नेपालगंज से सिमिकोट 🛩
सिमिकोट से हिलसा 🚁
झमाझम बारिश के साथ हमारी सुबह की शुरुआत हुई। सभी सुबह 7 बजे तैयार होकर लॉबी में आ गये तो पता चला कि खराब मौसम की वजह से फ्लाइट केंसल हैं। आज जाने के आसार नही लग रहे थे। सब मायुस होकर अपने-अपने कमरों मे वापिस आ गये। फिर अचानक करीब 10 बजे सबको तुरंत लॉबी में बुलाया गया। पता चला कि मौसम खुल गया था ओर फ्लाइट चालू हो गई थी। एक प्लेन में केवल 15 लोग ही जा सकता थे। हमारा नंबर पहले ग्रुप में ही था। मिनी बस से हम एअरपोर्ट और 11 बजे की फ्लाइट से हम सब सिमिकोट पहुंच गये। नेपालगंज से सिमिकोट पहुंचने में लगभग 45 मिनट लगे। सिमिकोट एअरपोर्ट से ही हमें आगे जाने के लिये हैलीकॉप्टर लेना था।
सिमिकोट नेपाल का एक छोटा सा खुबसूरत हिल स्टेशन है। चारो तरफ फूलों और हरियाली से भरे ऊंचे ऊंचे पहाड़ ओर तेज ठंडी ठंडी हवा हमारा स्वागत कर रहे थे। यहां पर हमे करीब 2 घन्टे लगे, क्युंकि यहां सबके पासपोर्ट चैक होते हैं। हम सब के पासपोर्ट हमारे गाईड जिम्मी के ही पास थे। यहीं पर हमे नीले रंग की जैकेट दी गई। ये जैकेट हमारे ग्रुप की पहचान थी। सभी टूर ओपरेटर अपने अपने ग्रुप को पहचानने के लिये बैग और जैकेट की इसी तरह से कलर कोडिंग करते हैं।
करीब 2 बजे हम हैलीकॉप्टर से 20 मिनट में हिलसा पहुंच गये। हिलसा, नेपाल-तिब्बत सीमा पर स्थित छोटा सा कस्बा हैं। यहां पर रुकने के लिये छोटे छोटे होटल हैं जो सिर्फ बिस्तर और खाने की सुविधा देते है। हमारे ग्रुप के 10 सदस्यों को नेपालगंज में ही रुकना पड़ा क्यूंकि दोबारा मौसम खराब होने की वजह से फ्लाइट नही चल रही थी। इसलिये आज की रात हमको उनके इन्तज़ार मे यही रुकना था।