हर घुमक्कड़ का घूमने का अपना एक अलग तरीका होता है। कोई फ्लाइट लेना पसंद करता है तो किसी को ट्रेन में सफर करना अच्छा लगता है। पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कारवां वैन में घूमना पसंद करते हैं। वैन यानी एक ऐसी गाड़ी जिसमें रहने से लेकर खाने, हर चीज़ की सुविधा होती है। इसे आप अपनी सहुलियत के हिसाब से कहीं भी लेकर जा सकते हैं। वैन के आगे वाले हिस्से में 2 लोगों के बैठने की जगह होती है और इसका पिछला हिस्सा एक छोटे घर की तरह होता है जहां आपका बिस्तर होता है। भारत में वैन कल्चर अभी उतना फेमस नहीं हुआ है। गाड़ी में घर बनाना और उस घर को लेकर जब मन चाहे आगे बढ़ जाना यकीनन सुखद एहसास होता होगा पर ऐसी भी कुछ बातें हैं जो वैन लाइफ को "नॉट सो कूल" बनाती हैं।
10. बदबू ही बदबू
छोटे घर में रहने के जितने फायदे हैं उतने ही नुकसान भी हैं और इसमें सबसे बड़ी समस्या है बदबू। जब आप कारवां वैन में रहते हैं तो आप इससे कहीं भाग भी नहीं सकते। गंदे कपड़ों से लेकर जूतों तक सभी सामान उसी छोटी जगह में रखना होता है और इससे अक्सर बदबू जैसे हालात पैदा हो जाते हैं। ऐसे में इससे बचने का केवल एक ही उपाय है कि आप गाड़ी की खिड़कियां खोल सकते हैं लेकिन अगर बाहर बारिश या बर्फ़ गिर रही हो तब ऐसा करना भी मुमकिन नहीं होता।
9. सफाई करना मुश्किल
घर या होटल में आप अपने गंदे जूते कमरे के बाहर उतार सकते हैं पर वैन में ऐसा नहीं होता। आप चाह कर भी अपना सामान वैन के बाहर नहीं रख सकते। नाज़ुक सामान जैसे कांच के बर्तन या लैपटॉप इन सभी को संजोकर रखना होता है क्योंकि सफर करते समय यह सभी चीजें टूट भी सकती हैं। वैन देखने में छोटी ज़रूर होती है पर इसे साफ रखना बच्चों का खेल नहीं है।
8. बाथरूम की दिक्कत
वैन लाइफ जीने वाले लोग अक्सर कहते हैं कि वो ज़रूरत पड़ने पर किसी भी होटल में जाकर बाथरूम का इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन ऐसा हर समय मुमकिन नहीं होता। टॉयलेट एक ऐसी चीज है जिसकी ज़रूरत किसी को कभी भी पड़ सकती है। अब आप देर रात किसी जगह पर हैं और आसपास बाथरूम जैसी कोई सुविधा नहीं है तो सोचिए वो कितनी प्रॉब्लम वाली बात होती होगी।
7. बोरियत
घुमक्कड़ी करना आसान बात नहीं है। 24 घंटे सड़क पर रहना सुनने में जितना रोमांचक और सुहाना लगता है लेकिन ऐसा असल में होता नहीं है। लगातार लंबे समय तक सड़क पर रहने से एक समय बाद घुमक्कड़ी से लगाव ख़त्म होने लगता है। अंग्रेज़ी में इसे ट्रैवल बर्नाउट कहा जाता है। यहां कोई तय दिनचर्या भी नहीं होती। उस रोमांच की जगह बोरियत और बंजारेपन की जगह घर जाने की चाहत आने लगती है। इसलिए देखने में ये ज़िन्दगी जितनी आसान लगती है असल में उतनी होती नहीं है।
6. मौसम पर निर्भरता
मौसम एक ऐसी चीज है जो आपके बने बनाए प्लान को चौपट कर सकता है और अगर आप वैन वाली ज़िन्दगी जीने का सोच रहें हैं तब तो आपको हर फैसला मौसम का मिजाज देखकर लेने के लिए तैयार रहना चाहिए। गर्मी से निजात पाने के लिए गाड़ी का एसी चलाया जा सकता है लेकिन उसके लिए आपको वैन को स्टार्ट करके छोड़ना होगा जिससे पेट्रोल या गैस की खपत बहुत ज़्यादा होगी। इसके अलावा लंबे सफर पर जाने का सोच रहे हैं तो यकीनन कुछ देर बाद टहलने का मन करेगा। ऐसे में आपका टहलना भी बाहर के मौसम पर निर्भर करता है।
