कोल्हापुरी चप्पलों से ले कर कोल्हापुरी चटाकेदार खाने तक, आइये जानें इस शहर की ख़ासियत

Tripoto
3rd Apr 2021
Photo of कोल्हापुरी चप्पलों से ले कर कोल्हापुरी चटाकेदार खाने तक, आइये जानें इस शहर की ख़ासियत by Smita Yadav
Day 1

कोल्हापुर, महाराष्ट्र का एक मशहूर शहर, अपने रंग-बिरंगे परिधान और चप्पलों के साथ-साथ और भी कई चीज़ों के लिए मशहूर है। यहाँ के खाने-पीने से लेकर घूमने-फिरने की जगहों तक, सब कुछ बहुत खास है। यहाँ आने वाले पर्यटकों का दिल भरता नहीं यहाँ की संस्कृति की खूबसूरती को देख कर। महाराष्ट्र के इस सुंदर शहर में आपको बहुत सी चीज़े आकर्षक लगेंगी। कोल्हापुर एक प्राचीन शहर है जिसपर कई साल पहले भोसले छत्रपति का शासन था। तो आइए जानते हैं क्या है इस प्राचीन शहर में पर्यटकों के लिए खास। जो पर्यटकों के लिए आज भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं।

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मिसल डिश

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जगह कोई भी हो लेकिन ट्रिप को यादगार बनाने के लिए उस जगह का सबसे मशहूर और लज़ीज़ खाना ट्राय करना कभी ना भूलें। कोल्हापुर जा रहे हैं तो वहाँ के मिसल को कोई कैसे भूल सकता है। यह मशहूर डिश कई प्रकार की होती है। फडतरे मिसल, खासबाग मिसल, बावड़ा मिसल अभी तो सिर्फ शाकाहारी खाने की बात है तो अब नॉनवेज के बेस्ट डिश के बारे में जानते हैं। नॉनवेज में खाने के लिए सबसे बेहतर है तांबड़ा रस्सा, मटन का अचार कीमा राइस, कोल्हापुर के मांसाहारी व्यंजन में सबसे मशहूर है। यहाँ आने वाला हर शख्स इस डिश का स्वाद जरूर चखता है।

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कोल्हापुरी साज

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कोल्हापुरी साज एक तरह का गले में पहनने वाला आभूषण है। ये एक पांपरिक गहना है जिसे पहनने की शुरुआत सदियों पहले कोल्हापुर से हुई थी और अब महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों में भी इसे खूब पसंद किया जाता है। पारंपरिक रूप से तो ये इसमें 21 पत्तियां (पेंडेंट) होती हैं। ये आभूषण बहुत सुंदर दिखता है। इसका डिज़ाइन पर्यटकों को बहुत लुभाता है इसे लोग देखते ही एक नजर में पसंद कर लेते हैं। महिलाएं इसे रोजमर्रा में पहने के लिए दस या बारह पत्तियों का बनवाती हैं। इसका डिजाइन पर्यटकों को बेहद लुभाता है। इसलिए अक्सर पर्यटक इसके डिज़ाइन जैसा ही आर्टिफिशियल नेकलेस बनवा लेते हैं।

दाजिपुर वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी

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दाजिपुर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी यहाँ के वन्य जीवन की खूबसूरती के बारे में बताता है। यह बेहद ही खूबसूरत पर्यटक स्थल है। यहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती लोगों को बहुत लुभाती है। शहर की भागदौड़ के बाद यहाँ आकर खुलकर सांस लेने का मौका मिलता है। साथ ही जीव-जन्तुओं को करीब से देखने का मौका मिलता है। दाजिपुर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक खुली रहती है। यहाँ प्रवेश करने के लिए सिर्फ 30 रुपये लगते हैं। अगर आप अंदर घूमने के लिए जीप या कोई गाड़ी लेते हैं तो उसके लिए आपको 100 रूपये देने पड़ते हैं।

कोल्हापुरी चप्पल

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कोल्हापुर का नाम सुनते ही सबसे पहले ज़हन में यहाँ की मशहूर चप्पलों का ख्याल आता है। कोल्हापुरी चप्पलें पूरे देश में जानी मानी और सदियों पुरानी हैं। भारत के अलावा अब विदेशों में भी इनका व्यापार किया जाता है। भारतीयों के अलावा अब विदेशियों की भी पसंद बन चुकी है ये कोल्हापुरी चप्पलें। भारत में ये चप्पलें आपको बहुत आसानी से मिल जाती हैं। चमड़े से बनी ये चप्पलों को मशीनों से नहीं, बल्कि हाथों से बनाया जाता है। विविधता और आकर्षण को ध्यान में रखते हुए इन चप्पलों को रंगा जाता है। कोल्हापुरी चप्पल बनाने वाले अपनी इस कला को विरासत के रूप में अपनी अगली पीढ़ी को सौंप जाते हैं। कोल्हापुरी चप्पलें बहुत से प्रकार की होती है जैसे, रोज़ मर्रा में पहनने वाली साधारण चप्पल, पार्टी में पहनने के लिए कई तरह की सैंडल और जूतियां। पर्यटक चाहे भारतीय हो या विदेशी, ऐसा हो ही नहीं सकता कि कोल्हापुर आने आएं और इनमें से किसी कोई भी चप्पल ना खरीदे। कोल्हापुरी चप्पल के साथ-साथ कोल्हापुरी साड़ी भी पर्यटकों को खूब आकर्षित करती है।

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महालक्ष्मी मंदिर

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अगर आपको कोल्हापुर में किसी धार्मिक स्थान पर घूमना है तो आप महालक्ष्मी मंदिर जा सकती हैं। यह मंदिर पंचगंगा नदी के किनारे स्थित है। मंदिर दर्शन के साथ-साथ आप नदी किनारे मस्ती भी कर सकती हैं। इस मंदिर को यहाँ के स्थानीय लोग अंबाबाई मंदिर के नाम से भी बुलाते हैं। कोल्हापुर में ज्योतिबा मंदिर भी है, जब भी आप जाए इसका भी दर्शन करना ना भूलें। ये दोनों ही प्राचीन मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर खूब आकर्षित करते हैं।

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