मणिकरण

Tripoto
Photo of मणिकरण 1/1 by RAVI SINGH

मणिकरण हिन्दू और सिख दोनों के लिए पवित्र धार्मिक स्थल है। यह 1737 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, कुल्लू से 45 कि.मी दूर हिमाचल राज्य में है। मणिकरण का अर्थ है "बहुमूल्य रत्न"। पौराणिक कथा अनुसार भगवन शिव की पत्नी पार्वती ने अपना बहुमूल्य रत्न यहाँ के किसी जलाशय में खो दिया। मां पार्वती के निवेदन पर भगवन शिव ने अपने अनुयायीयों को रत्न खोजने के लिए कहा पर वे इसमें विफल रहे। तब भगवन शिव ने क्रोध में अपना तृतीय नेत्र खोला, जिसके कारण धरती में दरार पड़ी और बहुमूल्य रत्नों और जवाहरातों का सृजन हुआ। गुरु नानक देवजी गुरुद्वारा मणिकरण का प्रमुख आकर्षक स्थल है। यह धारणा है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव अपने 5 चेलों के साथ इस स्थान पर आये थे। यहाँ गुरुद्वारा में बहता गर्म पानी लोगों के लिये एक मुख्‍य आकर्षण है। इसके आलावा यात्री शिव मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं। जिसकी खास बात यह है के 1905 में आई तीव्र भूकंप से यह मंदिर थोडा सा झुक गया। रिक्‍टेयर स्‍केल पर इस भूकंप की तीव्रता 8 थी। मणिकरण में कई दार्शनिक स्थल जैसे भगवन रामचंद्र मंदिर और कुलंत पिथ है। इसके अलावा पर्यटक स्थल हरिंदर पहाड़ी, पार्वती नदी, शोजा, मलन और किर्गंगा, जैसे स्थानों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ के कई स्थान ट्रैकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है। मणिकरण देखने का सबसे अच्छा समय अप्रैल और जून के बीच है। आप यहाँ रेल मार्ग, हवाई मार्ग, या रोड मार्ग द्वारा जा सकते हैं।

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