इतिहास और प्रकृति का अनोखा संगम ,पिछोला झील

Tripoto
30th Nov 2020
Photo of इतिहास और प्रकृति का अनोखा संगम ,पिछोला झील by Priya Yadav
Day 1

भव्य पहाड़ों, विशाल किलों और आकर्षक महलों से घिरी, पिछोला झील किसी सपनों की दुनिया से कम नहीं लगती। झील की नीली सतह पर सूर्योदय की पहली किरण के गिरने का नज़ारा जादू-सा लगता है। और ढलते सूरज के साथ हरे-भरे पहाड़ों की परछाइयों का पानी पर पड़ना और साथ-साथ आसपास के रेस्तरां, होटलों और टिमटिमाते सितारों की रोशनी को लहरों पर तैरते देखना भी उतना ही सुंदर दिखाई देता है। उदयपुर के बीचोबीच मौजूद, पिछोला झील शहर की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी झीलों में से एक है। 

 पिछोला झील के बारे में कहते है की महाराणा उदय सिंह जी ने कभी किसी के सामने घुटने नहीं टेके चाहे अकबर हो या अफगान, लेकिन जब वो चित्तौड़ छोड़कर आ रहे थे तो एक झील की खूबसूरती के आगे हार गये और उसी के किनारे महल का निर्माण करवा दिया।बाद में उस जगह का विस्तार हुआ और एक नया शहर उदयपुर नक़्शे पर उभर आया।वो झील यही पिछोला झील है, पहाड़ियों से घिरी इस खूबसूरत झील के किनारे बसे उदयपुर को देखने पर ये इटली के वेनिस जेसा लगता है।

Photo of Pichola by Priya Yadav
Photo of Pichola by Priya Yadav

पिछोला झील का निर्माण

पिछोला झील का निर्माण 1362 ई में महाराणा लाखा के शासन काल के दौरान पिचू बंजारा ने करवाया था, जिसकी लंबाई 3 मील, चौड़ाई 2 मील और गहराई 30 फीट है। बाद में इस झील के आकर्षण से मंत्रमुग्ध होकर महाराणा उदय सिंह ने इस झील को बड़ा किया और इसके तट पर बाँध का निर्माण भी करवाया।

पिछोला झील का इतिहास

पिछोला झील का निर्माण 1362 ई में महाराणा लाखा के शासन के दौरान अनाज परिवहन करने वाले एक जिप्सी आदिवासी पिच्छू बंजारा ने बनवाया था। पिछोला’ शब्द का मलतब होता है ‘पिछवाड़े’ है और झील का नाम पास के एक गांव ‘पिछोली’ के नाम पर रखा गया था। बता दें कि महाराणा उदय सिंह इस झील की सुंदरता से मुग्ध थे, इसलिए उन्होंने पिछोला झील के किनारे उदयपुर शहर का निर्माण करवाया था। झील के परिवेश में महल, संगमरमर के मंदिर, हवेली, चबूतरा या स्नान घाट स्थित हैं जो कई सदियों पहले बनाये गए थे। इस झील के पास कुछ प्रसिद्ध पैलेस में जग निवास, मोहन मंदिर और जग मंदिर महल हैं।
बता दें कि अब जग निवास को एक हेरिटेज होटल में परिवर्तित कर दिया गया है, जो जग द्वीप पर स्थित है। मोहन मंदिर झील के उत्तर-पूर्व में स्थित है जिसका निर्माण जगत सिंह ने 1628 और 1652 के बीच करवाया था। यहाँ एक अर्शी विलास द्वीप भी है जिसको उदयपुर के महाराजा ने सूर्यास्त का आनंद लेने के लिए बनाया गया था। झील के पास कई तरह के पक्षियों के लिए एक अभयारण्य भी है।

