घुमक्कड़ होना अपने आप में ही एक तजुर्बा है,क्योंकि जब एक घुमक्कड़ किसी जगह की खोज में निकलता है तो उसे बहुत सी नयी चीजे सिखने को मिलती है।कभी पैदल चलकर ,कभी आसमान में उड़कर ,कभी रेल में बैठकर न जाने कितने अनुभव प्राप्त हो जाते है। ऐसा ही एक अनुभव है पानी के बीच क्रूज पर रहना।चारो तरफ पानी ही पानी और एक आलीशान छत के नीचे से उसे निहारना एक अलग ही एहसास है।क्रूज की सवारी करना शायद हर किसी का सपना होगा क्योंकि ये हर तरह से एक लक्ज़री यात्रा होती है। क्रूज पर वो सारी सुविधाएं होती है जो किसी फाइव स्टार होटल में होती है। आप यहाँ पार्टी से लेकर हर प्रकार की एन्जॉयमेंट कर सकते है।क्रूज का नाम सुनते ही जेहन में सबसे पहले मुंबई और गोवा का नाम आता है और ये काफी कॉस्टली भी है तो आम आदमी के बजट में नही आते। लेकिन हम आपको बता दे की अब आपको क्रूज की सवारी के लिए मुम्बई या गोवा जाने की जरूरत नही है आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी लक्ज़री क्रूज की यात्रा का आनंद उठा सकते है और ये आपकी बजट में भी आराम से आ जाएगा तो आइये जानते है वाराणसी के अलकनंदा क्रूज के विषय में ..
कितना भव्य है अलकनंदा क्रूज
अलकनंदा क्रूज में उन सभी बातों का ध्यान रखा गया है जो किसी फाइव स्टार होटल में होता है।यह क्रूज अस्सी घाट और राजघाट के बीच के चलती है।2000 वर्ग फीट के इस अत्याधुनिक क्रूज में उन सभी व्यवस्थाओं का ध्यान रखा गया है जो किसी फाइव स्टार होटल में होता है। ये डबल डेकर और वातानुकूलित है।क्रूज की खिड़कियां काफी बड़ी बनाई गई हैं ताकि अंदर बैठा व्यक्ति बाहर के नजारे का पूरा लुत्फ उठा सके। यह क्रूज अस्सी घाट पर होने वाले सुबह-ए-बनारस और शाम को दशाश्वमेध घाट गंगा आरती दिखाता है।इसमें नीचे के डेक में 60 लोग और ऊपर के डेक पर 30 लोगों के बैठ सकते हैं।
खाने-पीने और मनोरंजन का इंतजाम
इस क्रूज में खाने-पीने से लेकर मनोरंजन का पूरा ध्यान रखा गया है। क्रूज में लगभग सभी स्ट्रीट फूड से लेकर बनारस और दुनियाभर के कई व्यंजन मिलते हैं। इसके सेकेंड फ्लोर पर एक अत्याधुनिक रेस्त्रां है, जहां ऑन डिमांड डिश भी बनाई जाती हैं। इसके अलावा भारतीय शास्त्रीय संगीत चलता रहता है।
साफ-सफाई का रखा गया है विशेष ध्यान
क्रूज में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है। लोगों को क्रूज के अंदर कचरा फेंकने की सख्त मनाही है। क्रूज में अंदर अलग-अलग कचरे को फेंकने के लिए हर जगह अलग-अलग डस्टबिन रखे गए हैं। इस क्रूज पर बायो-टॉयलेट भी बनाए गए हैं। पर्यावरण का ध्यान रखते हुए क्रूज के इंजन को पूरी तरह से साउंड प्रूफ बनाया गया है। क्रूज में सुरक्षा जैकेट और लाइफगार्ड भी हैं। साथ ही किसी इमरजेंसी के लिए लाइफ बोट भी होती है।
क्रूूूज पर कीजिये किटी या मनाइये बर्थडे
इस क्रूज पर आप अपने स्पेशल डे को भी सेलिब्रेट कर सकते है।क्रूज को दोपहर के वक्त कॉर्पोरेट सेक्टर की मीटिंग, किटी और बर्थडे पार्टी, धार्मिक अनुष्ठान, आदि के लिए भी बुक किया जा सकेगा।क्रूज के पिछले हिस्से में रैंप भी बनाया गया है, जिसमें धार्मिक अनुष्ठान भी आराम से कराए जा सकते है।
क्रूूूज की टाइमिंग और किराया
अगर आप सुबह के समय क्रूज की सैर करना चाहते हैं तो 7.00 से 8.30 बजे तक इसका आनंद ले सकते हैं। शाम के समय क्रूज की सैर के लिए समय 6.00 बजे से रात 8.30 बजे तक है।
क्रूज की फीस ₹900 रुपए है। इसके लिए अतिरिक्त जीएसटी अलग से चार्ज किया जाता है।
बोर्डिंग पॉइंट: अलकनंदा जेट्टी, रविदास पार्क घाट नागवा, वाराणसी।
क्रूज पर स्थानीय, शास्त्रीय संगीत बजता है। साथ ही वाराणसी के घाटों के महत्व के बारे में जानकारी दी जाती है।
इसकी सवारी के दौरान आप सुबह के समय वाराणसी में गंगा आरती के दर्शन कर सकते हैं। वहीं अगर आप शाम के समय इसकी सैर करते हैं तो ढलते सूरज का मोहक दृश्य और संध्या काल की आरती की भव्यता निहार सकते हैं।
कैसे बुक करें क्रूज?
अलकनंदा क्रूज पर सवारी के लिए दिए गए लिंक https:/ordiccruiseline.com/booking/ पर क्लिक करें। साइट खुलने पर आपको मॉर्निंग और इवनिंग क्रूज की बुकिंग के लिए दो अलग-अलग विकल्प दिए जायेंगे। बुक नॉउ क्लिक करने के बाद आपको दिन और समय तय करना होगा। अपने हिसाब से बुकिंग कर आप अलकनंदा क्रूज की सवारी का आनंद ले सकते हैं।
तो अगली बार आप जब भी वाराणसी आये तो इस क्रूज की सवारी का आनंद जरूर लें।