अलवर, इंसानी और कुदरती खूबसूरती से सजा हुआ शहर है। यहां के किलों में अलवर के इतिहास की कहानी है, तो कुदरत की खूबसूरती में अलवर के हुस्न की रवानी है। यही वजह है कि अलवर में पर्यटकों का जमावड़ा हमेशा लगा रहा है।
अलवर, राजस्थान में बायोडायवर्सिटी पार्क शहर का नया विकसित पर्यटन स्थल है जो आपकी यात्रा की प्रतीक्षा करता है। शानदार हरे रंग की अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा यह स्थान प्रकृति को अपने शुद्धतम रूपों में संरक्षित करता है और इसे सबसे शानदार तरीके से आपके सामने प्रस्तुत करता है। यदि आप अलवर की यात्रा की योजना बनाते हैं तो यह आपकी आत्मा को सुखदायक प्रभाव देने के लिए एक आदर्श स्थान है।
कुछ सालो पहले जब मैं अलवर पहली बार आई थी तब मैने काफी जगहों पर भर्मण किया था जैसा कि मै अपने द्वारा लिखित बीते ब्लॉग में आप सभी के साथ साझा कर चुकी हूं। पर समय के आभाव के कारण कुछ जगहों पर नहीं जा पाई, जिनकी मैंने काफी प्रशंसा सुनी थी। लेकिन मुझे ये नहीं पता था कि मुझे ये मौका इतना जल्दी ही मिल जाएगा।
बायोडायवर्सिटी पार्क की जानकारी :-
अलवर जिला मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बायोडायवर सिटी पार्क नए डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है। मैंने भी काफी दिनों से इस पार्क की सुंदरता का वर्णन सुन था तो मैंने सोचा के क्यों ना इस अदभुत पार्क की प्राकृतिक सुन्दरता के दर्शन किया जाय। तो बस फिर क्या मैं निकाल पड़ी। मैं घर से निकली, ऑटो लिया और पहुंच गई बायोडायवर्सिटी पार्क। रास्ते में ऑटो वाले भैया ने मुझे ये बताया की बायोडायवर्सिटी पार्क का निर्माण कार्य अभी पूर्ण रूप से नहीं हो पाया है। करोना के कारण लॉक डॉउन की प्रक्रिया पूरे अलवर में होने से इस पार्क का निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। जो कि पुनः करोना कल के समाप्त होते ही कार्यरत होगी। फिर भी इस पार्क की सुंदरता देखने योग्य है। अपने चारो तरफ से पहाड़ों से घिरा ये पार्क मानो प्राकृतिक सुंदरता का जीता जागता उदाहरण है। हरी भरी पहाडियों के बीच स्थित इस पार्क को जयपुर में आगरा जयपुर रोड पर स्थित सिलवन पार्क की तर्ज पर बनाया गया है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर जो एक बार यहां आता है उसे बार -बार आने का मन करता है। शहर की भागम भाग जिंदगी से दूर शांत जगह होने के कारण यहां पर्यटक अधिक आते हैं। शहर के नजदीक होने के कारण यहां सुबह से लेकर शाम तक पर्यटकों की आवाजाही रहती है। शनिवार व रविवार को यहां भीड़ इतनी अधिक होती है कि वाहनों का जाम लग जाता है। यहां पर प्रवेश नि:शुल्क होने के कारण पर्यटक सीजन में भीड़ अधिक रहती है। जैसा के मैंने आप सभी को बताया कि पार्क का अभी आधा ही काम हुआ है। कार्य पूरा होने तक यह और भी सुंदर और आकर्षक दिखेगा। बायो पार्क का कार्य पूर्ण होने के बाद यह आसमान से भी दिखेगा। प्रकृति की गोद में बसे बायो पार्क में सुबह जॉगिंग, खुली हवा में कसरत आदि करने कई युवा आते हैं। वहीं शाम को झरने के समीप बैठकर कई लोग प्रकृति की शांति को महसूस करते है।
418 लाख की लागत से हुआ है निर्माण :-
