रणकपुर जैन मंदिर: जैन समुदाय के लिए पाँच पवित्र स्थलों में से एक

Tripoto
1st Jan 2021
Photo of रणकपुर जैन मंदिर: जैन समुदाय के लिए पाँच पवित्र स्थलों में से एक by Smita Yadav
Day 1

रणकपुर जैन मंदिर विश्व भर में विख्यात है। रणकपुर जैन मंदिर राजस्थान के पाली जिले के सादड़ी में स्थित है। रणकपुर जैन मंदिर जोधपुर और उदयपुर के बीच में अरावली पर्वत की घाटियों में स्थित है। उदयपुर से 96 किलोमीटर दूरी पर स्थित रणकपुर जैन मंदिर अपनी भव्यता, विशालता और सुंदरता के लिए काफी मशहूर है। जैन धर्म के प्रमुख 5 धार्मिक स्थलों में से एक रणकपुर जैन मंदिर, जैन तीर्थंकर आदिनाथ जी को समर्पित है। रणकपुर जैन मंदिर चारों तरफ जंगलों से घिरा है, इस प्राचीन जैन मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती है। रणकपुर के जैन मन्दिर को धर्म और आस्था के साथ शिल्प का चमत्कार कहें तो इसमें कोई दो राय नहीं।

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रणकपुर जैन मंदिर का इतिहास:

अपनी भव्यता और खूबसूरत के लिए मशहूर है, रणकपुर जैन मंदिर का निर्माण करीब 600 साल पहले हुआ था। रणकपुर जैन मंदिर को बनाने में बहुत लम्बा समय लगा था, और उस समय इसके निर्माण में करीब 99 लाख रुपए की राशि का खर्च आया था। रणकपुर जैन मंदिर का निर्माण राणा कुम्भा के शासन काल में हुआ था, राणा कुंभा ने इसके बाद रणकपुर जैन मंदिर को बनवाने के लिए धरनशाह को जमीन दे दी, इसके साथ ही एक नगर बसाने के लिए भी कहा। इस भव्य मंदिर के रखरखाव की जिम्मेदारी 1953 में एक ट्रस्ट को दे दी गई। जिसके बाद इस अद्भुत धरोहर की सुंदरता को, नया रूप दिया गया।

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क्यों है ये मंदिर खास:

इस मंदिर में 4 कलात्मक प्रवेश द्वार हैं। मंदिर के मुख्य गृह में तीर्थंकर आदिनाथ की संगमरमर से बनी 4 विशाल मूर्तियां हैं। करीब 72 इंच ऊंची ये मूतियां 4 अलग दिशाओं की ओर उन्मुख हैं। इसी कारण इसे ‘चतुर्मुख मंदिर’ कहा जाता है। इसके अलावा मंदिर में 76 छोटे गुम्बदनुमा पवित्र स्थान, 4 बड़े प्रार्थना कक्ष तथा 4 बड़े पूजन स्थल हैं। ये मनुष्य को जीवन-मृत्यु की 84 योनियों से मुक्ति प्राप्त कर मोक्ष प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं। यहाँ आ कर बहुत ही सुकून मिलता है और ये भारत की सुंदरता को भी झलकाता है।

1. इस मंदिर की प्रमुख विशेषता इसके सैकड़ों खंभे हैं जिनकी संख्या करीब 1,444 है।

2. यहाँ आप जिस तरफ भी नजर घुमाएंगे आपको छोटे-बड़े आकारों के खंभे दिखाई देते हैं।

3. ये खंभे इस प्रकार बनाए गए हैं कि कहीं से भी देखने पर मुख्य पवित्र स्थल के ‘दर्शन’ में बाधा नहीं पहुंचती है।

4. मंदिर की छत पर की गई नक्काशी इसकी उत्कृष्टता का प्रतीक है।

5. इन खंभों पर अतिसुंदर नक्काशी की गई है। इन खंभों की खास विशेषता यह है कि ये सभी अनोखे और अलग-अलग कलाकृतियों से निर्मित हैं।

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रणकपुर जैन मंदिर प्रवेश शुल्क:

रणकपुर जैन मंदिर में भारतीयों नागरिको के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगता हैं लेकिन विदेशी पर्यटकों के लिए 200INR का प्रवेश शुल्क लगता है।

रणकपुर जैन मंदिर खुलने का समय:

पर्यटकों को मंदिर का दौरा दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक करने की अनुमति है। यह मंदिर सुबह 12 बजे से पहले प्रार्थना के लिए खुला रहता है।

रणकपुर जैन मंदिर के आसपास कहां रुके:

रणकपुर जैन मंदिर के आसपास आपको रणकपुर और सादरी नामक स्थान पर आवास की सुविधा मिल जाएगी हाँ पर आपनी बजट और सुविधा के अनुसार होटल का चयन कर सकते हैं।

1. रूपम रिज़ॉर्ट

2. चंद्रा हिल रिज़ॉर्ट

3. आइडियल लेक व्यू रिज़ॉर्ट

4. मन होटल

5. रणकपुर सफारी रिज़ॉर्ट

रणकपुर जैन मंदिर जानें का सही समय:

आप रणकपुर जैन मंदिर किस भी समय घूमने की योजना बना सकते हैं, आप साल के किसी भी समय राज्य का दौरा कर सकते हैं और हर मौसम के हिसाब से जाने का अपना अगल अंदाज होता है, लेकिन पर्यटकों की पसंद के अनुसार जुलाई से सितंबर का समय रणकपुर जैन मंदिर की यात्रा के लिए एक अच्छा समय हैं। वैसे पर्यटक यहां पूरे साल आते हैं। तो आप भी यहाँ कभी भी अपनी यात्रा के लिए जा सकते हैं और यहाँ की शिल्प कला शैली कि विविधता के अद्भुत चित्रण का दर्शन कर सकते हैं।

कैसे पहुंचें :-

सड़क मार्ग- उदयपुर देश के प्रमुख शहरों से सड़कों के जरिए जुड़ा हुआ है। उदयपुर से यहाँ के लिए प्राइवेट बसें तथा टैक्सियां उपलब्ध रहती हैं। आप यहाँ अपने निजी वाहन से भी जा सकते हैं।

रेल मार्ग- यहाँ पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्‍टेशन उदयपुर ही है, साथ ही रणकपुर के लिए सभी प्रमुख शहरों से रेलगाड़‍ियां उपलब्‍ध हैं।

वायु मार्ग- रणकपुर पहुंचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा उदयपुर है। दिल्‍ली, मुंबई या अन्य शहरों से यहाँ के लिए नियमित उड़ानें हैं।

क्या आपने भी रणकपुर जैन मंदिर की यात्रा की हैं। अगर हां! तो अपनी बेहतरीन यात्रा का अनुभव शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

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