लद्दाख के प्रसिद्ध फुग्ताल मठ घूमने की पूरी जानकारी

Tripoto
18th Apr 2021
Photo of लद्दाख के प्रसिद्ध फुग्ताल मठ घूमने की पूरी जानकारी by Pooja Tomar Kshatrani
Day 1

फुकताल या फुग्ताल मठ एक अलग मठ है जो लद्दाख में जांस्कर क्षेत्र के दक्षिणी और पूर्वी भाग में स्थित है। यह उन उपदेशकों और विद्वानों की जगह है जो प्राचीन काल में यहां रहते थे। यह जगह ध्यान करने, शिक्षा, सीखने और एन्जॉय करने की जगह थी। झुकरी बोली में फुक का अर्थ है “गुफा”, और ताल का अर्थ है “आराम ” होता है। यह 2250 साल पुराना मठ एकमात्र ऐसा मठ है जहाँ पर पैदल यात्रा करके पहुंचा जा सकता है। फुगताल मठ लद्दाख के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए एक बहुत खास जगह है। अगर आप लेह लद्दाख की यात्रा करने के लिए जा रहे हैं तो इस पर्यटन स्थल की सैर करना न भूलें। यहां मंदिर में लोगों द्वारा अच्छे जीवन और कामों के लिए हर दिन प्रार्थना की जाती है साथ यहां के त्यौहारों बहुत ही उत्साह और मनोरंजन के साथ मनाया जाता है।

इस लेख में आगे में हम फुग्ताल मठ की यात्रा और इससे जुड़ी जानकारी के बारे में बात करने वाले है इसीलिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –

फुग्ताल मठ का इतिहास –

Photo of लद्दाख के प्रसिद्ध फुग्ताल मठ घूमने की पूरी जानकारी by Pooja Tomar Kshatrani

फुग्ताल मठ का इतिहास एक या दो सौ साल नही बल्कि लगभग 2200 साल पुराना है जिसके हिसाब इसे दुनिया के सबसे प्राचीन मठो में से एक रूप में जाना जाता है। यह मठ प्राकृतिक गुफा के आसपास बना है जिसका उपयोग उस दौरान कई ऋषियों, विद्वानों, अनुवादकों और भिक्षुओं द्वारा ध्यान करने के लिए किया जाता था। माना जाता है की गुफा के सबसे शुरुआती निवासियों में से एक 16 अरहट या बुद्ध के प्रसिद्ध अनुयायी थी जिनकी छवियां भी इस मठ की दीवारों में दिखाई देती हैं।


फुकताल मठ की संरचना –

Photo of लद्दाख के प्रसिद्ध फुग्ताल मठ घूमने की पूरी जानकारी by Pooja Tomar Kshatrani

फुकताल मठ लद्दाख की चट्टान के ऊपर प्राकृतिक गुफा के मुहाने पर स्थित है जो दूर से एक छत्ते की तरह दिखता है। फुकताल मठ का अनोखा प्रवेश द्वार मिट्टी और लकड़ी से बनाया गया है इसे इस तरह से बनाया गया है कि यह एक गुफा की छवि को दर्शाता है। गुफा की दीवारों पर बुद्ध के 16 प्राचीनतम पौराणिक अनुयायियों की छवि मिल सकती है। फ्रेस्को और छत को एक पुराने चैपल से सजाया गया है जो पर्यटकों के आकर्षण में से एक है। इसमें लगभग 700 भिक्षुओं के लिए 4 प्रार्थना कक्ष, पुस्तकालय, रसोई, अतिथि कक्ष और रहने की जगह है।


फुग्ताल मठ तक ट्रेकिंग –

Photo of लद्दाख के प्रसिद्ध फुग्ताल मठ घूमने की पूरी जानकारी by Pooja Tomar Kshatrani

फुगताल मठ कि ट्रेकिंग भारत के सबसे डेंजरस और रोमांचक ट्रेक रूट्स में से एक है। रास्ता काफी कठनाइयों भरा होता जिसमे 6-8 घंटे लगते हैं। यदि आप रोमांच प्रेमी है तो आप यहाँ घूमने आ सकते है क्योंकि यह ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए एक बहुत खास जगह है। फुगताल का रास्ता खड़ी और संकीर्ण दरारों से भरा है, और इसलिए आपको बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है। जैसा कि आप एक या दो घंटे में आगे बढ़ते हैं, आप चा गाँव तक पहुँच सकते है यहाँ से मठ के लिए 6 किमी की ट्रेक है जो आपकी गति और ताकत के आधार पर 3-5 घंटे ले सकती है। यदि आप कुछ और रोमांच जोड़ना चाहते हैं, तो आप पुंग के माध्यम से अपना रास्ता बना सकते हैं, लुंगणक नदी के पार स्थित एक गाँव जो तुलनात्मक रूप से एक लंबा मार्ग है इस मार्ग से मठ तक पहुँचने में दो दिन लगते हैं।


