केदारनाथ धाम हिंदुओं का सबसे प्राचीन और पवित्र मंदिर में से एक है केदारनाथ धाम 12 ज्योर्तिलिंग में से एक है। जो उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। जो देव भूमि उत्तराखंड की चार धाम यात्रा केदारनाथ,बद्रीनाथ, गंगोत्री एवम् यमुनोत्री में से एक है।
मान्यता
🛕केदारनाथ🚩 मंदिर को जागृत महादेव के नाम से भी जाना जाता है लोक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि एक भक्त लंबी दूरी तय करके 🛕केदारनाथ धाम की यात्रा पर मंदिर पहुंचा लेकिन उसी दिन कपाट बंद हो गए और बाबा के दर्शन उस भक्तों को नहीं हो पाए लेकिन भक्त दर्शन के बिना नहीं जाना चाहता था और वही रात बिताई लेकिन जब वह सुबह उठा तो उसको मंदिर के कपाट खुले मिले और उन्होंने बाबा के दर्शन किया,
इसके अलावा महाभारत काल में पांडवों द्वारा अपने पापो का प्रायश्चित करने के लिए बाबा शिव शम्भू का आशीर्वाद चाहते थे लेकिन 🙏बाबा उनको दर्शन नहीं देना चाहते थे जिसके कारण बाबा अंतर्ध्यान हो गए लेकिन पांडवों की सच्ची लगन और भक्ति से उन्होंने बाबा को खोज निकाला लेकिन बाबा उनको दर्शन नहीं देना चाहते थे और उन्होंने🐃 बैल का रूप धारण कर लिया और अन्य पशु में जाकर मिल गए कहा जाता है कि तब भीम ने विकराल रूप धारण करके अपने दोनों पैर फैला दिया अन्य पशु तो निकल गए लेकिन बैल रूपी शंकर जाने के लिए तैयार नहीं हुए तभी वह अंतर्ध्यान होने लगे लेकिन भीम ने झपट्टा मारकर उनकी पीठ को पकड़ लिया बाबा प्रसन्न होकर पांडव को दर्शन दिया और उनके पापों से मुक्ति दिलाई तभी से उनके पीठ के त्रिकोणीय भाग की 🛕केदारनाथ धाम में पूजा की जाती है जय बाबा केदार
कई दिनों की लंबी प्लानिंग के बाद आखिरकार कुछ खास दोस्तों के साथ बाबा 🛕 केदारनाथ के दर्शन के लिए निकल पड़े और कई घंटों की लंबी रेल यात्रा करके देवभूमि उत्तराखंड की पावन नगरी हरिद्वार, पहुंच गए जून का महीना (2019)और चिलमिलाती धूप और भीषण गर्मी से बुरा हाल हो गया था फिर हम गंगा नदी के किनारे हर की पौड़ी नामक स्थान पहुंचे और हर हर गंगे हर हर महादेव बम बम भोले उद्घोष करते हुए पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई और एकतरो ताजगी का अनुभव किया फिर मां गंगा जी के मंदिर में जाकर दर्शन किए और वहीं से मां नंदा देवी मां चंडी देवी को प्रणाम करते हुए आगे की यात्रा के लिए ऋषिकेश की ओर निकल पड़े। ऋषिकेश में पहुंचकर रात्रि विश्राम हेतु एक धर्मशाला में कमरा बुक कराया और अपने बैग्स वही रखकर कुछ देर आराम किया । पूरे विश्व में प्रसिद्ध 🕉️गंगा आरती के लिए त्रिवेणी घाट पहुंचे और मां गंगा जी की आरती में सम्मिलित हुए और प्रसाद ग्रहण करने के बाद रात्रि भोजन करके विश्राम हेतु अपने रूम में पहुंच गए
सुबह जल्दी उठकर और स्नान करके फिर एक योजना बनाई और बहुत माथापच्ची के बाद फाइनली एक प्राइवेट टैक्सी बुक की तथा ऋषिकेश में ही अपना बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन कराया और बाबा 🛕केदार के दर्शन के लिए आगे की यात्रा शुरू की देवप्रयाग पहुंच गए जहां पर अलकनंदा और भागीरथी का मिलन होता है और यहीं से आगे गंगा नदी कहलाती है बहुत ही सुंदर और पवित्र स्थान है देवप्रयाग यहां कुछ देर रुक कर प्राकृतिक नजारा को निहारते हुए और कुछ फोटोग्राफी वीडियोग्राफी करने के बाद आगे की ओर निकल पड़े रास्ते में चंद्रबारी रुक कर शुद्ध शाकाहारी होटल में लंच किया । आगे श्रीनगर होते हुए रूद्रपयाग फिर शाम होते होते गुप्तकाशी पहुंच गए । और यहां रात्री विश्राम किया
