प्रत्येक प्राचीन स्थल से कुछ बड़ा इतिहास जरूर जुड़ा होता है। कुछ स्थानों की अद्भुत भौगोलिक संरचना उनके अतीत का वर्णन करती हैं तो कुछ स्थान अपने पारंपरिक कला-संस्कृति के लिए जाने जाते हैं, जिनकी आयु का सटीक कुछ प्रमाण नहीं मिलता है। तेलंगाना का ऐतिहासिक स्थल खम्मम भी अपने साफ इतिहास के लिए जाना जाता है, जिसके नाम की उत्पत्ति नर्सिमहादरी मंदिर से हुई है जिसे पहले स्तम्ब सिखारी और बाद में स्तम्भदरी कहा जाता था।
माना जाता है कि यह मंदिर तेत्रा युग से संबंध रखता है। यह मंदिर एक ऊर्ध्वाधर चट्टान पर स्थित है जिससे शहर के नाम की उत्पत्ति हुई है। ऐतिहासिक और प्राकृतिक पर्यटन के लिहाज से यह शहर काफी उन्नत माना जाता है। इस खास लेख में जानिए खम्मम आपको किस तरह आनंदित कर सकता है।
किन्नेरासानी
खम्मम भ्रमण की शुरूआत आप शहर के प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य से कर सकते हैं। किन्नेरासानी वन्यजीव अभयारण्य राज्य के सबसे खास अभयारण्यों में गिना जाता है, जो लगभग 635.4 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह वन्य क्षेत्र अपनी समृद्ध जैव-विविधता के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, जिसमें जीव-वनस्पति प्रजातियों की एक विस्तृत श्रृंखला मौजूद है। घने जंगलों के बीच आप यहां बाघ, अजगर, लकड़बग्गा, सांभर,तेंदुआ, सियार, जंगली सूअर, कोबरा जैसे खतरनाक जीवों को देख सकते हैं।
यह अभयारण्य प्रकृति प्रेमियों के लिए अद्भुत दृश्य प्रदान करता है, क्योंकि यहां वन्यजीवन की विविधता के अलावा, जंगली फूलों और पेड़ों की खूबसूरती को करीब से देखा जा सकता है। आप यहां वन विभाग द्वारा उपलब्ध जंगल सफारी का रोमांचक आनंद ले सकते हैं।
लकराम झील
वन्यजीव अभयारण्य के अलावा आप यहां की खूबसूरत झीलों की सैर का आनंद भी ले सकते हैं। लकराम झील खम्मम की चुनिंदा सबसे खास झील और पर्यटन गंतव्यों में गिनी जाती है। यह झील पास में स्थित खूबसूरत पार्क के साथ जोड़कर प्रचारित किया जाता है जो मिलकर लकराम लेक व्यू के नाम से जाने जाते हैं।
यह एक आकर्षक झील है जहां सैलानियों के लिए नौकयन की भी सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा यहां का वातावरण काफी शांत है जो एक आरामदायक अवकाश बिताने का अवसर प्रदान करता है।
पेरान्तलापल्ली
अपने आनंद और रोमांच को दुगना करने के लिए आप पहाड़ी पर स्थित पेरान्तलापल्ली गांव की सैर का आनंद ले सकते हैं। पेरान्तलापल्ली अपने सुरम्य परिदृश्य के साथ सैलानियों को बहुत हद तक प्रभावित करने का काम करता है। इस पर्वतीय स्थान को बादलों से सजे पर्वत(cloud laced hill) के नाम से नाम से जाना जाता है। पेरान्तलापल्ली कुनावारम (kunavaram) और राजमंड्री के बीच स्थित है।
पहाड़ी पर स्थित यह जनजातीय गांव सबरी और गोदावरी नदियों के संगम का दृश्य प्रदान करता है। पहाड़ी पर स्थित होने की वजह से यह जनजातीय गांव सबरी और गोदावरी नदियों के संगम के अद्भुत दृश्य प्रदान करता है।
गुंडाला
खम्मम के पास आप कुछ अन्य खास स्थलों की सैर का प्लान कर सकते हैं। आप यहां गुंडाला के गर्म पानी के कुंड को देखने के लिए आ सकते हैं। लगभग 100 वर्ग यार्ड में फैला यह गर्मकुंड भारत के अलग-अलग हिस्सों के सैलानियों को आकर्षित करने का काम करता है।
माना जाता है कि इस कुंड का निर्माण सर्पों के राजा शेषनाग ने किया था। गुंडाला प्रसिद्ध भद्राचलम के पास स्थित है, जो तेलंगाना में एक और लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
खम्मम का किला
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप खम्मम का ऐतिहासिक किला भी देख सकते हैं जो खम्मम फोर्ट के नाम से जाना जाता है। लगभग 1000 वर्ष पुराने इस किले का निर्माण काकातीय राजाओं के शासनकाल के दौरान किया गया था। यह किला स्तम्भदरी पहाड़ी पर स्थित है।
यह किला कई राजवंशों के अधीन रह चुका है, इसलिए समय के साथ-साथ यहां बदलाव होते रहे हैं। यह विशाल किला हिंदू और इस्लाम वास्तुकला के प्रभाव को भली भांति प्रदर्शित करता है। यह खम्मम का अनिवार्य पर्यटन स्थल है।