज्जवलित है और प्रथम नवरात्र के दिन लोग यहां से माता की जोत अपने घर लेकर जाते हैं।

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नजदीकी स्थल-

श्री कालकाजी मंदिर के पास ही लोटल टेंपल है। यहां दर्शन के साथ ही आप प्राचीन भैरों मंदिर और कैलाश शिव मंदिर भी जा सकते हैं। इसके साथ ही पास में ही है इस्कॉन मंदिर। आप यहां भी दर्शन कर सकते हैं।

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कैसे पहुंचें?

दिल्ली में होने के कारण आप देश के किसी भी हिस्से से यहां आसानी से आ सकते हैं।

मेट्रो से-

कालकाजी मंदिर मेट्रो स्टेशन मंदिर का सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन है। यहां से आप पैदल मंदिर पहुंच सकते हैं।

बस से-

नेहरू प्लेस नजदीकी बस अड्डा है। यहां से दिल्ली के किसी भी इलाके सा आ सकते हैं।

Photo of Kalkaji Metro station Noida line., Nehru Place, New Delhi, Delhi, India by Hitendra Gupta

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से-

श्री कालकाजी मंदिर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से आप बस, मेट्रो, ऑटो या टैक्सी से आ सकते हैं।

एयरपोर्ट से-

श्री कालकाजी मंदिर इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से करीब 17 किलोमीटर दूर है। यहां से भी आप बस, मेट्रो, ऑटो या टैक्सी से पहुंच सकते हैं।

सभी फोटो श्री कालका जी मंदिर

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कब पहुंचे-

श्री कालकाजी मंदिर दिल्ली में है और यहां गर्मी के साथ सर्दी भी जबरदस्त पड़ती है। इसलिए यहां फरवरी से मार्च और सितंबर से नवंबर के बीच आना घूमने के लिए अच्छा रहता है।

-हितेन्द्र गुप्ता

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