अहमदाबाद [ गुजरात ]
10 - 10 -2019
सुबह तकरीबन 7.30 बजे उठे नित्य कर्म करने के बाद हम सब रिस्तेदार से मिले उसके बाद हम अहमदाबाद रेलवे स्टेशन कि तरफ चल दिए वहां हमने क्लोक रुम में अपने समान जमा कर दिया। गुजरात का अहमदाबाद कर्णावती शहर के नाम से भी मशहूर है। क्योंकि इस शहर को राजा कर्णदेव प्रथम ने बसाया था। सोलंकी वंश जैसे-जैसे खत्म हुआ। सुल्तान अहमद शाह ने कर्णावती पर हमला कर दिया और इसे अपने कब्जे में ले लिया और तब अहमद शाह ने इस शहर का नाम बदलकर अहमदाबाद रख दिया। अहमदाबाद शहर के ऐतिहासिक महत्त्व के साथ-साथ इस शहर का भारत को स्वतंत्रता दिलाने में भी योगदान रहा है। क्योंकि गांधी का अहमदाबाद से विशेष जुड़ाव रहा है। कह सकते हैं कि गांधी जी का ज्यादा समय अहमदाबाद में ही कटता था। यहां देश भर से सैलानी बड़ी संख्या में आते हैं और गुजरात देश का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है आज हमारा प्लान था अहमदाबाद कि प्रसिद्ध कांकरिया लेक, साबरमती आश्रम और अहमदाबाद का प्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर सबसे पहले हम साबरमती आश्रम गये।
साबरमती आश्रम
महात्मा गांधी का साबरमती आश्रम दुनियाभर में प्रसिद्ध है साबरमती आश्रम गुजरात जिले के अहमदाबाद नगर जिले में साबरमती नदी के किनारे स्थित है साबरमती आश्रम को देखने का दिन सैकड़ों लोग आते हैं साबरमती आश्रम में रखा महात्मा गांधी का चरखा और गांधी सिद्धांतों पर विनोबाजी द्वारा बनाया गया जीवन चक्र पाठ और गांधी जी द्वारा उपयोग में लाया गया चरखा रखा है। साबरमती आश्रम को हमने अच्छे से देखा कुछ देर देखने के बाद हम चल दिए अपने अगले सफर की तरफ।
अक्षरधाम मंदिर
अहमदाबाद के गांधीनगर इलाके में बना है। अक्षरधाम मंदिर गुजरात के प्रमुख सांस्कृतिक केंद्रों में से एक माना जाता है। इस मंदिर की स्थापना 1992 में हुई थी। भगवान स्वामीनारायण को समर्पित इस मंदिर में उनकी सोने की करीब 7 फीट ऊंची मूर्ति रखी है। इस मंदिर की जटिल नक्काशीदार दीवारों पर गुलाबी पत्थर लगा है जो दिन में सूरज की रोशनी में चमकता रहता है। कला का अनोखा रूप हरे भरे पेड़-पौधों से सुशोभित इस मंदिर में बड़ी संख्या में लोग दर्शन के अलावा घूमने भी आते हैं। यहां पर उद्यानों में बच्चों को खेलने की उचित व्यवस्था है। इसके अलावा यहां के सुंदर झरने और झीलें पयर्टकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यहां की खासियत यह है कि यहां एक ही छत के नीचे कला, वास्तुकला, शिक्षा, अनुसंधान और प्रदर्शनियों के विभिन्न पहलुओं को एक साथ देखा जा सकता है। हमने मंदिर काफी देर तक देखा अक्षरधाम मंदिर की प्रदर्शनी भी काफी अच्छी है। अक्षरधाम मंदिर में फोटोग्राफी का प्रतिबंध है इसलिए मंदिर की फोटो ना ले सके। फिर हम चल दिए कांकरिया तालाब की तरफ हम शाम 6:00 तक कांकरिया तालाब पहुंचे।
कांकरिया तालाब अहमदाबाद का सबसे बड़ा तालाब है| यहाँ हर रोज हजारों लोग घुमने आते हैं|
आज अहमदाबाद में किसीको भी घुमने-फिरने का मन हो तो उसकी जुबाँ पर सबसे पहेला नाम कांकरिया तालाब का आता है| यह तालाब करीब 2.25 किलोमीटर में फैला हुआ है| कांकरिया तालाब अहमदाबाद के दक्षिण में मणिनगर इलाके में आया हुआ है| यह तालाब पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है|
2008 में कांकरिया तालाब का नवीनीकरण किया गया था| कांकरिया में प्राणी संग्रहालय भी है जिसमे 200 सस्तन प्राणी, 1000 पक्षी, और 100 सरीसृप प्राणी हैं| जिनमे बाघ, शेर, अजगर, चिता, हाथी जैसे कई प्राणी शामिल हैं| इस प्राणी संग्रहालय का निर्माण 1951 में किया गया था|
कांकरिया में बच्चों के मनोरंजन के लिए बालवाटिका है| बालवाटिका में कांच घर-जिसमे तरह-तरह के कांच लगे हुए हैं, बोट-हाउस और प्ले-हाउस है|
कांकरिया में किड्स-सिटी भी है| जो बच्चों के खेलने-कूदने के लिए बनाया गया है|
कांकरिया में अम्यूजमेंट पार्क भी बना है|
कांकरिया में 2008 से अटल एक्सप्रेस नाम की ट्रेन भी शुरू की गई थी जो आज भी चल रही है| इस ट्रेन की सफलता को देखते हुए दूसरी ट्रेन भी सुरु की गई जिसका नाम स्वर्णिम जयंती एक्सप्रेस है| इन ट्रेनों में रोज हजारों लोग बैठकर कांकरिया घुमने का लुत्फ़ उठाते हैं|
कांकरिया में बहुत सारी राइड भी है जिनमे बेठने के लिए लोगों की लाइने लगती है|
कांकरिया में हॉट एयर बलून भी है जिसमे बैठ कर आप ऊंचाई से अहमदाबाद का सुंदर नजारा देख सकते हैं| आपको बता दे की कांकरिया में वोटर बलून भी है|
कांकरिया के बिचमे नागिनावाडी नाम का एक सुंदर बगीचा भी है| यहाँ मुघलकाल के दौरान नूरजहाँ और जहाँगीर घूमने आते थे| यहाँ रात के समय वोटर शो होता है जिसमे अहमदाबाद के बारे में बताया जाता है|
कांकरिया में मछलीघर भी है जिसमे कई तरह की आकर्षक मछलियाँ हैं और दुसरे भी पानी के जीव हैं|
यहाँ हर साल 25 दिसंबर से 31 दिसंबर को “कांकरिया-कार्निवल” मनाया जाता है| इस दौरान कई लोग कांकरिया घुमने जाते हैं| परन्तु हम जब गये थे। वहां सब चीजें बंद थी क्योंकि 14-07 -2019 वहां एडवेंचर पार्क में बड़ा हादसा हो गया था एडवेंचर पार्क का झूला टूट गया. इसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 28 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे इसलिए सब झूले और अन्य राइड बंद थी। जिस वजह से वहां भीड़ भी बहुत कम थी। बस लेज़र शो चल रहा था। उसे देख काफी अच्छा लेज़र शो था।
लेज़र शो के बाद हम चल अहमदाबाद रेलवे स्टेशन की तरफ जिसे स्थानीय भाषा में कालूपुर रेलवे स्टेशन भी कहते हैं जहां से हम सोमनाथ मंदिर के लिए हमें सोमनाथ एक्सप्रेस ट्रेन पकड़नी थी।