
आपने स्विटजरलैंड का नाम जरूर सुना होगा। यह नाम सुनते ही आपके दीमाग में चारों तरफ हरियाली और शाहरुख खान की फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' की तस्वीरें सामने आ जाती हैं।आपका मन मचल उठता है कि काश आप वहां घूमने के लिए जा पाते। लेकिन, क्या आपको पता है कि स्विटजरलैंड जैसा ही नजारा आपको भारत में ही देखने को मिल सकता है।वहां पहुंचने पर आपको अहसास होगा आप स्विटजरलैंड में ही हैं। चारों तरफ हरियाली है,इस जगह को मिनी स्विटजरलैंड के नाम से जाना जाता है।
घने चीड़ और देवदार जंगलों से घिरा हुआ एक छोटा सुरम्य तश्तरी-आकार का पठार, दुनिया भर में 160 स्थानों में से एक है जिसे “मिनी स्विटज़रलैंड” नामित किया गया है। हां, यह खज्जियार है , चम्बा में एक छोटा पर्यटन स्थल जो डलहौज़ी से लगभग 24 किलोमीटर दूर है और समुद्र तल से 6,500 फीट की ऊंचाई पर है । जिस क्षण कोई सुरम्य खज्जियार में प्रवेश करता है , एक पीला स्विस चिह्न ‘हाईकिंग पथ’ के लिए जो “मिनी स्विटज़रलैंड” पढ़ा जाता है स्वागत करता है।


घने चीड़, देवदार और हरे घास के मैदान की पृष्ठभूमि के सामने खज्जियार पश्चिमी हिमालय के भव्य धौलाधार पर्वत की तलहटी में सुंदर रूप से बसा है। तश्तरी के आकार का खज्जियार आगंतुकों को एक विशाल और लुभावनी परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है। खज्जियार को आधिकारिक तौर पर 7 जुलाई, 1992 को स्विस राजदूत द्वारा नाम दिया गया था और रिकॉर्ड के अनुसार, यहां से एक पत्थर लिया गया था और स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में बनी पत्थर की मूर्तिकला का हिस्सा बनाया गया था।
खाज्जिअर के प्रमुख पर्यटन स्थल:-
खाज्जिअर झील
खजियार झील हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में समुद्र तल से 1,920 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसके चारों तरफ घिरे देवदार के पेड़ों की झील के नीले पानी में बहुत ही सुंदर परछाइयां दिखती हैं। यहां की सबसे आकर्षक चीज तैरता हुआ टापू है जो असल में झील की सतह पर उगने वाले घासों का गुच्छा है जिसे देखना काफी अच्छा लगता है। खजियार जाने के बाद एहसास होगा कि आप स्विट्जरलैंड में हैं।
इसके अलावा मनोरंजन गतिविधियों की बात करें तो पैराग्लाइडिंग से लेकर घुड़सवारी तक कई तरह की ऐक्टिविटीज का आनंद उठा सकते हैं। खजियार झील के किनारे पहाड़ी शैली में एक नाग देवता का मंदिर बना है। खजिहार में ठहरने के लिए डाक बंगले व रेस्ट हाउस भी हैं और यहां पर कोई भी ठहर सकता है।



खजजी नाग मंदिर
खज्जियार लोकप्रिय खजजी नागा मंदिर के लिए प्रसिद्ध है जिसे सर्प देव को समर्पित किया गया है, जहां से माना जाता है कि यह नाम व्युत्पन्न हुआ है। यह मंदिर 10 वीं शताब्दी पूर्व का है, छत और लकड़ी के खूटी पर अलग-अलग पैटर्न और छवियां बनी है। हिंदू और मुगल शैलियों के आर्किटेक्चर का एक विलक्षण मिश्रण लकड़ी के नक्काशी में छत और लकड़ी के खूटी पर परिलक्षित होता है। मंदिर में एक विशाल मंडल हॉल है जो पर्याप्त रूप से लकड़ी के समर्थन से ढका है। गुंबद के आकार का मंदिर स्थानीय रूप से चूना पत्थर खदानों से निकाले जाने वाले स्लेट से बना है। इसके अलावा शिव और हडिम्बा देवी के अन्य मंदिर भी हैं ।


कलातोप वन्यजीव
कलातोप वन्यजीव अभयारण्य यहां वनस्पतियों और जीवों की एक विस्तृत विविधता की वजह से जाना-जाता है। इस अभयारण्य में आप लंगूर, सियार, भालू, हिरण, तेंदुआ और हिमालयन ब्लैक मार्टन के साथ-साथ कई अनगिनत आकर्षक पक्षियों को भी देख सकते हैं। यह जगह रावी नदी में बहने वाली छोटी धाराओं के साथ देवदार के पेड़ों से ढकी हुई है। अगर आप किसी अच्छे पिकनिक स्पॉट की तलाश में हैं और साहसिक खेलों में रूचि रखते हैं तो कलातोप वन्यजीव अभयारण्य की सैर आपको जरुर करना चाहिए। यह क्षेत्र ट्रेकिंग, पिकनिक और प्रकृति सैर के लिए बहुत अच्छी जगह है। इस वन्यजीव अभयारण्य में जानवरों और पक्षियों की कई लुप्तप्राय प्रजातियां भी पाई जाती है। अगर आप खाज्जिअर की यात्रा करने जा रहे हैं तो कलातोप वन्यजीव अभयारण्य के बिना आपकी यात्रा अधूरी रह जाएगी।





भगवान शिव की प्रतिमा खाज्जिअर हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी मूर्ति
खाज्जिअर से 1 किलोमीटर दूर भगवान शिव की एक 85 फीट की विशाल प्रतिमा स्थापित है जो हिमाचल प्रदेश में सबसे ऊंची है। इस मूर्ति को कांस्य में पॉलिश किया गया है जो काफी चमकती हुई दिखाई देती है। यहां स्थित एक मंदिर हर साल जून-जुलाई के महीनों में भी एक समारोह का आयोजन करता है। भगवान शिव की यह प्रतिमा बहुत आकर्षक जो सर्दियों के मौसम में बर्फ से ढकी होती है।



स्वर्ण देवी मंदिर
स्वर्ण देवी मंदिर मंदिर खाज्जिअर का प्रमुख दर्शनीय स्थल है जो खाज्जिअर झील के बेहद करीब स्थित है। इस मंदिर को अपना नाम यहां लगे हुए स्वर्ण गुंबद से मिला है। इस मंदिर के पास एक गोल्फ कोर्स भी है जहां की हरियाली में आपको कई खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे।

कैसे पहुंचें:
बाय एयर
निकटतम हवाई अड्डा पठानकोट में है जो की खज्जियार से 99 किलोमीटर दूर है। अन्य पहुंचने योग्य हवाई अड्डो में कांगड़ा (130 किमी), अमृतसर (220 किलोमीटर) और चंडीगढ़ (400 किमी) हैं।.
ट्रेन द्वारा
निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट में है जो की खज्जियार से 94 किलोमीटर दूर है। नई दिल्ली से पठानकोट के लिए नियमित ट्रेनें उपलब्ध हैं.
सड़क के द्वारा
हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस सेवाएं पुरे प्रदेश में मुख्य बस अड्डो शिमला,सोलन, काँगड़ा,धर्मशाला और पठानकोट एवं आसपास के राज्यों दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ से चलती हैं| निजी बसे, अन्य सभी जगह पर आने जाने के लिए नित्य आरामदायक सेवाएं मुहैया कराती हैं|