5. पानी की कमी
वैन में रहने की सबसे बड़ी समस्या पानी की है। इस तरह की कारवां वैनों में पानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं होती है। इनमें ना ही नल होते हैं और ना ही पानी के लिए कोई और रास्ता। अपने पानी की व्यवस्था आपको खुद ही करनी होती है। ज़्यादातर घुमक्कड़ निकलने से पहले बड़े डब्बों में पानी रख लेते हैं जिसको वो इस्तेमाल कर सकें। समय-समय पर इन्हीं डब्बों को वापस से भरना होता है।
4. सुरक्षा का ढीला मामला
पानी के बाद जो सबसे बड़ा चिंता का विषय है वो है आपकी और आपके सामान की सुरक्षा। कारवां वैन में सफर करने वाले लोग अक्सर सोचते हैं कि वो अकेले हैं इसलिए उन्हें कोई खतरा नहीं है। उनकी यही सोच बाद में भारी पड़ जाती है। होटल या गेस्ट हाउस में सुरक्षा के पुखता इंतजाम होते हैं जो कि एक वैन में नदारद होते हैं। यहां ना ही कोई सीसी टीवी कैमरा होता है और ना ही कोई सिक्योरिटी गार्ड। आपको अपनी सुरक्षा खुद ही करनी होती है और किसी अनजान जगह पर एक वैन में आप कितने सुरक्षित हैं ये आप खुद ही सोच सकते हैं।
3. गाड़ी का खराब होना
हजारों किलोमीटर के सफर के बीच गाड़ी खराब होना एक आम बात है। टेक्नोलॉजी एक ऐसी चीज है जिसने हमारा काम बहुत आसान कर दिया है लेकिन ये कब धोखा दे जाए कोई नहीं जानता। ऐसी ही अनिश्चितता से भरा है वैन में सफर करना। आप किसी रेगिस्तान में हों या समुंदर किनारे या किसी पहाड़ पर, अगर गाड़ी को खराब होना है तो वो ना समय देखती है और ना ही हालात। ऐसी परिस्थिति में मुश्किल पैदा हो जाती है।
2. आराम थोड़ा कम है
यहां आराम का मामला थोड़ा टाईट है। वैन में जगह कम होती है जिसके चलते यहां पर आपको वो आराम नहीं मिलेगा जो आप सोच रहे हैं। यहां पर एक सीमित जगह में ही आपको सब कुछ करना होता है। सोना, खाना, रहना सबके लिए एक ही कमरा होता है जो कि कम बजट वाली वैनों में आपका बिस्तर ही होता है। इनमे चलने और खड़े होने के लिए कोई जगह नहीं होती है और अगर आप दो या उससे ज्यादा लोग सफर कर रहें हैं तब तो दिक्कतें और भी बढ़ जाती हैं।
1. सोशल मीडिया
अगर आप वैन लाइफ इसलिए चुन रहे हैं क्योंकि सोशल मीडिया पर शो ऑफ करना है तो थोड़ा रुकिए। शुरू में ट्रेंडी पोस्ट्स करना अच्छा लगता है पर बाद में ये एक बोझ की तरह लगने लगता है। खासतौर से तब जब ये एक ज़िम्मेदारी बन जाती है। एक समय के बाद ऐसा करना मानसिक तौर पर थका देने वाला हो जाता है। समय, माहौल, जगह कुछ भी जरूरी नहीं होता, बस ज़रूरी होता है तो आपका वो एक सोशल मीडिया पोस्ट जिससे आपकी फैन फॉलोइंग बनी रहे।
0. नियम कायदों का चक्कर
वैन में सफर करना एक फैंटेसी जैसा होता है लेकिन ये फैंटेसी कब एक भयावह सपना बन जाए किसी को नहीं पता? कारवां वैन में सफर करने के लिए भी कुछ नियम होते हैं जिनको आपको मानना होता है। एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए भी नियमों के चक्कर में उलझना होता है। चाहे वो एक राज्य से दूसरे राज्य हो या एक देश से दूसरा देश। इसके अलावा भारत में अब भी वैनों को लेकर सही पार्किंग पार्क नहीं बनाई गई है। ऐसे में सही जगह पर गाड़ी खड़ी करना भी समस्या बन जाती है।
अगर आपने भी कभी कारवां वैन की यात्रा की है? तो अपने अनुभव को यहां शेयर करें।