मैहर देवी के सामने पहाड़ों पर बसा रमपुरवा गांव जहां भगवान कृष्ण ने गुज़ारी थी रात

Tripoto
13th Oct 2020
Photo of मैहर देवी के सामने पहाड़ों पर बसा रमपुरवा गांव जहां भगवान कृष्ण ने गुज़ारी थी रात by abhishek singh

मध्यप्रदेश में सतना ज़िले की रेतीली पहाड़ियों के बीच बसा है मां शारदा का भव्य मैहर देवी मंदिर। कहते हैं देश में एक मात्र शारदा मंदिर यहीं है, यहां आल्हा और उदल की कहानी से शायद सभी परिचित होंगे। मंदिर के पास में ही आल्हा-उदल का अखाड़ा है, ऐसी मान्यता है कि हर रोज सुबह आल्हा-उदल अखाड़े में कुश्ती लड़ते हैं और सबसे पहले माता के दर्शन करते हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि हर सुबह अखाड़े में पंजे के निशान मिलते हैं ऐसा लगता है मानों किसी ने कुश्ता लड़ी हो। ऐसी तमाम रोचक जानकारियां यहां का बच्चा बच्चा सैलानियों को सुनाता रहता है।

लेकिन इन सब के अलावा हम आपको आज सैर कराएंगे मैहर देवी के पास ही बसे एक छोटे से गांव रमपुरवा की।

मैहर देवी की चढ़ाई पर सामने दिखा एक पहाड़ और शुरू हुआ रमपुरवा का सफरः

समय था अप्रैल 2016 का अपने कुछ दोस्तों के साथ पहली बार किसी ट्रिप पर निकला था और जगह चुना गया मैहर देवी। बनारस से मैं और मेरे तीन दोस्त निकल पड़े थे मैहर के लिए। रात भर के सफर के बाद हमारी ट्रेन सुबह करीब 5 बजे मैहर पहुंची। जल्दी ही फ्रेश होकर हम मंदिर पहुंचे और करीब 1 हजार से अधिक सीढ़ियों की चढ़ाई और लम्बी लाइन के बाद माता के दर्शन हुए। दर्शन के बाद मंदिर से बाहर निकले तो सामने एक उंची पहाड़ी नजर आई जिसपर बने रास्ते से चलती गाड़ियां खिलौनों की तरह दिख रही थीं। पहाड़ी और उसपर बने रास्ते को देखकर काफी उत्सुकता हुई। नीचे आने के बाद आसपास के लोगों से पूछने पर पता चला की पहाड़ी के उपर एक छोटा सा गांव बसता है जहां भगवान श्री कृष्ण ने एक रात विश्राम किया था। बस इतना जानने की देरी थी और हम निकल पड़े रमपुरवा के लिए।

कृष्ण मंदिर में बना एक सुरंग निकलता है दिल्लीः

रमपुरवा गांव मुख्यतः किसान वर्ग का गांव हैं, लोगों को यहां बिजली देखे कई कई दिन हो जाते हैं। विरान से इस गांव में बीच बीच में एकाध चाय की टपरी और वहां कुछ लोग बैठे मिल जाएंगे। यहां के लोग बेहद शांत और मीठी बोली वाले हैं।स्थानीय लोग बताते हैं कि पहाड़ी के उस पार एक बाजार है जहां से ये सब्जियां और जरूरत के सामान खरीदते हैं और मोबाइल चार्जिंग के लिए इन्हें कई किलोमीटर नीचे पहाड़ी रास्तों और जानवरों के बीच से होकर मैहर जाना पड़ता है। गांव के बीच एक मंदिर है भगवान कृष्ण का, मान्यता है कि कृष्ण जी ने यहां एक रात विश्राम किया था। मंदिर में आज भी भगवान का एक बेड है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहां हवन कुंड में चौबिसों घंटा लौ जलती रहती है और वहां हर मन्नत पूरी है। कुछ और लोगों से बात करने पर पता चला कि मंदिर के अंदर से एक गुप्त सुरंग है जो सीधा दिल्ली निकलती है। मान्यता यह भी है कि इस सुरंग में कई जंगली जानवर भी रहते हैं और इसे बंद कर दिया गया है। हालांकि काफी जिद के बाद भी हम सुरंग नहीं देख सके थे।

रमपुरवा पर प्रकृति भी है मेहरबानः

गर्मी के मौसम मे विन्ध्य की पहाड़ियां आग उगलती हैं रेतीले पत्थरों पर पैदल चल लो जैसे पैर झुलस जाएं, लेकिन इनसे अलग रमपुरवा में एक सुकून है। रमपुरवा मंदिर से ठीक सामने दूर पहाड़ी पर मां शारदा का जगमगाता दरबार दिखता है तो नीचे कई फीट गहरी एक खाई और खाई से सुनाई देती है झरने की मधुर गीत और कलरव करते पंछियों की धुन। कहते हैं कि लोग आज तक इस झरने का स्रोत नहीं पता कर पाए हैं। क्यों कि यहां पास में ना कोई नदी है ना कोई अन्य झरना। मंदिर के चारों तरफ हरे पेड़ इसे और ठंढ़क पहुंचाते हैं।

कैसे और कितने खर्च में पहुंचेंगे रमपुरवाः

रमपुरवा पहुंचने के लिए तो सबसे पहले मैहर देवी पहुंचना होगा। अगर आप दिल्ली से जाना चाहते हैं तो कई ट्रेनें है जो सीधा मैहर जाती हैं। दिल्ली से मैहर आप स्लीपर में 400-500 रुपए खर्च कर के पहुंच सकते हैं। स्टेशन से बाहर निकलने के बाद कई धर्मशाला, होटल, स्नानागार सब उपलब्ध हैं। 200-250 रुपए में रेस्तरां में पेट भर के खाना खा सकते हैं और 400-500 रुपए में धर्मशाला में रात गुज़ार सकते हैं। स्टेशन के पास से ही ऑटो रिक्शा लेकर आप 20 रुपए में सीधे शारदा मंदिर पहुंच जाएंगे। मंदिर के पास लगे ऑटो स्टैंड से आपको 800-1000 रुपए देकर ऑटो रिज़र्व करना होगा क्योंकि बिना रिज़र्व किए यहां से कोई ऑटो रमपुरवा नहीं जाती।

तो अगली बार जब आप मैहर देवी जाएं तो रमपुरवा जाना ना भूलें।

Further Reads