द्वारकाधीश मंदिर [गुजरात]
12-10-2019
आज का प्रोग्राम था कि हम सुबह सुबह सोमनाथ मंदिर के दर्शन करें और उसके बाद हमने द्वारकाधीश के लिए निकालना था हमने कल ही टिकट बुक करा ली थी बस को सुबह 9:00 बजे निकलना था हम सुबह जल्दी उठे और सोमनाथ मंदिर के दर्शन करें और पास में स्थित सोमनाथ जी का पुराना मंदिर था उसके दर्शन करें जो अहिल्याबाई ने बनाया था। हम फटाफट होटल पहुंचे और हमने अपना सामान लिया। कंडक्टर से बात करी तो उसने बताया कि बस तो निकल चुकी है एक अन्य होटल पर खड़ी है अगर आप आ सकते तो फटाफट आ जाओ हमने ऑटो करा और चल दिए बस की तरफ हमारी खुशनसीबी थी जो हमें बस मिल गई। वरना हम दोपहर तक ही निकल सकते थे बस पकड़ने के बाद जान में जान आई तकरीबन 2 घंटे बाद हम एक जगह पर रुके। जहां छोटा सा मंदिर था उसका नाम तो अब मुझे पता नहीं पर मंदिर काफी अच्छा था।
हम दोपहर 2:15 बजे तक द्वारका पहुंचे। अब सबसे पहले काम होटल ढूंढने का था हमने पास में ही कमरा ले लिया कमरे में सामान रखने के बाद हम पैदल ही मंदिर की तरफ चल दिए परन्तु मंदिर उसे समय बंद था।
द्वारकाधीश मंदिर गुजरात के महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है, जिसे जगत मंदिर के नाम से भी जाना जाता है । यहां, भगवान कृष्ण को द्वारकाधीश के रूप में पूजा जाता है, जिन्हें "द्वारका के राजा" के रूप में भी जाना जाता है। यह मंदिर गुजरात के द्वारका में स्थित है। इसे हिंदू तीर्थयात्रा समूह में चार धाम के स्थलों में से एक के रूप में भी जाना जाता है । इस मंदिर में साल भर में लाखों लोग आते हैं।
द्वारकाधीश मंदिर भारत के सात पवित्र शहरों सप्त पुरी में से एक है । इसे आदि शंकराचार्य के चार मठों में से एक माना जाता है।
श्री श्रृंगेरी शारदा पीठम कर्नाटक के चिकमगलूर में है।
ज्योतिर मठ उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में है।
कालिका मठ गुजरात के द्वारका में है।
गोवर्धन मठ ओडिशा के पुरी में है।
थोड़ी देर होटल में विश्राम के बाद हम फिर से मंदिर दर्शन के लिए चल दिए सुदामा पुल से होते हुए संगम तट पर पहुंचे जहां समुद्र में स्नान किया गोमती नदी यहां पर आ कर समुद्र में मिल जाती है।
जब हम मंदिर पहुंचे तो शाम का वक्त हो चुका था मंदिर की छठा देखने योग्य थी एक बार तो मंदिर को देखकर मंत्र मुक्त हो गए हम फटाफट लाइन में लग गए जब हम मंदिर में पहुंचे तो वहां पर आरती चल रही थी आरती के बाद दर्शन करे और बाहर आ गए मंदिर के अंदर फोटोग्राफी मना थी मंदिर में अच्छे से दर्शन हुए मंदिर में भीड़ तो थी परंतु फिर भी द्वारकाधीश के दर्शन अच्छे से हो गए
उसके बाद बाजार घूमे और खाना खाने के बाद हम होटल पर आकर सो गए अगले दिन की यात्रा को लेकर हम काफी उत्साहित थे।