सुबह जल्दी 7:00 बजे तैयार होकर सम्राट रेस्टोरेंट की ओर निकले टैक्सी वाला गुलाबी रंग से बने भवनों के बीच से पुरानी सिटी में लेकर जा रहा था, फिर हम जयपुर के प्रसिद्ध सम्राट रेस्टोरेंट गए वहां पर नाश्ता करके हम हवा महल की ओर पैदल निकले जो करीबन सम्राट से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है सबसे पहले हमने हवा महल देखा हवा महल जयपुर के पुरानी सिटी का एक ऐतिहासिक भवन है जो जयपुर की रानियों के लिए बनाया गया था हवा महल में जयपुर की रानियां पुराने समय में निकलने वाली गणगौर की यात्रा को हवा महल की खिड़कियों से देखती थी हवामहल का निर्माण सवाई प्रताप सिंह ने 1799 हवामहल का निर्माण कराया हवा महल में 953 खिड़कियां है यह 5 मंजिला इमारत है जेम्स टॉड ने इससे कृष्ण का मुकुट कहा है
हवा महल जयपुर हम अल्बर्ट हॉल देखने गए अल्बर्ट हॉल का निर्माण सवाई राम सिंह द्वितीय ने प्रिंस अल्बर्ट की जयपुर की यात्रा की स्मृति में इस महल का निर्माण करवाया गया इसमें अल्बर्ट संग्रहालय संचालित हैं जो राजस्थान में निर्मित प्रथम संग्रहालय हैं महल में विशेष आकर्षण मम्मी है जो मिस्र से लाई गई है संग्रहालय के अंदर प्राचीन समय के पुराने समय की वस्तुओं का संग्रह किया गया है अल्बर्ट हॉल म्यूजियम बहुत ही अच्छा और सुंदर है
दूसरे दिन की शुरुआत भी पहले दिन की तरह सम्राट रेस्टोरेंट्स हुई वहां से हम जंतर मंतर देखने गए जंतर मंतर पुरानी वेधशाला है
तीसरे दिन हम जयपुर के किलो को देखने के लिए निकले रिक्शा वाले ने हमें नाहरगढ़ की तलहटी में छोड़ दिया वहां से नाहरगढ़ करीबन 2 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित था वहां से हमने नाहरगढ़ की ओर चढ़ाई करना शुरू की चढ़ाई का रास्ता ढलान वाला था जिस पर चढ़ाई करना बहुत ही कठिन थी चढ़ाई पर टैक्सी रिक्शा का चढ़ना संभव नहीं है लेकिन मोटरसाइकिल व कार से चढ़ाई की जा सकती है ऊपर नाहरगढ़ पहुंचकर हमने आराम किया नाहरगढ़ सवाई जयसिंह द्वारा मराठा आक्रमण से सुरक्षा हेतु इस दुर्ग का निर्माण 1734 में एक पहाड़ी पर करवाया गया इसे सुदर्शन गढ़ से भी जाना जाता है इस दुर्ग का नामकरण नाहर सिंह भोमिया के नाम पर किया गया इसमें सवाई माधो सिंह द्वारा अपनी 9 पासवानो के लिए बनाए गए एक जैसे नौ महल है
नारगढ़ देखने के बाद हमने जयगढ़ जाने की सोची नाहरगढ़ से जयगढ़ जाने के लिए ऊपर पहाड़ी पर नाहरगढ़ किले के बाहर टैक्सी वाले खड़े थे टैक्सी वाले ने बीच में व्यू प्वाइंट दिखाते हुए जय गढ़ छोड़ दिया जय गढ़ जयपुर के राजाओं का एक सुरक्षित किया था जहां जयपुर के राजाओं का सुरक्षा स्थान और खजाने को छुपाने का एक प्रमुख स्थान था जिसका निर्माण सवाई जयसिंह ने करवाया था इस किले के अंदर विश्व की सबसे बड़ी तोप जयबाण है जिसकी क्षमता 35 किलोमीटर है जयगढ़ किले के अंदर इंदिरा गांधी के समय भारत की आपातकालीन स्थिति में खुदवाई की गई
जयगढ़ किले के पास जय गढ़ से नीचे की तरफ लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर आमेर का किला स्थित है आमेर किले का निर्माण मिर्जा राजा मानसिंह ने 1594 मे करवाया था राजस्थान का प्रथम राजपूत मुगल शैली मे बना किला है गणेश पोल आमेर किले का मुख्य प्रवेश द्वार है किले के अंदर जगत शिरोमणि मंदिर शीला देवी का मंदिर सुहाग मंदिर मेजर राजा मानसिंह की 16 रानियों का महल है
ईसर लाट का निर्माण सवाई ईश्वरी सिंह ने विजय स्तंभ के रूप में निर्माण करवाया जो 140 फीट ऊंची सात मंजिला मीनार है और जयपुर में देखने के लिए सिसोदिया रानी का बाग जल महल गैटोर की छतरियां गलताजी का मंदिर जैन मंदिर और बहुत सारे मंदिर है