"रंगीला राजस्थान" जब "पधारो म्हारे देश" कहकर बुलाता है तो झट से हमें माउंट आबु, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और जैसलमेर जैसे ज्यादा प्रचलित स्थानों का पहले ध्यान आता है। लेकिन अबकी बार जब ऐसा होगा, तब आपके पास राजस्थान में देखने के लिए कुछ नया 🏞 होगा। तो! आइये चलें...दक्षिणी अरावली...🚙



राजसीथाट और वीरता के किस्से बयां करते उदयपुर से करीब 115 किमी दूर कोटड़ा तहसील, गुजरात-राजस्थान बॉर्डर पर साबरमती नदी किनारे पानरवा में मिलेगा, राजस्थान के कई छुपे रत्नों में से एक "फुलवारी की नाल" अभयारण्य। 1983 में बना 500 वर्ग किमी में फैला ये वन्यजीव अभयारण्य अपने में एक बड़ा जंगल, तीन नदियों का उद्गम और 134 गांव अपने में समेटे हुए है। इस आदिवासी क्षेत्र में अभयारण्य की पहाडियों से मानसी, वाकल और सोम नदियों का उद्गम होता है।



साल में सिर्फ 10-15 दिन के एक सिंगल पीरियड (बरसात के तुरंत बाद) की अवधि में ही फुलवारी की नाल अभयारण्य को देखा जा सकता है। मॉनसून और बारिश के समय घाटी को ऊपर से नीचे तक फूलों से सजा देख सकते है। यहाँ खासकर महुए के पेड़ों पर लगे आर्किड के छोटे-छोटे पौैधे पर बहुत ही सुंदर और प्रसिद्ध फूल (ऑर्किड्स) लगते हैं। इन्हें देखिए और रंगों🌈 से सरोबार हो जाइए !!

ऑर्किड्स की विशेष मौसम और नमी की जरूरत के कारण राजस्थान में ये सिर्फ कुछ ही जगहों पर खिलते हैं। वहीं सिक्किम जैसी जगहों पर जहां गर्मी कम होती है, ये फूल पूरे साल दिखते हैं। इसके पौैधे अमूमन महुए के पेड़ पर लगते हैं और इसलिए यहां काफ़ी संख्या में महुआ के पौधे लगाए गए हैं। यहां इनकी आठ वैरायटी आप देख सकते हैं। राजस्थान में इसके अलावा माउंटआबू और सीतामाता अभ्यारण्य में ऑर्किड्स पाये जाते हैं।



यहां प्रदेश का पहला ऑर्किडेरियम (ऑर्किडस को रखने वाले उद्यान) स्थापित किया गया है। ये ऑर्किडेरियम उदयपुर के ईकोटूरिज्म को एक नयी पहचान देता है। जीव विज्ञानियों और पर्यावरण प्रेमियों दोनों के लिए यह ऑर्किडेरियम एक बढ़िया स्थान है। अभयारण्य के अंदर रुकने के लिए कोटड़ा, मामेर और पानरवा में तीन सरकारी गेस्ट हाउस हैं।
वन्यजीव- लॉन्ग टेल्ड नाइटजार बर्ड, तेंदुआ, उड़ने वाली गिलहरी, एशियन गिरगिट, माउस डियर, चार सींग वाला मृग आदि जंगली जीव आप यहां देख सकते हैं।






अन्य स्थान जो आस पास देखे जा सकते हैं-
अरावली की पहाडियों में गाड़ी से घूमें या पैदल ट्रेक करें और खूबसूरत माहौल का लुत्फ उठाएं.
गुजरात बॉर्डर पार करते ही प्रसिद्ध और सुंदर अम्बाजी माता का मंदिर है, जाएं और आशीर्वाद लें.
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें
Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ।