ऐसा नहीं है कि खूबसूरत नजारे सिर्फ विदेशों में ही देखने को मिलते हैं। भारत में भी ऐसी बहुत सारी जगहें जो खूबसूरती की अच्छी मिसाल पेश करती हैं।झारखंड में स्थित रामगढ़-रांची की पतरातू घाटी खूबसूरत तो है ही, साथ ही साथ में अपने खूबसूरत रास्ते के लिए भी मशहूर हैं और सर्दियों के दिनों में तो इसकी खूबसूरती और भी बढ़ जाती हैं।
15 नवम्बर 2000 को झारखंड को अलग राज्य घोषित कर दिया गया था। यहां का अधिकांश क्षेत्र घने जंगलों और खनिजों से भरा हुआ है।झारखंड अपनी आदिवासी संस्कृति के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, यहां के लोक त्योहार, खान-पान, नृत्य-संगीत अध्ययन का केंद्र बिंदु रहे हैं। यह राज्य पर्यटन के लिहाज से भी काफी समृद्ध है, यहां देखने और घूमने-फिरने के लिए बहुत से स्थल मौजूद हैं। आप यहां एक शानदार अवकाश अपने दोस्तों या परिवार के साथ बिता सकते हैं।
यहां के प्राकृतिक पर्यटन स्थलों में आप नदी-झरने, घाटी, पहाड़ आदि देख सकते हैं। इस लेख के माध्यम से आज हमारे साथ जानिए झारखंड के जंगलों के मध्य बसी खूबसूरत पतरातू घाटी के बारे में, जानिए पर्यटन के लिहाज से यह घाटी आपके लिए कितनी खास है।
पतरातू घाटी :-
झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित पतरातू, एक खूबसूरत घाटी नगर है, जो अपने मनमोहक वातावरण, पहाड़ी सौंदर्य, और बांध के लिए जाना जाता है। यह घाटी नगर समुद्र तल से 1300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। वीकेंड पर घूमने और मौज मस्ती करने के लिए यह एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है, जहां आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ आ सकते हैं। यह पहाड़ी स्थल हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है, जिसे घुमावदार सड़के आकर्षक बनाने का काम करती हैं।
राजधानी रांची के रातू रोड से पतरातू की ओर जाने पर पिठौरिया पार करने के साथ ही आपको विश्वास ही नहीं होगा कि आप रांची के आस-पास हैं। यहां का नजारा आपको ऐसा लगेगा कि आप रांची से बाहर मुंबई-खंडाला-पुणे हाइवे पर चल रहे हैं। चारों तरफ हरियाली, खूबसूरत घाटी आपको उस रोड पर आगे जाने के लिए मजबूर कर देगी।
यह पहाड़ी स्थल अपने पतरातू बिजली संयंत्र के लिए भी काफी लोकप्रिय है। यहां आपको ऐसे बहुत सारे खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे जो आपने पहले कभी नहीं देखें होंगे। पिठौरिया थाना के बाद से खूबसूरत घाटी शुरू हो जाती है। यह घाटी 35 किलोमीटर की है। इस घाटी में ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच से रास्ता निकाला गया है। यहां का सारा रास्ता पहाड़ों के बीच काट काट कर बनाया गया है। इस सर्पिली घाटी में ड्राइव भी अपने-आप में रोमांचक एक्सीपिरएंस करने लगेंगे। एक शानदार अवकाश के लिए आपको यहां जरूर आना चाहिए।
क्या- क्या है खास :-
यह पर्यटन स्थल अभी भी अधिकांश ट्रैवलर की नजर से दूर है, इसलिए कुछ नया जानने और अनुभव करने के लिए आप यहां आ सकते हैं। एक एडवेंचर के शौकीन के लिए भी यहां बहुत कुछ उपलब्ध है, आप यहां ट्रेकिंग, हाइकिंग का रोमांच भरा अनुभव ले सकते हैं। इसके अलावा आप यहां पर भी जा सकते हैं।
पतरातू बांध-
रामगढ़ के पश्चिम में 30 किमी इस बांध का निर्माण पतरुत थर्मल पावर स्टेशन को पानी की आपूर्ति के उद्देश्य से किया गया था। नलकार्नी नदी से और इस बांध के आस-पास की पहाड़ियों के झरने से पानी इस बांध में जमा किया जाता है। इस बांध की कुल भंडारण क्षमता 81 वर्ग मील है। यह एक सुंदर पर्यटन स्थल है और पूरे वर्ष विशेष रूप से सर्दियों के मौसम के दौरान लोगों का एक बड़ा सदस्य पिकनिक के लिए यहां जाता है। बांध के बगल में एक सर्किट हाउस है। बांध के नजदीक पंचवाहिनी मंदिर एक प्राचीन मंदिर है और इसके धार्मिक मूल्य के लिए महत्वपूर्ण है। इस बांध को नलकार्नी बांध भी कहा जाता है जो पहाड़ों पर बने खूबसूरत स्केनेरी और सर्पिन तरीके के कारण सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है जो बांध को 3 तरफ से सीमा से बांधता है।
