दुधवा नेशनल पार्क भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के तराई में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है, जो 90 वर्ग किमी के बफर क्षेत्र के साथ 490.3 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करता है।
बता दें कि दुधवा नेशनल पार्क, दुधवा टाइगर रिजर्व का हिस्सा है। यह नेशनल पार्क लखीमपुर खीरी जिले में भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है जिसके उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर आरक्षित वन क्षेत्र हैं।
यह नेशनल पार्क अत्यधिक विविध और उत्पादक है जो तराई पारिस्थितिक तंत्र के कुछ शेष उदाहरणों को दर्शाता है, इसमें बड़ी संख्या में लुप्तप्राय प्रजातियाँ पाई जाती हैं
1. दुधवा नेशनल पार्क किस लिए प्रसिद्ध है –
दुधवा नेशनल पार्क यहाँ पाए जाने वाले ख़ास जानवरों जैसे दलदली हिरण, भौंकने वाले हिरण, सांभर हिरण, रैल, सियार, हॉग हिरण,आलसी भालू, जंगली बिल्ली, मछली पकड़ने वाली बिल्ली के लिए फेमस है।
बता दें दुधवा नेशनल पार्क बारसिंह का गढ़ है, यहाँ पर दुनिया में पाए जाने वाले लगभग आधे बारासिंघा मौजूद हैं।
दुधवा नेशनल पार्क में पाए जाने वाले बाघों की बात करें तो बता दें कि दुधवा-खीरी-पीलीभीत संरक्षण परिसर में साल 2006 में बाघ की आबादी 80-110 दर्ज की गई थी।
साल 2010 में यहाँ बाघों की जनसंख्या अनुमानित 106-118 से बढ़ गई थी और इसे स्थिर माना गया था।
2. दुधवा नेशनल पार्क में कितने बाघ हैं –
दुधवा नेशनल पार्क में पाए जाने वाले बाघों की बात करें तो बता दें कि दुधवा-खीरी-पीलीभीत संरक्षण परिसर में साल 2006 में बाघ की आबादी 80-110 दर्ज की गई थी।
साल 2010 में यहाँ बाघों की जनसंख्या अनुमानित 106-118 से बढ़ गई थी और इसे स्थिर माना गया था।
3. दुधवा नेशनल पार्क का इतिहास –
आज जिस जगह पर दुधवा नेशनल पार्क है उन जंगलो को 1947 में भारत के आजाद होने बाद यहाँ के स्थानीय लोगों ने घेरना शुरू कर दिया था और उस जगह पर धान और गन्ने की खेती की जाती थी।
भारत-नेपाल सीमा की यह जगह उन शिकारियों के लिए अच्छी जगह थी, जो यहाँ के जानवरों का शिकार करते थे और नेपाल में अपने उत्पाद बेचते थे।
पहले यह जगह शिकारियों, खेल प्रेमियों और स्थानीय लोगों के लिए स्वर्ग था।
यह पार्क आज बिली’ अर्जन सिंह के प्रयासों की वजह से एक समृद्ध जगह बन पाया है। साल 1965 में इस क्षेत्र को एक वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था जिसके बाद इस जगह का फायदा उठाने वाले लोगो ने इसकी बहुत आलोचना की।
लेकिन अर्जन सिंह के ने तत्कालीन प्रधान मंत्री, इंदिरा गांधी से अनुमति ली थी जिसके बाद 1977 में जंगल को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया।
बाद में इस पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया और अब यह पार्क भारत में बाघों के लिए एक प्रमुख निवास स्थान है।
दुधवा टाइगर रिज़र्व के प्रमुख तीन क्षेत्रों में से सबसे पुराना संरक्षित क्षेत्र काशीपुर वन्यजीव अभयारण्य है जिसे 1972 में वन्य जीवन अभयारण्य बनाया गया था।
इसके बाद 1975 में कटनीघाट वन्यजीव अभयारण्य और फिर 1977 में दुधवा राष्ट्रीय उद्यान को वन्य जीवन अभयारण्य घोषित किया गया था।
कभी-कभी काशीपुर और कटनीघाट को दुधवा ही समझ लिया जाता है, लेकिन तीनो एक दूसरे के पास के क्षेत्र में अलग-अलग पार्क हैं।
