कर्नाटक के बगलकोट जिले में स्थित हैं सुरम्य और ऐतिहासिक बादामी गुफाएं। ये गुफाएं पूरी तरह से चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं और इसी वजह से इनकी लोकप्रियता पूरी दुनिया तक है। इन गुफाओं में मंदिरों के साथ-साथ बादामी किला भी है। बादामी गुफा में लोकप्रिय पर्यटन आकर्षणों में अगस्त्य झील के साथ-साथ पुरातत्व संग्रहालय शामिल हैं। इस जगह पर स्थित भूतनाथ मंदिर की भव्यता को देखकर भी आंखें चमक उठती हैं। मालाप्रभा नदी बादामी में स्थित एक अद्भुत जगह है। चट्टानों से बनी बादामी गुफाओं में कई मंदिर भी मौजूद हैं।
बादामी का पौराणिक नाम वातापी थाद्य यह 540 ईस्वी से 757 ईस्वी तक बादामी चालुक्यों की गौरवशाली राजधानी रहा है। लेकिन आज तक कोई भी ये नहीं समझ पाया कि यह वातापी की राजधानी कैसे बनी। वर्ष 500 ई. में चालुक्य साम्राज्य को प्रमुखता मिलने के बाद, चालुक्य राजा पुलकेशी ने वातापी में एक किले का निर्माण करवाया और इसे राज्य की राजधानी के रूप में स्थापित किया। बादामी चालुक्यों द्वारा अनेक स्मारकों का निर्माण किया गया, जिनके शानदार वास्तुशिल्प पर देश को आज भी गर्व होता है। इमारतों की द्रविड़ स्थापत्य शैली भी काफी प्रभावशाली है। विजयनगर साम्राज्य, शाही राजवंश, मुगलों, मराठों, मैसूर साम्राज्य के साथ-साथ ब्रिटिश जैसे कई राजवंशों के नियंत्रण में बादामी रह चुका है।
कैसे पहुंचे बादामी
वायु मार्ग द्वारा: बादामी के निकटतम हवाई अड्डे हुबली (106 किमी) और बेलगाम (लगभग 150 किमी) हैं। ये हवाई अड्डे मुंबई और बैंगलोर से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। हुबली या बेलगाम से बादामी के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं। रेल मार्ग द्वारा: 'बादामी बस स्टैंड' से 'बादामी रेलवे स्टेशन' काफी पास है, ये लगभग 5 किमी की दूरी पर है। बैंगलोर, हुबली, बीजापुर, गडग, सोलापुर के साथ-साथ कुछ अन्य शहरों से बादामी रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। निकटतम रेल जंक्शन निश्चित रूप से हुबली है और पूरे भारत के प्रमुख शहरों के साथ इसकी अच्छी रेल कनेक्टिविटी है। आप सीधे बैंगलोर के यशवंतपुरा जंक्शन से बादामी के लिए ट्रेन ले सकते हैं। बादामी ट्रेन स्टेशन कोड (BDM), हुबली ट्रेन स्टेशन कोड (UBL) और बैंगलोर ट्रेन स्टेशन कोड (SBC) आदि बादामी ले जाती हैं।
सड़क मार्ग द्वारा:
यहां की सड़क व्यवस्था काफी अच्छी है। बादामी को हुबली, धारवाड़, बेलगाम, बैंगलोर, बगलकोट, हम्पी, बीजापुर और कई अन्य शहरों से सड़क मार्ग के माध्यम से आया जा सकता है। कई सरकारी और निजी बसें बैंगलोर, हुबली, बेलगाम और बीजापुर से आती हैं। स्थानीय परिवहन का एक अन्य साधन घोड़ागाड़ी और टांगा भी है जो शहर में आसानी से उपलब्ध है और साथ ही ऑटो रिक्शा से भी आप बादामी में घूम सकते हैं।
बादामी आने का सही समय
बादामी जाने का सही समय जुलाई से मार्च के बीच रहता है। यहां सालभर तापमान में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं होता है। बादामी में हल्की सर्दियां पड़ती हैं और मानसून के मौसम में औसत से भारी बारिश होती है