दिन 10 शत्रुघ्न घाट की दिन 10 आरती
आखिरी दिन था, एक बार फिर हम गए और शत्रुघ्न घाट पर आरती के लिए बैठे। गंगा के साथ शांति संतोषजनक थी। कल मैं अपनी दुनिया में वापस जाउंगी और काम में व्यस्त हो जाउंगी। इसलिए मैं यह सब अपने साथ ले जाना चाहती थी । आरती शुरू होने से पहले पंडित आए थे। कोई भी क्यों जाए लेकिन उन्होंने हमसे बात करना शुरू कर दिया। आरती तैयार की जा रही थी। और lockdown होने से पहले की आरती और अब कैसा है ये वो हमें बता रहे थे। इस लॉक डाउन ने सभी के जीवन को बदल दिया था। जीवन चलता रहता है। और उसी जीवन ने एक बार फिर मुझे गंगा आरती करने का सौभाग्य दिया। अमन जी, जो हमसे मिले थे, ने हम तीनों से पूरी पूजा करवाई। और उसके बाद मैं एक बार फिर गंगा आरती को अपने हाथों में लेके भाग्यशाली हो गयी थी। मैंने प्रभु को कितना धन्यवाद दु और कितना नहीं यही समज नही आ रहा था। हर हर गंगे कहके मैं धन्य हो गयी थी। आपको जीवन में और क्या चाहिए ।
संपूर्ण आरती के लिए यह लिंक: https://youtu.be/M8FxTaG-r50