अलवर जिला मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर दूर प्रतापबंध रोड पर स्थित बायोडायवर सिटी पार्क का निर्माण यूआईटी की ओर से करीब 418 लाख रुपए की लागत से करवाया गया है। इसकी सुदंरता देखते ही बनती है। यह पार्क वन विभाग की भूमि पर बनाया गया है । यह ऐसा पार्क हैं जिसमें हर आयु वर्ग के लिए कुछ ना कुछ खास है। वन विभाग की भूमि पर 10 हैक्टेयर में इसका निर्माण किया गया है। इसमें 1.2 किलोमीटर पर जॉगिंग ट्रैक बनाया गया है। इसके साथ ही बटर फ्लाई कंजरवेशन जॉन, चिल्ड्रन पार्क, योगा पार्क, ओपन एयर जिम भी बनाए गए हैं। इतना ही नहीं यहां पर करीब 700 पौधे लगाए गए हैं, जिसमें औषधी पौधे आंवला, ग्वारपाठा, तुलसी, चंदन, अमलदास, पेंडूला, अशोक आदि शामिल है। यहां पर घूमने आने का और पिकनिक मनाने का अपना ही आनंद है। मुझे भी यहां आकर काफी अच्छा लगा। पार्क से अरावली पर्वतमाला की सुंदरता देखने योग्य थी। इतना शांति और प्राकृतिक रूप देखकर मैं बेहद ही खुश हो गया। मैंने पूरे पार्क का भ्रमण किया।
पार्क में जाने के लिए ट्री हाउस या वुडन हाउस लोगों के लिए मुख्य आकर्षण है। यह एक छोटी सी झोपड़ी है जो एक छोटे लेकिन मोटे पेड़ के तने के ऊपर बनाई जाती है।
पार्क का एक क्षेत्र हर्बल पौधों के लिए समर्पित है जिसमें लगभग 20 प्रकार के औषधीय पौधे और फूल हैं जिनमें आंवला, तुलसी और चंदन शामिल हैं।
विभिन्न झूलों और स्लाइड्स के साथ एक गेम ज़ोन भी उन बच्चों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है जो सिर्फ अपने जीवन में मस्ती करना चाहते हैं।
एक छोटा सा झरना भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है और लोग पहाड़ से नीचे आने वाली प्राकृतिक जलधारा के साथ कुछ अद्भुत जलपान करने के लिए आकर्षित होते हैं।
सेल्फी पॉइंट विशेष रूप से उन लोगों के लिए बनाया गया क्षेत्र है जो सेल्फी क्लिक करने और फिर सोशल मीडिया साइट्स पर अपलोड करने के आदी हैं। इस विशेष बिंदु में पहाड़ियों से ढकी एक शानदार पृष्ठभूमि है जो इसे एक आदर्श सेल्फी पॉइंट बनाती है।
कैसे पहुंचें बायोडायवर्सिटी पार्क :-
यह स्थान अलवर जंक्शन से लगभग 4.5 किमी दूर है, जो इसके लिए निकटतम रेलवे स्टेशन है।
करीब 3 किमी की दूरी पर कबीर कॉलोनी में निकटतम बस स्टैंड अलवर बस स्टैंड है, जो 10 मिनट के भीतर पहुंचा जा सकता है।
बायोडायवर्सिटी पार्क का समय :-
पार्क के समय मौसम के अनुसार बदलते हैं और पार्क के प्रवेश द्वार पर उल्लेख किया गया है।
मार्च से सितंबर के महीनों में सुबह 5 से शाम 6 बजे तक और अक्टूबर से फरवरी के सर्दियों के महीनों में सुबह 6 से शाम 5 बजे तक।
यात्रा टिप :-
कम धूप के दिनों में यात्रा की योजना बनाने की कोशिश करें क्योंकि चिलचिलाती गर्मी आपको पूरी तरह से भ्रमण का आनंद लेने की अनुमति नहीं देगी।
पार्किंग की सुविधा पार्क के मुख्य द्वार के बाहर उपलब्ध है, ताकि आप अपने स्वयं के वाहनों के साथ यात्रा कर सकें।
इस विशाल पार्क की खोज करते समय पीने के पानी की कमी से बचने के लिए अपने साथ पानी की व्यवस्था करें।
यह स्थान परिवार और दोस्तों के साथ घूमने के लिए सबसे अच्छा है, इसलिए यदि आप अलवर में हैं तो एक यात्रा की योजना बनाएं।
मेरी यात्रा का वर्णन आप सभी को कैसा लगा। अपने विचार अवश्य व्यक्त करे। अभी तक के लिए इतना ही….
तो मिलते है फिर अगले ब्लॉग में।……💁