पतरातू लेक :-
पतरातू लेक रिसॉर्ट शहर की भीड़-भाड़, कोलाहल से दूर एक ऐसा पर्यटक स्थल है जहां बच्चे, बुजुर्ग एवं युवा यानी की हर उम्र के लोग ख़ुशी का अनुभव कर सकते हैं। यहां वॉटर पार्क में विभिन्न प्रकार के वॉटर स्पोर्ट्स, जैसे जेट स्कीइंग, हाई स्पीड मोटरबोट, पड़ले बोट, कस्ती और पैरासेलिंग का अनुभव किया जा सकता है। इसके अलावा एम्यूजमेंट पार्क में वॉल क्लाइम्बिंग, बंगी जंपिंग, मल्टीलेयर्ड रोप कोर्स हैं।
पतरातू में लगभग 21 एकड़ में फैला हुआ पतरातू लेक रिसॉर्ट में म्यूरल कलाकृति से सजा प्रवेश द्वार, दीवारें एवं स्तंभ, गोदना चित्रकला की याद दिलाते हैं। पतरातू लेक रिसॉर्ट को एक ओपन आर्ट गैलरी की तरह विकसित किया गया है, मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही यहा देश के अलग-अलग राज्यों के 52 नामचीन एवं कुछ युवा कलकारों द्वारा बनायी गई म्यूरल कलाकृतियां लगाई गई हैं। सूर्यास्त का मनोरम दृश्य देखने के लिए नाव के जरिए पतरातू आइलैंड के सनसेट पॉइंट पर पहुंचा जा सकता है। सूर्यास्त देखने के लिए मचान और कूंच बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त पर्यटकों के लिए यहां पर हस्तकला और फैंसी वस्तुएं खरीदने के लिए दुकान एवं स्वादिष्ट खान-पान के लिए उत्तम रेस्टोरेंट की व्यवस्था की गई है।
पतरातू लेक रिसॉर्ट में बॉन फायर का आनंद लेने के लिए आठ ब्लॉक का कैंपिंग प्लींथ एरिया बनाया गया है। सुबह का शैर एवं संध्या का विचरण के लिए डैम के ऊपर 3.5 किमी का प्रोमेनार्ड बनाया गया है, जहां सैैलानी घूमते हुए प्रकृति का आनंद उठा सकते हैं। पर्यटकों के ठहरने के लिए यहाँ सभी सुविधाओं से युक्त आधुनिक गेस्ट हाउस की व्यवस्था है। पर्यटक अपनी सुविधा अनुसार कमरे या डॉरमेट्री में प्रवेश कर सकते हैं।
नलकारी नदी :-
तीन तरफ पहाड़ियों से घिरा हुआ पतरातू डैम का जीवन रेखा नलकारी नदी है। जो रांची-पिठोरिया और पतरातू तालाटांड के पहाड़ियों से निकलकर पतरातू डैम पहुंचती है। इसके अलावा पतरातू डैम में एक और नदी घाघरा नदी आकर मिलती है। हालांकि लॉक डाउन में इन दोनों नदियों से निर्मल और स्वच्छ पानी बह रहा है।
क्यों आएं पतरातू घाटी ?
पतरातू घाटी का भ्रमण कई उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। अगर आप एक प्रकृति प्रेमी हैं तो आप यहां सुकून भरा सयम प्रकृति के करीब जाकर बिता सकते हैं। एकांत प्रेमियों के लिए भी यह जगह काफी ज्यादा मायने रखती है। यहां के घने जंगल, नदी , झील और शांत माहौल अपार मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करते हैं ।
आने का सही समय :-
पतरातू का भ्रमण साल भर नहीं किया जा सकता है, यह भूखंड गर्मियों के दिनों में काफी तपता है, और सर्दियों के दौरान काफी ठंड ग्रहण करता है। लेकिन सर्दियों का मौसम यहां आने का आदर्श समय माना जाता है। आप यहां अक्टूबर से लेकर फरवरी के मध्य भ्रमण के लिए आ सकते हैं।
कैसे करें प्रवेश :-
पतरातू राज्य के रायगढ़ जिले में स्थित है, जहां आप परिवहन के तीनों साधनों की मदद से आ सकते हैं। यहां का निकटवर्ती हवाईअड्डा रांची एयरपोर्ट है, यहां से आप बस या प्राइवेट कैब की मदद से पतरातू पहुंच सकते हैं।
रेल सेवा के लिए आप रांची रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं, जो देश के कई बड़े शहरों और नगरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्ग से भी पहुंच सकते हैं, बेहतर सड़क मार्गों से पतरातू राज्य के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।