"पूर्व के स्कॉटलैंड" के नाम से जाने वाले शिलांग शहर से एक बाइक किराए पर लेकर मेघालय प्रदेश की यात्रा प्रारंभ की। शिलांग से लगभग २ घंटे की दूरी पर दुनिया में सबसे अधिक बर्षा वाला स्थान चेरापूंजी है, और उससे कुछ दूरी पर है मासिनराम। दोनों ही स्थान सर्वाधिक बर्षा के आंकड़ों में ऊपर नीचे रहते हैं। चेरापूंजी को स्थानीय लोग 'सोहरा' के नाम से जानते हैं। अगर मेघालय प्रदेश की बात करें, तो अन्य पूर्वोत्तर के राज्यों की तुलना में यह प्रदेश थोड़ा सा विकसित जान पड़ता है। सड़कें अच्छी है, जगह जगह पर कुछ अच्छे होटल, रेस्टोरेंट्स देखने को मिल जाते हैं। शिलांग से सोहरा तक का रास्ता आपकी यात्रा रोमांचक बनाता है, पूरे रास्ते खूबसूरत हरे भरे घास के मैदान और आसमान काफी नीला दिखाई देता है, जैसे जैसे मासिनराम की तरफ बढ़ते जायेंगे, पूरा रास्ता धुंध से भर जायेगा, और बारिश की हल्की सी फुहारें गिरने लगती है, पूरे समय जब तक मासिनराम और चेरापूंजी के इलाके में रहे यही मौसम रहा। उसके बाद कुछ आसपास के खूबसूरत गांवों और झरनों के देखने के बाद , मैं डाउकी लेक की तरफ बढ़ गया, यह भारत और बांग्लादेश की सीमा पर स्थित एक बहुत ही साफ पानी की झील है। अगर सूर्य की रोशनी सीधी पानी में आये, उस समय आप झील के अन्दर के तल को भी साफ देख सकते हैं। अगर मछली पकड़ने के शौकीन हैं, तो मस्त जगह है यह। यहां से ३० मिनट की दूरी पर माउलीन्नोंग (Mowlynnong) है, जिसको एशिया के सबसे साफ सुथरे गांव का पुरस्कार मिला है। उसके बाद मैं पैदल चलते चलते एक खासी जनजाति की खास कला देखने के लिए निकल पड़ा, यह पेड़ की जीवित जड़ों को एक पुल की संरचना मे ढालकर उसको एक जीवित और प्राकृतिक वृक्षों का पुल बनाना, जो अपने आप में अनोखा है। यह प्राकृतिक पुल बहुत आकर्षक दिखता है।
कैसे करे यात्रा: शिलांग से आपको हर जगह के लिए टैक्सी मिल जायेगी, अगर अकेले है तो सबसे अच्छा है बाइक किराए पर लेलें। रूकने के लिए आपको हर जगह अच्छे विकल्प मिल जायेंगे।
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