ठिठुरती सर्दी में धुप का एक अलग ही एहसास होता है मानो कुदरत खुद ही हमे रजाई ओढा रही हो।ऐसा ही कुछ एहसास मुझे बीते हुये कल के दिन हुआ।कई दिन के धुंध भरे दिनों के बाद उस दिन एक सुनहरी सी धुप निकली थी।हम घर पर बैठे बोर हो रहे थे।
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तभी मेरी बेटी जो अभी 3 साल की है हमारे पास आकर बीच पर जाने की जिद करने लगी ऐसा वो काफी दिनों से कह रही थी क्योंकि उसने फ़ोन पर बच्चो के शो में बीच देखा था।तभी मेरे भाई ने कहा कि ठीक है चलो आज हम लोग घूमने चलते है वैसे भी मौसम काफी अच्छा था और हमलोग तैयार हो गए फिर निकल पड़े अपने स्कूटी पर मैं , मेरी बेटी और मेरा भाई पूर्वांचल का मरीन ड्राइव देखने के लिए।
रामगढ़ ताल का इतिहास
गोरखपुर के इस ताल का केवल गोरखपुर में ही नही राष्ट्रीय स्तर पर भी ऐतिहासिक महत्व है।कहते है ईसा पूर्व छठी शताब्दी में गोरखपुर का नाम रामग्राम था। यहां कोलीय गणराज्य स्थापित था।जिस वंश की गौतम बुद्ध की माता एवम् उनकी पत्नी थी।उन दिनों राप्ती नदी आज के रामगढ़ ताल से ही होकर गुजरती थी। बाद में राप्ती नदी की दिशा बदली तो उसके अवशेष से रामगढ़ ताल अस्तित्व में आ गया। रामग्राम से ही ताल का नाम रामगढ़ पड़ा।
रामगढ़ ताल के बारे में यह भी है प्राचीनकथा
इस ताल के बारे में एक कथा यह भी है कि प्राचीन काल में ताल के स्थान पर एक विशाल नगर हुआ करता था, जो किसी ऋषि के श्राप में ध्वस्त हो गया और वहां ताल बन गया।शुरुआत में यह तालाब छह मील लंबा और तीन मील चौड़ा था तब इसका दायरा 18 वर्ग किलोमीटर था। अतिक्रमण के कारण अब यह सात वर्ग किलोमीटर में सिमट कर रह गया है।लंबे समय तक इस ताल की उपयोगिता को शहरवासी समझ नहीं सके और यह बेकार ही पड़ा रहा।
आज पूर्वांचल का मरीन ड्राइव है यह ताल
90 के दशक में जब वीर बहादुर सिंह मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने रामगढ़ ताल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की, जो 1989 में उनके असामयिक निधन से बीच में अधूरी गई। जब योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश का नेतृत्व संभाला तो उन्होंने ताल की कीमत को एक फिर बार समझा और इसे लेकर नई योजनाएं बनाईं और योजनाओं को पूरा करने का संकल्प लिया।
कल तक उपेक्षा का शिकार रामगढ़ ताल आज पूर्वांचल का मरीन ड्राइव बन चुका है। इसकी छटा देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। शाम ढलते ही ताल के किनारे जुटने वाली भीड़ इसकी बढ़ रही लोकप्रियता का उदाहरण है।
मनोरंजन की गतिविधियां
वैसे तो इसके प्रकृति सौंदर्य के आगे किसी और मनोरंजन की आवश्यकता ही नही है।घंटो पानी को निहारना और आस -पास की हरियाली एक अलग ही सुकून देती है।पर फिर भी आप यह नौकायन का मजा ले सकते है साथ ही कई तरह की बोटिंग की भी व्यवस्ता यहाँ पर है।शाम 7 बजे के बाद यह फाउंटेन लाइट का म्यूजिकल शो भी चलता है। रात के अँधेरे में पानी के बीच लाइट में डूबा फाउंटेन देखना काफी रोचक लगता है।इसके अलावा आप यहाँ ऊंट की सवारी का भी आनंद ले सकते है।
तो अगर आप भी पूर्वांचल का मरीन ड्राइव देखना चाहते है तो गोरखपुर में आपकी ये ख्वाइश पूरी हो जाएगी।इसके लिए आपको गोवा तक जाने की जरूरत नही होगी।
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