4. दुधवा नेशनल पार्क में पाए जाने वाले वन्यजीव -
अगर आप वन्यजीवों से प्रेम करते हैं और उनके बारे में जानना चाहते हैं तो दुधवा नेशनल पार्क आपके लिए बहुत अच्छी जगह है।
बता दें कि यह पार्क 811 वर्ग किमी दलदली भूमि, घास के मैदान और घने जंगलों में फैला हुआ एक बड़ा नेशनल पार्क है जो 38 से अधिक स्तनधारियों, 16 प्रजातियों के सरीसृपों और पक्षियों की कई प्रजातियों के लिए एक सुरक्षित और संरक्षित जगह है।
दुधवा नेशनल पार्क में टाइगर, गैंडा, दलदली हिरण, हाथी, चीतल, काकर, जंगली सुअर, सांभर, रीसस बंदर, लंगूर, सुस्त भालू, सांभर, हॉग हिरण, नीला बैल, साही, औटर, कछुए, अजगर, मॉनिटर छिपकली, मोगर, घड़ियाल आदि जंगली जानवर पाए जाते हैं।
भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले लगभग 1300 पक्षियों में से 450 से अधिक प्रजातियों को आप दुधवा रिज़र्व में देख सकते हैं। इन पक्षियों की लिस्ट में हॉर्नबिल, रेड जंगल फाउल, बंगाल फ्लोरिकन, फिशिंग ईगल, सर्पेंट ईगल, ऑस्प्रे, पैराडाइज फ्लाईकैचर, वुडपेकर, शमा, इंडियन पिट्टा, ओरोल्स, एमराल्ड डोव आदि के नाम शामिल हैं।
सर्दियों के मौसम में दौरान दुधवा रिज़र्व पार्क के विशाल विविध जल निकाय की वजह से यहां पर प्रवासी पक्षियों की संख्या काफी ज्यादा हो जाती है। दुधवा नेशनल पार्क के पक्षी यहां आने वाले पर्यटकों को बेहद आकर्षित करते हैं।
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अगर आप वन्यजीवों से प्रेम करते हैं और उनके बारे में जानना चाहते हैं तो दुधवा नेशनल पार्क आपके लिए बहुत अच्छी जगह है। बता दें कि यह पार्क 811 वर्ग किमी दलदली भूमि, घास के मैदान और घने जंगलों में फैला हुआ एक बड़ा नेशनल पार्क है जो 38 से अधिक स्तनधारियों, 16 प्रजातियों के सरीसृपों और पक्षियों की कई प्रजातियों के लिए एक सुरक्षित और संरक्षित जगह है। दुधवा नेशनल पार्क में टाइगर, गैंडा, दलदली हिरण, हाथी, चीतल, काकर, जंगली सुअर, सांभर, रीसस बंदर, लंगूर, सुस्त भालू, सांभर, हॉग हिरण, नीला बैल, साही, औटर, कछुए, अजगर, मॉनिटर छिपकली, मोगर, घड़ियाल आदि जंगली जानवर पाए जाते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले लगभग 1300 पक्षियों में से 450 से अधिक प्रजातियों को आप दुधवा रिज़र्व में देख सकते हैं। इन पक्षियों की लिस्ट में हॉर्नबिल, रेड जंगल फाउल, बंगाल फ्लोरिकन, फिशिंग ईगल, सर्पेंट ईगल, ऑस्प्रे, पैराडाइज फ्लाईकैचर, वुडपेकर, शमा, इंडियन पिट्टा, ओरोल्स, एमराल्ड डोव आदि के नाम शामिल हैं। सर्दियों के मौसम में दौरान दुधवा रिज़र्व पार्क के विशाल विविध जल निकाय की वजह से यहां पर प्रवासी पक्षियों की संख्या काफी ज्यादा हो जाती है। दुधवा नेशनल पार्क के पक्षी यहां आने वाले पर्यटकों को बेहद आकर्षित करते हैं।
5. दुधवा नेशनल पार्क में पाए जाने वाले वनस्पति-
विभिन्न जीव-जन्तुओ की प्रजाति के साथ दुधवा रिजर्व, उत्तर प्रदेश के तराई जिले में बचे कुछ बेहतरीन प्राकृतिक वनों और घास के मैदानों को भी प्रदर्शित करता हैं। यहाँ पाई जाने वाली वनस्पति उत्तर भारतीय नम पर्णपाती प्रकार की है। जिसमे भारत के साल जंगल (शोरिया रोबस्टा) इसके कुछ खास उदहारण है। इसके साथ ही इस क्षेत्र में नम घास के मैदान सबसे ज्यादा व्यापक हैं।
6. दुधवा टाइगर रिजर्व में सफारी –
