कहीं घूमने के साथ-साथ प्रकृति की खूबसूरती का मज़ा उठाना चाहते हैं तो एक बार उत्तराखंड के हिल स्टेशन हर्षिल ज़रूर घूमने पहुंचें।
हरियाली और ठंडी हवा के बीच हर कोई कुछ सुकून भरा पल बिताना पसंद करता है। प्रकृति मन को तरोताजा प्रदान करती है और साथ में सभी तनावों को दूर करने में काफी मदद करती है। उत्तराखंड में एक ऐसी ही खूबसूरत जगह है, जिसके बारे में शायद कोई जनता हो या फिर यहां कोई घूमने के लिए पहुंचा भी हो। जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के एक छोटे से हिल स्टेशन यानि 'हर्षिल' के बारे में, जो उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में मौजूद एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है। इसे हर्षिल वैली के नाम में भी जाता है।
भागीरथी नदी के तट पर स्थित हर्षिल घाटी में बर्ड वॉचिंग और ट्रैकिंग के साथ-साथ कई बेहतरीन जगहों पर घूमकर ट्रिप को जीवन भर के लिए एक यादगार पल बना सकते हैं। हर साल यहां हजारों सैलानी घूमने के लिए आते हैं। तो चलिए यहां के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में जानते हैं।
धराली
हर्षिल से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा गांव, जो खूबसूरती के मामले में अद्भुत है। इस गांव के बगल में मौजूद भागीरथ नदी इसे और भी सैलानियों के लिए आकर्षण बनाती है। नदी के बहते पानी और पानी संगीत की तरह बहता है, जिसे देखने के लिए सभी सैलानी नजारे टिकाए रहते हैं। कहा जाता है कि धराली वह स्थान है जहां, भागीरथ ने गंगा नदी को धरती पर लाने के लिए तपस्या की थी। हिन्दुओं के लिए यह बेहद पवित्र स्थान भी है। यहां शंकर भगवान को पालनहार के रूप में पूजा जाता है।
हरियाली और ठंडी हवा के बीच हर कोई कुछ सुकून भरा पल बिताना पसंद करता है। प्रकृति मन को तरोताजा प्रदान करती है और साथ में सभी तनावों को दूर करने में काफी मदद करती है। उत्तराखंड में एक ऐसी ही खूबसूरत जगह है, जिसके बारे में शायद कोई जनता हो या फिर यहां कोई घूमने के लिए पहुंचा भी हो। जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के एक छोटे से हिल स्टेशन यानि 'हर्षिल' के बारे में, जो उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में मौजूद एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है। इसे हर्षिल वैली के नाम में भी जाता है।
हर्षिल से मुखबा गांव की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है। हजारों फीट की ऊंचाई पर स्थित यह गांव अद्भुत नजारों के लिए प्रसिद्ध है। यहां प्रकृति की खूबसूरती को देखते हुए बहती हुई ठंडी हवा की आवाज़ महसूस कर सकते हैं। यहां आप बर्फ़बारी का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। कई लोग इस जगह को देवी गंगोत्री का घर भी मानते हैं। देवदार के वृक्ष और हजारों तरह के पेड़-पौधें और प्राकृतिक सुंदरता के बीच सुकून भरा पल बिताने के लिए उत्तराखंड में शायद ऐसी कई जगह आपको न मिले। यहां आप ट्रैकिंग भी कर सकते हैं।
बर्डवॉचर्स के लिए बेस्ट है जगह
अगर हर्षिल प्राकृतिक खूबसूरती और गंगोत्री नदी के लिए प्रसिद्ध है, तो बर्डवॉचर्स के लिए के लिए भी यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। हर्षिल के घने जंगलों में पक्षियों की एक बृहद संख्या है। कहा जाता है कि यहां 5 सौ से भी अधिक पक्षियों की प्रजातियां मौजूद है। इन हजारों पक्षियों की मधुर आवाज यक़ीनन आपकी यात्रा को एक यादगार पल में तब्दील कर देंगे। अगर आप घूमने के साथ बर्डवॉचर्स भी है, तो हर्षिल घूमने ज़रूर पहुंचें।
बगोरी गाँव
हर्षिल में इस गावं को सेब का भंडार कहा जाता है। यहां आपको हर तरफ सेब ही सेब की खेत दिखाई देंगे। अगर आपको सेब के बगीचे में घूमने के साथ-साथ मीठे सेब का आनंद लेना हो तो बगोरी गांव ज़रूर पहुंचें। हर्षिल में मौजूद झील में भी आप नौका विहार का आनंद उठा सकते हैं। यहीं नहीं, हर्षिल में हर साल उत्तरकाशी मेला लगता है, जो बेहद ही फेमस मेला है। इस मेले में आपको स्थानीय संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलेगा।
कैसे पहुंचें हर्षिल
हवाई मार्ग से जाने के लिए आपको निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा पहुंचना होगा। यहां से आप लोकल टैक्सी लेकर जा सकते हैं। ट्रेन से आप ऋषिकेश रेलवे स्टेशन जाकर लोकल बस या टैक्सी से भी हर्षिल जा सकते हैं। आप फ़रवरी में घूमने का एक अलग ही मज़ा है।
कैसे पहुंचें हर्षिल