चाँदनी चौक:इसका बाजार ही नहीं इसका इतिहास भी दिलचस्प है

Tripoto
1st Jan 2021
Photo of चाँदनी चौक:इसका बाजार ही नहीं इसका इतिहास भी दिलचस्प है by Priya Yadav
Day 1

'दिल्ली दिल वालो की' ये तो हम सभी जानते है।दिल्ली हमेशा से ही लोगो की पहली पसंद रहा है फिर चाहे वो घूमने के लिए हो शॉपिंग हो या फिर खाना दिल्ली की हर बात उसे सबसे अलग बनाती है।शॉपिंग के लिए दिल्ली हमेशा से ही लोगों में लोकप्रिय रहा है।वहाँ ऐसी बहुत से बाजार है जहाँ सस्ती और अच्छी शॉपिंग की जा सकती है।पर दिल्ली के चांदनी चौक की लोकप्रियता देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक है। यह बाजार खाने की वस्तु से लेकर कपडे,बर्तन,और जरूरत के सभी सामानों के लिए जाना जाता है।यहाँ की खरीदारी के बारे में तो सब जानते है पर क्या आप ये जानते है कि ये बाजार क्यों बना और इसके नाम का क्या इतिहास है।इस जगह की तरह ही इसका इतिहास भी दिलचस्प है।आज हम आपको चांदनी चौक के इतिहास से रूबरू करवाते है।

Photo of चाँदनी चौक:इसका बाजार ही नहीं इसका इतिहास भी दिलचस्प है by Priya Yadav

चांदनी चौक का इतिहास

कहते है मुगल बादशाह शाहजहाँ ने इसे अपनी बेटी जहाँआरा बेगम के लिए बनवाया था।बादशाह अपनी बेटी जहाँआरा से बहुत प्रेम करता था। वह उसकी खुशी के लिए सबकुछ करने को तैयार था। कहते है उनकी बेटी को खरीददारी का बहुत शौक था। वह अक्सर खरीददारी के लिए जगह-जगह जाकर नई-नई चीजें खरीदकर लाती रहती थीं।
बादशाह को जब अपनी बेटी के इस शौक के बारे में पता चला तो उन्होंने एक ऐसा बाजार बनाने के बारे में सोचा, जहां जहाँआरा की जरूरत का हर सामान मिल सके। शाहजहाँ चाहते थे कि उनकी बेटी को उसकी जरूरत की हर चीज एक ही जगह मिले और उसे इधर-उधर न जाना पड़े। बस फिर क्या था… शाहजहाँ ने तुरंत दिल्ली में एक बड़ा बाजार बनाने का हुक्म दे दिया। जल्द ही इसे बनाने का काम किया जाने लगा। 1650 में इसे बनाने का काम शुरु किया गया।यह बाजार मुगलो के बाजार से बहुत अलग था ताकि ये दुनिया भर में मशहूर हो सके और ऐसा ही हुआ ये बाजार दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब हुआ।

Photo of चाँदनी चौक:इसका बाजार ही नहीं इसका इतिहास भी दिलचस्प है by Priya Yadav

इस वजह से मिला चांदनी चौक नाम
 
बादशाह के आदेश पर 1650 में चांदनी चौक को बसाने का काम शुरू हुआ। यह बाजार मुगलकाल के बाजारों से अलग था। चांदनी चौक को बाकी बाजारों से अगल डिजाइन दिया गया, ताकि इसकी प्रसिद्धी जल्द बढ़ जाए। चौकोर आकार में बने चांदनी चौक बाजार को बसाने का काम कुछ ही वक्त में पूरा कर लिया गया।कहते हैं बाजार  के बीच  उस वक्त यमुना नदी का एक हिस्सा चांदनी चौक बाजार के बीच से होकर गुजरता था, जो उस वक्त इस बाजार का मुख्य आकर्षण था और यही इसके नाम के पीछे की वजह बनी। कहा जाता है कि रात के समय जब चांद की चांदनी यमुना नदी पर पड़ती थी तो इस बाजार की रौनक देखने लायक होती थी।पूरा बाजार चाँद की रौशनी से सरोबार होता था। धीरे-धीरे  यह बाजार चांदनी चौक के नाम से मशहूर होने लगा।

Photo of चाँदनी चौक:इसका बाजार ही नहीं इसका इतिहास भी दिलचस्प है by Priya Yadav

दुनिया भर में मशहूर हुआ  चांदनी चौक

मुगल बादशाह शाहजहाँ ने यूं तो यह बाजार अपनी बेटी जहाँआरा के लिए बनाया था, लेकिन एक ही जगह पर जरूरत की सभी चीजें मिलने की वजह से यहाँ अब आम लोग भी यहां खरीददारी करने के लिए आने लगे थे।बाजार में लोगों की भीड़ बढ़ती देख बड़े व्यापारी भी चांदनी चौक की तरफ रुख करने लगे। कहा जाता है कि शुरुआती वक्त में चांदी के व्यापार ने चांदनी चौक में काफी जोर पकड़ा। देश के सभी हिस्सों से बड़े-बड़े कारोबारी अपनी चांदी बेचने के लिए यहां आते थे।  फिर विदेशों से भी कई व्यापारी चांदनी चौक में चीजें खरीदने और बेचने आने लगे।शाहजहाँ द्वारा बसाया गया चांदनी चौक धीरे-धीरे पूरी दुनिया में मशहूर होने लगा। 
शुरुआती समय में चांदनी चौक एक पूरा बाजार हुआ करता था। लेकिन जैसे-जैसे यहां व्यापारियों और ग्राहकों की भीड़ बढ़ने लगी, इसे 4 हिस्सों में बांट दिया गया। चांदनी चौक के चारों हिस्सों की अपने अलग खासियत है। ये चार हिस्से है उर्दू बाजार, अशरफी बाजार, जोहरी बाजार और फतेहपुरी बाजार। करीब 1.3 किमी क्षेत्रफल में फैले इस बाजार में उस वक्त 1500 दुकानें हुआ करती थी।

   यह बाजार उस वक्त जितनी मसहूर था आज भी उतना ही है।मीना बाजार हो या यहां का किनारी बाजार… चांदनी चौक शुरुआत से ही खरीददारों के बीच लोकप्रिय रहा है। कई सारे छोटे-बड़े बाजारों के मेल के कारण ही चांदनी चौक जैसा बाजार आज पूरे देश में शायद ही आपको कहीं देखने को मिले।यही वजह है यह देश में ही नही पूरी दुनिया में मसहूर है।

Photo of चाँदनी चौक:इसका बाजार ही नहीं इसका इतिहास भी दिलचस्प है by Priya Yadav
Photo of चाँदनी चौक:इसका बाजार ही नहीं इसका इतिहास भी दिलचस्प है by Priya Yadav
Photo of चाँदनी चौक:इसका बाजार ही नहीं इसका इतिहास भी दिलचस्प है by Priya Yadav
Photo of चाँदनी चौक:इसका बाजार ही नहीं इसका इतिहास भी दिलचस्प है by Priya Yadav
Photo of चाँदनी चौक:इसका बाजार ही नहीं इसका इतिहास भी दिलचस्प है by Priya Yadav

Further Reads