केदारनाथ धाम: जहां भोलेनाथ महादेव शिवशंकर करते हैं निवास

Tripoto
17th Apr 2021
Day 1

केदारनाथ धाम हिंदुओं के सबसे पवित्र और प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक है। हर हिंदू जीवन में कम से कम एक बार यहां बाबा केदारनाथ के दर्शन जरूर करना चाहता है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह सबसे ऊंचाई पर स्थित ज्योतिर्लिंग भी है। केदारनाथ हिमालय क्षेत्र के चार धाम (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री तथा यमुनोत्री ) और पंच केदार (केदारनाथ, रूद्रनाथ, कल्पेश्वर, मध्येश्वर, तुंगनाथ) में से भी एक है।

Photo of Rishikesh, Uttarakhand, India by Hitendra Gupta
Day 2

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम की हिंदू धर्म में काफी महिमा है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु 3,584 मीटर ऊंचाई पर स्थित भगवान भोलेनाथ शिवशंकर का दर्शन करने आते हैं। यहां की कठिन पहाड़ी यात्रा उनके मनोबल को और मजबूत कर देती है। मंदाकिनी नदी के किनारे पर स्थित केदारनाथ को भगवान शिव महादेव का निवास माना जाता है।

केदारनाथ धाम को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार महाभारत के बाद पांडव भ्रातृहत्या के पाप से मुक्ति और अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए भोले शंकर का दर्शन करना चाहते थे, लेकिन भगवान शिव उनसे नाराज थे। पांडवों को दर्शन देने से बचने के लिए शिव ने एक बैल का रूप धारण कर लिया। पांडवों द्वारा पहचाने जाने पर भोलेनाथ बैल रूप में धरती में अंतर्ध्यान होने लगे कि भीम ने उनके पीठ को पकड़ लिया। इसके बात भगवान शिव ने दर्शन देकर उन्हें पाप मुक्त कर दिया। तब से भगवान भोलेनाथ यहां बैल की पीठ की आकृति के रूप में पूजे जाते हैं।

Photo of Kedarnath Temple, Kedarnath, Uttarakhand, India by Hitendra Gupta

मान्यता है कि गौरीकुंड के गर्म पानी में डुबकी लगाने से व्यक्ति पाप मुक्त हो जाता है। बताया जाता है कि इसी जगह पर मां पार्वती, भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए तपस्या की थीं और उसी भगवान गणेश के शरीर पर हाथी का सिर जोड़ा गया था। आमतौर पर केदारनाथ मंदिर जाने वाले श्रद्धालुगौरीकुंड में ही रात बिताते हैं।

Day 3

केदारनाथ धाम जाने के लिए मई से अक्टूबर का समय सबसे अच्छा है। सर्दियों के मौसम में बर्फबारी के कारण यह बंद रहता है। आप दिल्ली से सड़क-रेल मार्ग से हरिद्वार-ऋषिकेश आकर केदारनाथ धाम जा सकते हैं। अगर हवाई जहाज से आना चाहते हैं तो नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट है। आप ऋषिकेश से करीब पांच घंटे में केदारनाथ पहुंच जाएंगे।

-हितेन्द्र गुप्ता

एक अन्य कथा के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार नर और नारायण ने हिमालय पर्वत पर बड़ी कठिन तपस्या की। तपस्या से प्रसन्न होने पर भगवान ने नर और नारायण से वर मांगने को कहा तो दोनों ने उनसे हमेशा के लिए वहीं पर वास करने का वर मांग लिया। इसके बाद से भगवान शिव केदारनाथ में ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा के लिए निवास करने लगे। बताया जाता है कि केदारनाथ के दर्शन मात्र से व्यक्ति सभी पापों और कष्टों से मुक्त हो जाता है। इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि केदारनाथ धाम की यात्रा के बाद बद्रीनाथ धाम का दर्शन करने पर व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।

केदारनाथ मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। मंदिर के ठीक सामने भगवान भोलेनाथ के वाहन नंदी विराजमान हैं। मंदिर के भीतर कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं हैं। केदारनाथ मंदिर निर्माण के लेकर भी कई मान्यताएं हैं। माना जाता है कि इसका निर्माण पांडवों के वंशज जन्मेजय ने करवाया था। इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण ऋषि आदि शंकराचार्य ने कराया था। मंदिर के पिछले हिस्से में शंकराचार्य की समाधि है। बताया जाता है कि आदि गुरु शंकराचार्य ने ही चार धामों की स्थापना की थी।

Photo of केदारनाथ धाम: जहां भोलेनाथ महादेव शिवशंकर करते हैं निवास by Hitendra Gupta

वासुकी ताल

केदारनाथ मंदिर से कुछ दूरी पर है वासुकी ताल। यहां लोग ट्रैकिंग करने भी जाते हैं। यहां से आप चौखंबा चोटी और मंदाकिनी घाटी के अद्भुत दृश्य का आनंद ले सकते हैं।

चौराबाड़ी ताल

केदारनाथ मंदिर से तीन किलोमीटर दूरी पर है चौराबाड़ी ताल। मान्यता है कि भगवान शिव ने इसी जगह सप्तऋषियों को योग का ज्ञान दिया था। यहां से हिमालय पर्वत का बड़ा ही मनोहारी दृश्य दिखाई देता है।

गौरीकुंड

रुद्र ध्यान गुफा

केदारनाथ मंदिर से करीब 2 किलोमीटर दूर रुद्र गुफा में लोग ध्यान-योग के लिए आते हैं। इसे आप बुक भी करा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साल 2019 में यहां ध्यान लगाने के बाद लोग अब इसे मोदी गुफा के नाम से भी जानते हैं।

जाने का समय

त्रियुगीनारायण मंदिर

मान्यता है कि भगवान शिव ने मां देवी पार्वती से इसी जगह विवाह किया था। यहां हरदम अखंड ज्योत जलती रहती है। केदारनाथ मंदिर की तरह ही बने इस मंदिर में भगवान विष्णु की चांदी की मूर्ति के साथ मां लक्ष्मी, भगवान बद्रीनारायण, मां सीता, भगवान राम और भगवान कुबेर की प्रतिमाएं हैं। मंदिर के बाहर विवाह स्थल है जिसे ब्रह्म शिला कहते हैं। यहां तीन पवित्र कुंड भीहैं- रुद्र कुंड, विष्णु कुंड और ब्रह्म कुंड। अप

Photo of Triyuginarayan Temple, Trijuginarayan, Uttarakhand, India by Hitendra Gupta

भैरव नाथ मंदिर

यहां भगवान भैरव नाथ का मंदिर है। भगवान भैरव नाथ को केदारनाथ मंदिर के संरक्षक के रूप में माना जाता है।

सभी फोटो सौजन्य श्रेय पर्यटन विभाग

Photo of Bhairavnath Temple, Kedarnath, Uttarakhand, India by Hitendra Gupta

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