सुबह 4:00 जल्दी उठकर स्नान करके सोनप्रयाग होते हुए रामपुर पहुंच गए यहां से गौरीकुंड के लिए चारधाम यात्रा उतराखंड की टैक्सी चलती है गौरीकुंड से शुरू होती है बाबा केदारनाथ जी की बहुत कठिन और लंबी यात्रा दुर्भाग्य से हम गौरी कुंड में स्नान नहीं कर पाए लेकिन वही से प्रणाम करते हुए हैं आगे की ओर निकल पड़े रास्ते में कलकल बहती अलकनंदा नदी की मधुर आवाज और भक्तों का हर हर महादेव बम बम भोले जय शिव शंभू भोले की फौज करेगी मौज का उद्घोष यात्रा को सुगम बनाता है हम यात्रा के दौरान 8 लोग थे लेकीन यात्रा शुरू हुई और सब अलग अलग हो गए कोई 2 लोग कोई 3 लोग कोई अकेला ही , मैं मेरे साथ रतन, अमित , दिनेश हम लोग अपने आप में चारधाम थे 1. पश्चिम बंगाल से रतन ) 2. हिमाचल प्रदेश से अमित)3. उतराखंड से दिनेश) 4. मैं स्वयं मध्यप्रदेश से था हमने प्राकृतिक नजारा का आनंद लेते हुए आराम आराम से यात्रा शुरू की कई ऊंची ऊंची पहाड़ की चोटी, कई प्राकृतिक वॉटरफॉल अद्भुत दृश्य। मानो स्वर्ग लोक की सीढ़ी चढ़ रहें हो इसी बीच हमने एक बहुत बड़े झरने में स्नान किया पानी इतना ठंडा की क्या बताऊं मजा मस्ती करते हुए आगे की ओर बड़े चले रास्ते में आपको बर्फके बड़े बड़े ग्लेशियर , बड़ीबड़ी चट्टाने देखने को मिलेगी और 2013 में आई त्रासदी के निशान देखने मिलते हैं जंगलचट्टी, भीमबली, लिंचौल , चंदनवाड़ी नामक स्थान पार करके हम 7 से 8 घंटे और 18 km की चढ़ाई करने के बाद केदारनाथ बेस कैंप पहुंच गए और वहा रात्रि विश्राम हेतू टैंट बुक किया सभी लोग एक एक करके आखिरकार पहुंच ही गए बाबा केदार नाथ जी के धाम यहां से मंदिर बिल्कुल पास मे था सभी बहुत थक गए थे इसी कारण वही आराम करने का फैसला किया और सुबह दर्शन करने का निश्चय किया। लेकीन मेरा मन नहीं माना और मैं एक दोस्त के साथ निकल पड़ा मंदिर को प्रणाम करके मैं कुछ देर वही घुमा और फिर लम्बी कतार में बाबा जी के साक्षात दर्शन हेतू खड़ा रहा कई घंटों के इंतजार के बाद आखिरकार बाबा जी के दर्शन करने का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ एक अलग ही अहसास हुआ मानो बरसों की मन्नत पूरी हो गई हो
सुबह बहुत जल्दी उठकर लगभग 3 बजे के आसपास सभी मित्र बाबा जी के दर्शन हेतू मंदिर की ओर निकल पड़े मैं वहीं सोया रहा और 5 बजे के आसपास उठा और लाइन में खड़े मेरे भोले बाबा के भक्तो के बीच दोस्तो के साथ लाइन में खड़े हो गया, लेकिन कई घंटों से लाइन में खड़े रहकर बहुत सुस्त महसूस कर रहे थे और सभी मित्र यहीं सोच रहे थे कि जल्दी बाबा के दर्शन हो जाय तभी एक चाय बेचने वाला बाबा जी वहा आए और फिर सभी मित्रों ने चाय की चुस्की ली और ज़ोर से जय बाबा केदारनाथ का जयकारा लगाया। हमारी फौज सबसे ज्यादा जयकारा लगा कर भक्तों को और ज्यादा एक्टिव कर रही थी। आखिर फिर एक बार बाबा जी के दर्शन करके मंदिर की परिक्रमा की और भीमशिला को नमन करते हुए प्रसाद ग्रहण किया । ये मेरे जीवनकाल की सबसे सुंदर यात्रा थी यहां की सबसे अच्छी बात ये है कि आपको यहां से जानें का मन नहीं करता आप केदारेश्वर महादेव की यात्रा मे हर तरह का अनुभव और आनंद ले सकते हो, और जीवन भर ना भूलने वाली यादें साथ जोड़ सकते हो, आखिरकार बाबा जी के धाम की यात्रा सम्पूर्ण करके वापसी की तैयारी की ,,,,, जय श्री केदारेश्वर महादेव
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