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पिछोला झील में नौका विहार

अगर आप पिछोला झील घूमने के लिए आ रहे हैं तो बता दें कि आपकी यह यात्रा पिछोला झील के निर्मंल पानी में नाव की सवारी करे बिना अधूरी रह जाएगी। यहाँ के पानी में नाव की सवारी करना आपको एक यादगार अनुभव दे सकता है। बता दें कि नाव सवारी के लिए आपको फीस देनी पड़ती है जिसका टिकट आप सिटी पैलेस से प्राप्त कर सकते हैं। व्यस्क के लिए नाव सवारी की एक टिकट की कीमत 400-600 रुपये और बच्चों के लिए 200 रूपये है। यहां नाव में लगभग आठ सीट होती है और यह छतरी के साथ कवर होती है। नाव की सवारी रामेश्वर घाट से शुरू होती है और यह आपको सबसे पहले लेक पैलेस होटल लेकर जाती है। फिर यह जगमंदिर के लिए आगे बढ़ती है जहाँ पर आप कुछ समय के लिए रुक सकते हैं और यहाँ के सुंदर दृश्यों को देख सकते हैं। नाव की सवारी के दौरान सूर्यास्त का नजारा बहुत ही मनोरम होता है।

झील घूमने का सबसे अच्छा समय

गर्मियों का मौसम पिछोला झील की यात्रा करने के लिए अनुकूल नहीं होता क्योंकि इस मौसम में उदयपुर में 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। इसलिए मार्च से लेकर जून के बीच इस पर्यटक स्थल की यात्रा करने से आपको बचना चाहिए। यहां मानसून का मौसम जलाई के महीने से शुरू होता है और सितंबर तक रहता है। इस मौसम में आप पिछोला झील के शानदार नजारों का मजा ले सकते हैं। मानसून के मौसम में उदयपुर का तापमान 25 से 35 डिग्री सेल्यिस के बीच रहता है इसलिए यह समय झील की यात्रा करने का एक आदर्श समय है। झील के पास जाने का सबसे अच्छा समय शाम का है, क्योंकि इस दौरान आप यहां सूर्यास्त के लुभावने दृश्य को देख सकते हैं।

 पिछोला झील कैसे पहुंचे 

हवाई जहाज से :-

अगर आप उदयपुर हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इसका निकटतम हवाई अड्डा महाराणा प्रताप हवाई अड्डा है जो शहर के केंद्र से लगभग 20 किलोमीटर दूर है और इस हवाई अड्डे से पिछोला झील की दूरी लगभग 24 किलोमीटर है। इस हवाई अड्डे के लिए आप दिल्ली, मुंबई, जयपुर और कोलकाता जैसे बड़े शहरों सहित भारत के सभी प्रमुख शहरों से फ्लाइट पकड़ सकते हैं। इस हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद आप पिछोला झील की यात्रा करने के लिए कैब या टैक्सी किराये पर ले सकते हैं।

बस से पिछोला झील कैसे पहुंचे:-

अगर आप उदयपुर की यात्रा सड़क मार्ग द्वारा करना चाहते हैं तो बता दें कि यह शहर बहुत अच्छी तरह रोड नेटवर्क द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, जयपुर, इंदौर, कोटा और अहमदाबाद से अच्छी तरह से जुड़ा है। बस से यात्रा के लिए भी आपके सामने कई विकल्प होते हैं। आप डीलक्स बसें, वातानुकूलित कोच और राज्य द्वारा संचालित बसों से आप उदयपुर आसानी से पहुंच सकते हैं।

ट्रेन से पिछोला झील कैसे पहुंचे:-

उदयपुर रेलवे स्टेशन से पिछोला झील की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है। उदयपुर रेल के विशाल नेटवर्क पर स्थित है जो इसे भारत के प्रमुख शहरों जैसे जयपुर, दिल्ली, कोलकाता, इंदौर, मुंबई और कोटा से जोड़ता है। उदयपुर के लिए कई ट्रेन प्रतिदिन चलती हैं। जब एक आप स्टेशन पहुंच जाते है तो आप एक टैक्सी या एक ऑटो-रिक्शा किराए पर ले सकते हैं और पिछोला झील की यात्रा कर सकते हैं।

उदयपुर रेलवे स्टेशन से पिछोला झील की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है। उदयपुर रेल के विशाल नेटवर्क पर स्थित है जो इसे भारत के प्रमुख शहरों जैसे जयपुर, दिल्ली, कोलकाता, इंदौर, मुंबई और कोटा से जोड़ता है। उदयपुर के लिए कई ट्रेन प्रतिदिन चलती हैं। जब एक आप स्टेशन पहुंच जाते है तो आप एक टैक्सी या एक ऑटो-रिक्शा किराए पर ले सकते हैं और पिछोला झील की यात्रा कर सकते हैं।

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