भारत एक ऐसा देश है, जो अपनी विविधता, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक समृद्धि के लिए जाना जाता है। भारत में आपको खानपान से लेकर त्योहारों व भौगोलिक दृष्टिकोण से भी विविधता देखने को मिलेगी। लेकिन भारत के संबंध में बस इतना कहना ही पर्याप्त नहीं है। यहां पर ऐसी कई जगहें हैं, जो बेहद ही रहस्यमयी हैं और इसलिए अनजाने ही पूरी दुनिया से ट्रेवलर्स इन जगहों पर जाना चाहते हैं। इन अजीबो-गरीब जगहों के पीछे की वास्तविक सच्चाई के बारे में आज तक कोई पता नहीं लगा पाया। हालांकि, हर किसी ने अपने अनुसार, कुछ थ्योरी जरूर पेश की हैं, लेकिन उन थ्योरी के पीछे कोई ठोस सबूत आज तक मिल पाए हैं। तो चलिए आज हम आपको भारत की कुछ ऐसी ही अजीबो-गरीब व रहस्यमयी जगहों के बारे में बता रहे हैं, जो यकीनन आपको भी काफी रोमांचित करेंगी-
आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी में हैंगिंग पिलर -
भारत में एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक और ऐतिहासिक स्थल, लेपाक्षी वास्तुकला और चित्रकला के लिए जाना जाता है। यहां पर भगवान शिव को समर्पित मंदिर अपने प्रसिद्ध फ्लोटिंग पिलर के कारण भारत के सबसे रहस्यमय स्थानों में से एक है। इस साइट के 70 स्तंभों में से एक हवा में लटका हुआ है, अर्थात यह बिना किसी सहारे के मौजूद है। लोग मंदिर में आते हैं और इस पिलर के नीचे से वस्तुओं को पास करते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से उनके जीवन में समृद्धि आएगी।
तमिलनाडु में रामसेतु -
रामसेतु जिसे एडम ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, का अपना एक आध्यात्मिक महत्व है। इस ब्रिज का उल्लेख रामायण में भी मिलता है। यह पानी के उपर बना एक ऐसा ब्रिज है, जिसे 15 वीं शताब्दी तक इस ब्रिज को चलकर आसानी से पार किया जा सकता था। हालांकि, इस पुल के निर्माण में पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए किस तकनीक का इस्तेमाल किया गया, इसके बारे में आज तक कोई नहीं जानता। इसके अलावा यह ब्रिज प्राकृतिक है या मानव निर्मित, इसे लेकर भी अक्सर बहस होती है।
जुड़वा का गांव, केरल -
कोडिन्ही का यह गांव कालीकट से सिर्फ 35 किलोमीटर दूर है और यहां पर लगभग 2,000 परिवारों का घर है। ये परिवार हर साल बड़ी संख्या में जुड़वा बच्चों को जन्म देते हैं। यहां पर पहला जुड़वां बच्चों का जन्म 1949 में हुआ और तब से अब तक यह संख्या केवल समय के साथ बढ़ती रही है। वर्तमान में, गाँव में 200 से अधिक जुड़वां हैं। इस घटना के लिए जिम्मेदार कारकों को जानने के लिए डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कई अध्ययन किए। हालांकि, अभी तक वह किसी सटीक निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए हैं। हालांकि ऐसा माना जाता है कि पानी की केमिकल कंपोजिशन के साथ-साथ क्षेत्र की महिलाओं का आहार भी इसका संभावित कारक हो सकता है।
शनि शिंगणापुर के बिना दरवाजे के मकान, महाराष्ट्र -
अहमदनगर से 35 किमी दूर स्थित एक छोटा सा गाँव, शनि शिंगनापुर, अपने शनि मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन सिर्फ यही मंदिर ही इस स्थान को रहस्यमयी नहीं बनाता, बल्कि अपने धार्मिक कारणों के कारण यह भारत में आने वाले सबसे रहस्यमय स्थानों में से एक है। इस गांव की खासियत यह है कि इस गांव के किसी भी घर, स्कूल और यहां तक कि कमर्शियल बिल्डिंग में एक भी दरवाजा भी नहीं है। इतना ही नहीं, दरवाजा ना होने के बावजूद भी यहां एक भी अपराध की सूचना दर्ज नहीं हुई है। इसके पीछे थ्योरी यह है कि ग्रामीणों का भगवान शनि पर अटूट विश्वास है और उनका मानना है कि गाँव में लगभग शून्य अपराध दर उनकी ही देन है।