देवों की भूमि' के रूप में प्रसिद्ध उत्तराखंड अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में फेमस है। यहां कुछ ऐसी चुनिंदा जगहे हैं जहां घूमने के लिए देश से ही नहीं बल्कि, विदेशों से भी सैलानी आते रहते हैं। उत्तराखंड के इन्हीं चुनिंदा जगहों में से एक है मुनस्यारी। मुनस्यारी उत्तराखंड का एक हिल स्टेशन है, जो खूबसूरती के मामले में किसी भी जगह से कम नहीं है। समुद्र तल से लगभग 2300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस जगह को कुदरत का वरदान कहा जाता है। चारों तरफ घने जंगल और बर्फीली चोटियां यहां देखते ही बनता है। अगर आप भी आने वाले दिनों में कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो मुनस्यारी आपको ज़रूर जाना चाहिए। आज इस लेख में हम आपको यहां के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे बताने जा रहे हैं।
पंचचूली पर्वत
मुनस्यारी में घूमने और देखने के लिए सबसे लोकप्रिय स्थान है पंचचूली पर्वत। इस पर्वत के बारे में कहा जाता है कि यह पांच शिखरों से मिलकर बनी हुई है। यह भी मान्यता है कि महाभारत काल में इसी पर्वत पर पांडवों ने स्वर्गारोहण की शुरुआत की थी। ये भी कहा जाता है कि ये पांच चोटियां इन्हीं पांचों पांडवों का प्रतीक है। बर्फ से ढके इन पर्वतों को देखकर यक़ीनन आप उत्तराखंड की अन्य जगहों पर घूमने का कतई विचार नहीं करेंगे। ये पर्वत सामरिक रूप से भी इंडो-तिब्बत बॉर्डर के लिए काफी महत्व रखता है।
कलामुनी टॉप
मुनस्यारी से लगभग पंद्रह किलो मीटर की दूरी पर स्थित कलामुनी टॉप यहां की एक प्रमुख जगह है। प्राकृतिक दृश्यों के लिए यह जगह बेहद ही खास है। अगर आप एक पर्वत पर बैठे-बैठे सम्पूर्ण मुनस्यारी के प्राकृतिक दृश्यों का नज़ारा उठाना चाहते हैं, तो आपको यहां ज़रूर घूमने जाना चाहिए। यहां जाने के लिए आप मुख्य शहर से ऑटो या टैक्सी लेकर जा सकते हैं। स्थानीय लोगों के लिए यह एक पवित्र जगह भी है क्यूंकि यहां एक मां काली को समर्पित प्राचीन मन्दिर भी है।
ब्रिथी जलप्रपात
मुनस्यारी के प्राकृतिक खजानों में से एक है ब्रिथी वॉटरफॉल। मुनस्यारी की यात्रा में आप यहां भी घूमने के लिए जा सकते हैं। अद्भुत दृश्यों के साथ यह वॉटरफॉल मुनस्यारी के चुनिंदा और सबसे खास पिकनिक स्पॉट के रूप में भी जाना जाता है। यहां कई सैलानी ट्रेकिंग करने के लिए आते रहते हैं। इसके आसपास मौजूद छोटी-छोटी घास और विभिन्न प्रकार के फूल इसे और भी खास बनाते हैं।
थमरी कुंड
कुमाऊं मंडल की सबसे ताजा पानी की झील के रूप में जानी जाने वाली थमरी कुंड एक बारहमासी झील है। शहर से यहां जाने के लिए 8 घंटे का समय लगता है, लेकिन यहां जाने के लिए पेपर के मोटे वृक्षों से घिरा एक रोमांचक ट्रेक है। यह रास्ता इतना खूबसूरत है कि आप खो जाएंगे।
इस झील के बारे में धार्मिक मान्यता है कि जब यहां अधिक दिनों तक बारिश नहीं होती है तो लोग यहां आकर इंद्रदेव की पूजा-अर्चना करते हैं ताकि बारिश हो सके। इस झील के आसपास मौजूद अल्पाइन के पेड़ इस जगह को और भी खूबसूरत बनाते हैं। कहा जाता है कि इस झील में अक्सर कस्तुरी मृग पानी पीने के लिए आते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में कस्तुरी मृग बहुत कम ही देखने को मिलते हैं।
महेश्वरी कुंड
थमरी कुंड के अलावा महेश्वरी कुंड भी पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्द है। यह एक प्राचीन झील है। यहां से पंचाचूली पर्वत श्रृंखला का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
मैडकोट
मुनस्यारी से सिर्फ 5 किलोमीटर दूर स्थित मैडकोट अपने गर्म पानी के प्राकृतिक कुंड के लिए प्रसिद्द है। स्थानीय लोगों का मानना है कि भूमि से उत्पन्न गर्म पानी से त्वचा संबंधी रोग, बदन दर्द और गठिया जैसी बीमारियां ठीक हो जाती है।
कैसे पहुंचे मुनस्यारी
मुनस्यारी से निकटतम हवाईअड्डा 312 किलोमीटर दूर पंतनगर में है, जबकि निकटतम रेलवे स्टेशन 295 किलोमीटर दूर काठगोदाम में है। यहां से मुन्स्यारी जाने के लिए आप बस या फिर किराए की कार ले सकते हैं। मुन्स्यारी से दिल्ली 612 किलोमीटर, नैनीताल 288 किलोमीटर दूर है। उत्तराखंड परिवहन निगम मुनस्यारी के लिए दिल्ली तथा देहरादून से बस सेवा का संचालन करता है।
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