फुगताल मठ के त्यौहार –

Photo of लद्दाख के प्रसिद्ध फुग्ताल मठ घूमने की पूरी जानकारी by Pooja Tomar Kshatrani

फुगताल मठ अपने स्ट्रकचर और रोमांचक ट्रेक रूट्स के साथ साथ यहाँ मनाये जाने वाले उत्सव और त्योहारों के लिए भी जाना जाता है। यदि आप फुगताल मठ की यात्रा में अन्य आकर्षण जोड़ना चाहते है तो इन त्योहारों के दौरान घूमने आ सकते है।


स्मोनलैम चेनमो-
स्मोनलैम चेनमो उत्सव को मोनालम चेनमो के नाम से भी जाना जाता है, यह महान प्रार्थना उत्सव वर्ष के सबसे महत्वपूर्ण तिब्बती बौद्ध उत्सवों में से एक है। यह नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है जिसे फरवरी के अंत और मार्च की शुरुआत में मनाया जाता है। जिस दौरान बड़ी संख्या में लोग मठ जाते हैं।

चोंगा चोदपा -
मार्च के पहले सप्ताह में मनाया जाने वाला फुगताल मठ का प्रसिद्ध त्यौहार है। इस त्यौहार के दौरान लोग तोरमा भिक्षुओं द्वारा बनाई गई देवता की एक अनूठी प्रतिमा है की पूजा करते है।

यार्न -
जुलाई और मध्य सितंबर के बीच आयोजित, यार्न त्योहार को वर्षावास समारोह भी कहा जाता है। इस दौरान मठ और कुछ सीमित क्षेत्रों के लोग अनुष्ठानों और पूजाओं यहाँ इकट्ठे होते है। ये पूजा पौधों, कीड़ों और अन्य सूक्ष्मजीवों पर अच्छे कर्म की उपलब्धि के लिए होती है। भक्त पवित्र शक्ति के नाम पर उपवास भी करते हैं। बता दे इस त्यौहार के पर्यटकों को शामिल होने की अनुमति नही है। यदि वे इसमें शामिल होना चाहते हैं, तो उन्हें सिर लामा से अनुमति लेनी होती है।

गडम नागचोद -

द लाइटनिंग सेरेमनी, जो इस त्योहार का दूसरा नाम है, दिसंबर की शुरुआत के दौरान आयोजित किया जाता है। यह जेई सोंग्खपा की पुण्यतिथि का प्रतीक है जो एक तिब्बती शाखा गेलुग के संस्थापक थे।

फुगताल मठ की यात्रा के लिए टिप्स –

. यदि आप फुगताल मठ की यात्रा पार जाने वाले है तो जान लें इस         मठ तक सिर्फ पैदल यात्रा करके ही पहुचा जा सकता है इसीलिए अपने आप आपको ट्रेकिंग के लिए तैयार रखें।

. बता दे फुकताल मठ का ट्रेक रूट काफी दिक्कतों से भरा होता है इसीलिए यदि आप पूर्ण रूप से स्वस्थ नही है तो इसकी यात्रा से बचें।

. ध्यान दे फुकताल मठ के अन्दर फोटोग्राफी की अनुमति नही है इसीलिए फोटोग्राफी करने का प्रयास बिलकुल ना करें।

फुकताल मठ के आसपास घूमने लायक पर्यटक स्थल –

यदि आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ जम्मू कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल फुकताल मठ घूमने जाने का प्लान बना रहे है। तो हम आपको बता दे लेह लदाख में फुकताल मठ के अलावा भी अन्य लोकप्रिय पर्यटक स्थल मौजूद है। जिन्हें आप अपनी यात्रा के दौरान घूम सकते हैं-

हेमिस मठ
गोत्संग गोम्पा
शांग गोम्पा
पैंगोंग झील
मैग्नेटिक हिल
लेह पैलेस
जासंकर घाटी
चादर ट्रैक
खारदुंग ला दर्रा
शांति स्तूप
ज़ांस्कर घाटी
हेमिस मठ
त्सो कर झील
गुरुद्वारा पथर साहिब

फुग्ताल मठलद्दाख घूमने जाने का सबसे अच्छा समय –

Photo of लद्दाख के प्रसिद्ध फुग्ताल मठ घूमने की पूरी जानकारी by Pooja Tomar Kshatrani