अगर आप सफारी ड्राइव करने के शौक़ीन हैं और आपको वन्यजीव के प्रेम हैं तो दुधवा टाइगर रिजर्व आपके लिए एक बहुत अच्छी जगह हैं। दुधवा नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटकों के लिए सफारी ड्राइव की सुविधा भी है। दुधवा सफारी ड्राइव में आप घने जंगलों में अद्भुत प्रजातियों को देख सकते हैं। लेकिन बता दें कि यहाँ के वन अधिकारी सफारी ड्राइव के लिए कोई जीप सफारी या गाइड प्रदान नहीं करते हैं। दुधवा सफारी के लिए आपको निजी तौर पर व्यवस्था करनी होगी। दुधवा में पार्क के माध्यम से हाथी की सवारी भी पेश की जाती है और यहाँ हाथी चालक भी गाइड के रूप में कार्य करते हैं।
7. दुधवा नेशनल पार्क सफारी टाइमिंग
अगर दुधवा नेशनल पार्क या टाइगर रिज़र्व में सफारी ड्राइव करना चाहते हैं तो इसका समय सुबह 7:00 बजे से 10:00 बजे और शाम 3:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक रहेगा।
8. पार्क खुलने का समय –
अगर आप दुधवा टाइगर रिजर्व की यात्रा करने के लिए जा रहे हैं तो इसका सबसे अच्छा समय फरवरी से अप्रैल के महीने तक का है। इसके अलावा आप मध्य नवंबर से मध्य जून के दौरान भी यात्रा कर सकते हैं।
दुधवा नेशनल पार्क की टिकट –
भारतीय पर्यटकों के लिए : 50 रूपये
विदेशी पर्यटकों के लिए : 300 रूपये
9. दुधवा नेशनल पार्क में रेस्तरां और स्थानीय –
अगर आप दुधवा नेशनल पार्क की सैर पार जा रहे हैं और वहां खाने की अच्छी जगह के बारे में जानना चाहते तो बता दें कि जिस भी होटल या गेस्ट हाउस में ठहरे हैं, वहां के खाने के अलावा एडमिन ऑफिस की एक कैंटीन भी आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यहां पर आपको सरल शाकाहारी खाना मिलता है जो बहुत अच्छा होता है। आप पार्क की सैर करते समय अपने साथ भोजन और पानी ले जा सकते हैं।
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10. दुधवा नेशनल पार्क तक कैसे पहुँचे –
अगर आप दुधवा नेशनल पार्क घुमने जाने का प्लान बना रहे हैं और जानना चाहते हैं कि यहाँ कैसे पहुंचे तो बता दें कि दुधवा जाने के लिए आप हवाई, ट्रेन और बस तीनों माध्यम से जा सकते हैं।
11. हवाई जहाज से दुधवा नेशनल पार्क तक कैसे पहुँचे –
अगर आप हवाई मार्ग से दुधवा नेशनल पार्क जाना चाहते हैं तो बता दें कि इस पार्क का निकटतम हवाई अड्डा लखनऊ हवाई अड्डा जो दुधवा से 238 किलोमीटर दूर है। लखनऊ पहुंचने के बाद आपको दुधवा जाने के लिए बस या कैब मिल जाएगी।
12. रेल या ट्रेन से दुधवा नेशनल पार्क तक कैसे पहुँचे-
अगर आप रेल द्वारा सफर करना चाहते हैं तो बता दें कि दुधवा रेलवे स्टेशन, रेलहेड से 4 किलोमीटर की दूरी स्थित है। यह रेल हेड रेल के माध्यम से लखनऊ और नैनीताल से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। अगर आप दिल्ली से यात्रा कर रहे हैं तो इसके लिए आप दिल्ली से डायरेक्ट शाहजहाँपुर तक से आये इसके बाद यहां से दुधवा के लिए सड़क मार्ग से आगे बढ़ें। यहाँ से दुधवा नेशनल पार्क की दूरी 107 किमी है।
13. सड़क की मदद से दुधवा पार्क तक कैसे पहुँचे-
अगर आप सड़क मार्ग द्वारा दुधवा नेशनल पार्क जाने का प्लान बना रहे हैं तो जान लें कि यहां से सबसे निकटतम शहर 5 किलोमीटर की दूरी पर पलिया है जो सड़क माध्यम से 238 किमी की दूरी पर लखनऊ से जुड़ा हुआ है। यूपीएसआरटीसी और निजी बसें पलिया और लखीमपुर-खीरी, शाहजहांपुर, बरेली (260 किमी) और दिल्ली (430 किमी) के बीच चलती हैं।