नैनीताल से लगभग 18 किमी दूर एक मंदिर यकबयक आपको अपनी तरफ आकर्षित करेगा, जिसके चारों ओर लाखों घन्टियां बंधी हुई है और कागज़ की पर्चियाँ टंगी हुई है। इस मंदिर का नाम है गोलू देवता का मंदिर या घोड़ाखाल मंदिर।
घोराखाल, एक छोटा सा गाँव है, जो समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई पर है। यहाँ का वातावरण एकदम शांत और सुकून देने वाला है। यह जगह मुख्य रूप से भगवान गोलू के मंदिर के लिए जाना जाता है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसके परिसर में बहुत बड़ी संख्या में घंटियाँ लटकी हुई है। ये घंटियों भक्तों द्वारा इच्छा पूर्ति के बाद, धन्यवाद के रूप में बाँधी जाती है। देवता को बकरों की बलि भी दी जाती है।
इस मंदिर की दूसरी विशेषता ये है कि भक्त यहाँ भगवान को अपनी प्रार्थना या परेशानी पेपर पर लिखकर देते है। और यदि किसी अदालत में कोई मुकदमा चल रहा हो तो वो भक्त बाकायदा स्टाम्प पेपर पर अपनी परेशानी लिख कर भगवान से याचिका करते है। पंडितजी भक्त की अर्जी गोलू देवता को पढ़कर सुनाते है और उसके बाद मंदिर परिसर में टांग देते है।
मन्नत पूरी होने पर यहाँ भक्त घंटी बांधते है। गोलू देवता लोगों को तुरंत न्याय दिलाने के लिए भी प्रसिद्ध है, इसीलिए इन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है।
यदि किसी भक्त से गलती हो जाती है, तब भी वह यहाँ क्षमा माँगने भी गोलू देवता के मंदिर आता है।
मान्यता है कि अगर कोई नवविवाहित जोड़ा इस मंदिर में दर्शन के लिए आता है तो सात जन्मों के लिये उनका रिश्ता सात जन्मों के लिये जुड़ जाता है।
मंदिर का वातावरण मन को शान्ती देने वाला है। आप यहाँ बैठकर ध्यान भी लगा सकते है। यहाँ के शांत वातावरण में आपको हर थोड़ी देर में मंदिर की घंटी बजती सुनाई देगी, जिसकी गूंज बहुत देर तक रहती है। मंदिर परिसर के चारों ओर हरियाली आँखों को बड़ा सुकून देती है। बादलों का झुंड भी मानो अपनी कोई प्रार्थना लेकर यहाँ आता रहता है। बादलों की ठंडक आप महसूस भी कर सकते है।
गोलू देवता के मंदिर पहुंचने के लिये आप पहले नैनीताल तक पहुंच जायें। नैनीताल से गोलू देवता के मंदिर पहुंचने में लगभग 45 से 50 मिनट लगते है।
दिल्ली और आसपास के शहर से लोग अधिकतर सड़क मार्ग से ही नैनीताल आते है। नैनीताल सड़कमार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से नैनीताल की दूरी करीब 320 किलोमीटर है जिसे पूरा करने में 8-9 घंटे लगते है। इसके अलावा दिल्ली से नैनीताल के लिए सीधी बस सेवा भी उपलब्ध है। आप अपनी कार से भी नैनीताल जा सकते है और रास्ते की खूबसूरती का मजा ले सकते है।
रेल द्वारा आप काठगोदाम तक पहुंच जाइये और वहाँ से बस से नैनीताल तक और टैक्सी से आप सीधे गोलू देवता के मंदिर तक जा सकते है।
रुकने के लिये आप नैनीताल, भीमताल या मुक्तेशवर रुक सकते है। पर्यटक यहाँ दर्शन करके और कुछ घन्टे यहाँ बिताकर वापिस लौट जाते है।
जो भी घोड़ाखाल आता है वह वापिस आने के बाद यहाँ के सुकून और शांत वातावरण को जरूर याद करता है। और हर उस जानकार को, जो नैनीताल या भीमताल जा रहे होते है, उनको गोलू देवता के मंदिर जाने को जरुर बोलता है।
मैं भी आप सब को यही कहूँगी कि अगर इस बार आप नैनीताल जाने का सोच रहे है तो गोलू देवता के मंदिर जायें और वहाँ के सुकून का आनन्द लिजिये। वापस आकर मुझे जरूर बतायें कि आपको गोलू देवता के मंदिर कैसा लगा।
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