लद्दाख का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल फुकताल मठ घूमने जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर के बीच का समय होता है। गर्मियों के दौरान फुकताल मठ का रास्ता सुखा होता है जिस दौरान आपको मार्ग कम खतरनाक लगेगा। इन दिनों फुकताल मठ का तापमान 21 डिग्री सेल्सियस तक होता है जो आपकी यात्रा के लिए अनुकूल होता है। हालांकि, रातें ठंडी हो सकती हैं जब पारा 7 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है। जुलाई से अगस्त और नवंबर से फरवरी तक फुकताल मठ घूमने जाने से बचने की सिफारिश की जाती है, क्योंकि इस समय भारी बर्फ़बारी होती है।


फुकताल मठ की यात्रा में कहाँ रुकें –

Photo of लद्दाख के प्रसिद्ध फुग्ताल मठ घूमने की पूरी जानकारी by Pooja Tomar Kshatrani

यदि आप लेह लद्दाख के फेमस पर्यटक स्थल फुगताल मठ और इसके आसपास के पर्यटक स्थल घूमने जाने का प्लान बना रहे है। और अपनी यात्रा के दौरान रुकने के लिए किसी अच्छी होटल की तलाश में हैं ,तो हम आपको बता दें की फुगताल मठ के आसपास और लद्दाख में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक सभी प्रकार के होटल मिल जायेंगे।

इको होमस्टे (Eco Homestay)
शक्सपो हाउस (Shakspo House)
निल्ज़ा गेस्ट हॉउस (Nilza Guest House)
बर्थ होटल एंड गेस्टहाउस (Barath Hotel & Guest House)
मेन्टोकलिंग गेस्ट हाउस एंड गार्डन रेस्टोरेंट (Mentokling Guest House and Garden Restaurant)

फुग्ताल मठ लद्दाख केसे जाएँ –
फुगताल मठ सड़क मार्ग द्वारा लेह और जम्मू कश्मीर के अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। नियमित बस सेवाएं भी फुगताल मठ से लेह तक और इसके आसपास के शहरों से जोडती हैं। लेकिन फुगताल मठ के लिए कोई सीधी उड़ान या रेल संपर्क नहीं है।

फ्लाइट से फुग्ताल मठ केसे पहुंचे –

Photo of लद्दाख के प्रसिद्ध फुग्ताल मठ घूमने की पूरी जानकारी by Pooja Tomar Kshatrani

यदि आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ हवाई मार्ग के द्वारा फुग्ताल मठ घूमने जाने की योजना बना रहे हैं, तो हम आपको सूचित कर दे फुगताल मठ के लिए कोई सीधी फ्लाइट कनेक्टविटी उपलब्ध नही है। फुगताल मठ का सबसे निकटतम हवाई अड्डा रिम्पोछे हवाई अड्डा लेह में है।


ट्रेन से फुग्ताल मठ केसे पहुंचे –

Photo of लद्दाख के प्रसिद्ध फुग्ताल मठ घूमने की पूरी जानकारी by Pooja Tomar Kshatrani

रेल मार्ग द्वारा फुग्ताल मठ जाने के लिए कोई सीधी रेल कनेक्टिविटी नहीं है। फुगताल मठ  का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन कटरा रेलवे स्टेशन है जो फुग्ताल मठ से लगभग 650 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और ट्रेन की यात्रा आपके लिए चुनोतिपूर्ण सफ़र हो सकता है। इसीलिए हम आपको ट्रेन के यात्रा से बचने की सिफारिश करते हैं।


सड़क मार्ग से फुग्ताल मठ केसे पहुंचे –

Photo of लद्दाख के प्रसिद्ध फुग्ताल मठ घूमने की पूरी जानकारी by Pooja Tomar Kshatrani

अगर आप सड़क मार्ग या बस से यात्रा करके फुग्ताल मठ घूमने जाना चाहते है। तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दे फुगताल मठ रोडबेज के बिशाल नेटवर्क के साथ लेह और जम्मू कश्मीरों के बिभिन्न शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जहाँ आप टेक्सी या लेह और नुब्रा घाटी के बीच चलने वाली दैनिक बसों का विकल्प चुन सकते हैं। इसके अलावा आप अपनी बाइक से भी यात्रा करके फुगताल मठ पहुंच सकते हैं। लेकिन आपको प्रत्येक चेकपॉइंट पर, परमिट की फोटोकॉपी जमा करने की आवश्यकता होती है।

Further Reads