
अभी कुछ साल पहले ही हम सभी के मोबाइल स्क्रीन से चाइना का वो सांस रोक देने वाला वीडियो कई बार गुजरा होगा, जिसमें लोग जमीन से सैकड़ों फीट ऊपर आसमान में तैरते से प्रतीत होते कांच के पारदर्शी ब्रिज से गुजरते दिखते हैं। उस वीडियो को देखते हुए हम सभी ने अपने जीवन में कम से कम एक बार वैसे ही किसी कांच से बने पारदर्शी ब्रिज के जरिए आसमान में चलने का सपना जरूर संजोया होगा।

लेकिन, अफसोस इस बात का कि रोम-रोम को रोमांच से भर देने वाले वैसे ही किसी अहसास की अनुभूति के लिए चाइना जाना हर किसी के बूते की बात थी नहीं। इसलिए हम में से ज्यादातर लोग अब तक वीडियो देखकर ही मन भरने के लिए अभिशप्त थे। लेकिन अब ऐसा नहीं रह गया है। जी हां, 2020 का साल अपने शुरुआत से चाहे जितना ही ज्यादा मनहूस रहा हो, लेकिन 2021 की शुरुआत से ही घुमक्कड़ी के दीवानों के लिए अच्छी खबरों के आने का दौर जरूर शुरू हो गया।

तो अच्छी खबर यह है कि ज्यादातर समय बुरी खबरों के लिए खबर में रहने वाले राज्य बिहार में बदलाव की बहार की वजह से पांच पहाड़ियों से घिरे प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस राजगीर में चाइना वाला चमत्कार दोहरा दिया गया है। जी हां, बिहार राज्य के लिए बड़े गर्व और भारतीयों के लिए खुशी की बात है कि राजगीर में देश का दूसरा 'ग्लास स्कायवॉक ब्रिज' बन कर तैयार हो गया है।
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जमीन से करीब 250 फीट ऊपर आसमान में तैरते 85 फुट लंबाई और 6 फुट चौड़ाई वाले इस ब्रिज को अभी आम लोगों के लिए नहीं खोला गया है। सरकार की माने तो आसमान में चलने का सुख प्राप्त करने के लिए सभी मुसाफिरों को मार्च के महीने तक का इंतजार करना होगा।

आप लोगों को बता दें कि ग्लास स्कायवॉक ब्रिज के तैयार होने से पहले भी राजगीर सिर्फ देश ही नहीं तो विदेशों तक में अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए काफी प्रसिद्ध रहा है।
बिहार के नालंदा जिले में स्थित राजगीर में साल 1978 में ही वन्यजीव अभयारण्य स्थापित किया गया था। लगभग 13.83 वर्ग मील में फैला यह वन्यजीव अभ्यारण्य विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों और जीव-जन्तुओं से भरा हुआ है। घूमने आए लोग यहां विभिन्न पक्षी प्रजातियों के साथ हिरण, तेंदुआ आदि जीवों को भी देख सकते हैं। यह उद्यान वन्य जीवन को नजदीक से देखने का सबसे अच्छा विकल्प है। यहां घूमने आए सैलानी नालंदा बंगलो में रूक सकते हैं।

अधिकारियों के अनुसार राजगीर के आकर्षण को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का सारा दारोमदार सिर्फ ग्लास स्काईवॉक ब्रिज पर ही नहीं होगा। इसके अलावा यहां आने वाले सभी पर्यटकों के लिए और भी बहुत से नए इंतजाम किए जा रहे हैं। राजगीर आने वाले पर्यटक जिप लाईन, एडवेंचर स्पॉट के तहत आर्चरी, तीरंदाजी, साइकिलिंग, ट्रैकिंग पाथ, मड और ट्री कॉटेज, वुडेन हट और साथ ही औषधीय पार्क का लुत्फ़ उठा सकेंगे। फिलहाल इन सभी का कंस्ट्रक्शन अपने युद्धस्तर पर चल रहा है। यानी अब बस कुछ और समय का इंतजार है, इसके बाद बिहार में भी बहार बहने वाली है।
- रोशन सास्तिक
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