भारत विविधताओं से भरा देश है जो की इसकी जलवायु एवं भूगोल से भी दिखाई देता है। भारत के पश्चिमी घाट में सघन वनों का विस्तार है जहां हरे भरे जंगल एवं शांतिपूर्ण वातावरण हैं। जो हर किसी को अपने ओर आकर्षित करते हैं। ऐसा ही एक छोटा सा गांव है "अगुम्बे"। पश्चिमी घाट के वनों में कर्नाटक राज्य में बसा यह गाँव प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है। यही कारण है कि गुजरे जमाने के प्रसिद्ध सीरियल मालगुडी डेज की शूटिंग भी यहीं हुई थी।
कहां पर स्थित है अगुम्बे?
ये स्थल अपने शांत वातावरण और हरियाली के लिए जाना जाता है। ये कर्नाटक राज्य के शिमोगा जिले में स्थित अगुम्बे समुद्र तल से 2725 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
यहाँ बारिश अत्यधिक होती है। साल भर भारी बारिश होने के कारण इस स्थान को दक्षिण का चेरापूंजी भी कहा जाता है।
अगुम्बे में घूमने के लिए बेस्ट जगहें –
अगर आप अगुम्बे घूमने जाते हैं तो वहां आस-पास और भी बहुत कुछ है देखने को यहाँ कई झरने है, जैसे कि बरकना झरना, कुंचिकल झरना, ओनांक अबी झरना, जोगीगुंडी झरना और कोडलु तीर्था झरना। उडपी रेलवे स्टेशन अगुम्बे के लिए सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन माना जाता है। यात्रियों के लिए यहाँ पर यात्री घर की सेवा उपलब्ध है।
कुंदाद्रि हिल
ये पहाड़ियां शिमोगा जिले को तीर्थल्ली तालुका में स्थित हैं।इन पहाड़ियों की समुद्र तल ऐ औसत ऊंचाई 3200 मीटर है। यहाँ घने जंगल हैं जो बहुत ही सुन्दर लगते हैं।यहाँ तुंगा नदी बहती है।
कूडलू तीर्था फाल
यह प्रपात सीता नदी द्वारा बनाया हुआ है जो लगभग 300 फ़ीट की ऊंचाई से गिरती है।मानसून एवं सर्दियों का समय यहाँ घूमने के लिए सबसे अच्छा रहता है।पास ही मंकी फाल भी है।
बरकाना फाल
यह भारत के सबसे ऊंचे प्रपातों में से 11वें स्थान पर है जिसकी ऊंचाई 850 फ़ीट है।यह फॉल सीता नदी द्वारा बनाया हुआ है।यहाँ मिलने वाले एक जीव माउस डियर बरका के नाम पर इस फाल का नाम बरकाना पड़ा है।
जोगिगुंडी फॉल्स
यहां पानी बड़े ही आराम से नीचे की ओर गिरता है जो नीचे इकट्ठा होकर एक तालाब बनाता है। सैलानियों को यहां आकर स्नान करना बहुत पंसद है। इस तालाब में स्नान कर सैलानी आनंद का अनुभव करते हैं। पर्यटक चाहें तो इस तालाब में स्नान कर सकते हैं। यहां से आपको आस-पास के जलप्रपात का नजारा बेहद खूबसूरत दिखेगा। भारत के अन्य छोटे जलप्रपातों की तुलना में जोगिगुंडी फॉल्स एक ऐसा फॉल है जहां आपको सालभर पानी देखने को मिलेगा। ज्यादातर जलप्रपातों की सैर मानसून के दिनों में ही की जाती है लेकिन आप यहां किसी भी समय आ सकते हैं। अधिक वर्षा होने के कारण यहां आपको पानी हर महीने भरा हुआ ही मिलेगा। इसका कारण है यहां पूरे साल भारी बारिश होना। इस जलप्रपात को जोगी इसलिए कहा जाता है क्योकि इसी स्थान पर कभी किसी संत ने कई सालों तक ध्यान लगाया था। इस जलप्रपात की एक अद्वितीय विशेषता यह भी है कि यहां का पानी गुफा से निकलता है इस कारण इसे गुफा झरना भी कहा जाता है।
सनसेट पॉइंट
अगुम्बे स्थित सूर्यास्त प्वाइंट को पर्यटन के लिहाज से काफी खास माना जाता है। अगुम्बे के सूर्यास्त पॉइंट की गिनती दुनिया के खास सूर्यास्त प्वाइंट में होती है। अगर बेस्ट सनसेट व्यू प्वाइंट को शामिल किया जाए तो उसमें अगुम्बे का नाम उल्लेख जरूर किया जाएगा। पश्चिमी घाटों की उच्चतम चोटियों में से एक चोटी पर बसा ये स्थान अरब सागर में सूर्यास्त के अद्भत दृश्यों को देखने का मौका देता है। सूर्य का रंग अनेक रंगों में घुलकर सागर अद्भुत सौंदर्यता का लिबास ओढ लेता है। सूर्यास्त के समय यहां का दृश्य देखने लायक होता है। सच में इन दृश्यों को देखना किसी के लिए भी एक शानदार अनुभव होगा। ये प्वाइंट अगुम्बे गांव से लगभग 10 मिनट के पैदल रास्ते पर स्थित है।
कब जाएं अगुम्बे
यहां पर झमाझम बारिश होने की वजह से आप यहां जुलाई से सितंबर छोड़कर कभी भी जा सकते हैं।
कैसें पहुंचे अगुम्बे
अगुम्बे शिमोगा, उडपी, और मंगलौर से करीब 40 मिनट की दूरी पर स्थित है। आप यहाँ से कोई भी बस पकड़कर बस द्वारा भी यहाँ पहुँच सकते हैं। बंगलुरु से अगुम्बे जाने के लिए यात्रियों के लिए कई सरकारी बसों की सेवा उपलब्ध है।