मुंबई की धारावी में क्या और क्यों घूमें? तो इसकी वजह हम आपको बता देते हैं

Tripoto
19th Sep 2020
Photo of मुंबई की धारावी में क्या और क्यों घूमें? तो इसकी वजह हम आपको बता देते हैं by Deeksha

मुंबई का धारावी एशिया की सबसे बड़ी बस्ती के नाम से जाना जाती है और इस जगह की यही सच्चाई भी है। पिछले कई सालों से धारावी में ऐसे कई अच्छी-बुरी चीज़ें हुई हैं जिसके बाद इस जगह ने विश्व में अपना एक अलग ही विशेष स्थान बना लिया है। सस्ती लेदर शॉपिंग करनी हो या संकरी गलियों में टहलना हो, धारावी एक ऐसी जगह है जहां जरूरत का लगभग हर सामान आपको कम दाम में मिल जाएगा। मुंबई के ज़्यादातर लोग धारावी में मिलने वाले सामानों की खूब तारीफ करते हैं। सौदे के मामले में धारावी में काफी स्कोप है। यहां के सामान की गुणवत्ता भी अच्छी होती है और कभी कभी तो इतना अच्छा सामान मिल जाता है जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी। पर अगर आप भारतीय नहीं हैं या आपको बारगेनिंग करने का ज़्यादा अनुभव नहीं है तो थोड़ी सावधानी जरूरी है। धारावी के दुकानदार अक्सर पैसा बनाने की कोशिश में रहते हैं इसलिए किसी दोस्त को लेकर जाने में ही समझदारी रहेगी।

Photo of मुंबई की धारावी में क्या और क्यों घूमें? तो इसकी वजह हम आपको बता देते हैं by Deeksha

इन सबके बावजूद भी यह जान कर हैरानी होती है कि हजार से भी ज़्यादा घरों वाली इस बस्ती में कुछ समय पहले तक सैनिटेशन की ठीक सुविधा नहीं थी। लोग जिस स्थिति में रहते थे उसको देखकर मन में एक टीस उठना लाज़मी है। पर यहां के हालात अब पहले से काफी सुधार चुके हैं। 1960 के बाद से धारावी में विकास की गाड़ी ने रफ्तार पकड़ी और आज धारावी में 700000 से भी ज़्यादा लोगों ने अपना घर बना लिया है। धारावी एक बस्ती ज़रूर है पर यहां आपसी प्यार और भाईचारे की कोई कमी नहीं है। अगर आप भी ऐसे ही अटूट साथ को देखना चाहते हैं तो आपको एक बार धारावी के गलियारों में ज़रूर झांक लेना चाहिए। पर घूमने से पहले कुछ बातें हैं जिन्हें जान लेना जरूरी है।

1. एक छत के नीचे सब कुछ

धारावी में मंदिर, मस्जिद और चर्च तीनों हैं। यहां किसी के साथ किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। सभी धर्मों के लोग साथ रहते हैं। इसके अलावा यहां पर बहुत सारे टेक्सटाइल के कारखाने भी हैं। और तो और अकेले धारावी में 700 से भी ज़्यादा रिसाइकिलिंग यूनिट्स हैं जहां इस्तेमाल किए हुए सामान को ठीक तरीके से रिसाइकिल करके वापस से काम में आने वाली चीजें बनाई जाती हैं। यहां पर कुम्हारों की टोली भी है। इनके बनाए हुए मटके और घड़े इतने सुन्दर होते हैं कि देखकर लगेगा ही नहीं यह सब हाथ से बनाए गए हैं। अकेले धारावी में 100 से ज़्यादा रेस्त्रां भी हैं तो आपको घूमते समय लगने वाली भूख की भी कोई चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।

2. फ़्री में घूमें

धारावी में घुसने के लिए कोई एंट्री टिकट नहीं चाहिए होता है। यहां एंट्री फ़ीस जैसी कोई चीज नहीं है। पर धारावी की तरफ बढ़ते आकर्षण के चलते अब कई कंपनियां धारावी घूमने के लिए कई तरह के पैकेज भी देती हैं जो आपनी इच्छा के अनुसार चुन सकते हैं। अगर आप धारावी के किसी स्पेशल हिस्से को देखना चाहते हैं उसके लिए भी आपके पास भरपूर ऑप्शन्स हैं। यह पैकेज इस तरह से बनाए गए हैं कि धारावी के हर हिस्से को अच्छी तरीके से देख लिया जाए। आमतौर पर इनकी कीमत 600 रुपए प्रति व्यक्ति से शुरू होकर 9500 रुपए तक होती है।

3. रिसाइकिलिंग यूनिट्स हैं ख़ास

धारावी में रिसाइकिलिंग यूनिट्स का एक बड़ा भंडार है। यहां चाय के पुराने कप से लेकर टेलीफोन के तार तक हर चीज को रिसाइकिल किया जाता है। यहां पर लेदर बनाने के कारखाने भी हैं। ख़ास बात यह है कि लेदर बनाने के बाद निकालने वाला बेकार फाइबर को भी रिसाइकिल कर दिया जाता है। इस फाइबर को कुम्हारों को से दिया जाता है जिससे कई सारे कामों में इस्तेमाल में लाया जाता है। धारावी में किसी भी पुरानी चीज़ को फेंका नहीं जाता है बल्कि हर इस्तेमाल की हुए चीज़ को रिसाइकिल करके कुछ प्रकार से दिया जाता है जो वापस से किसी काम में आ सके। धारावी के लोगों ने प्लास्टिक, एल्युमिनियम के लेकर पेंट के पुराने डब्बे तक हर ची़ज का तोड़ निकाल लिया है।

4. छोटे-छोटे घरों का बड़ा इलाका

धारावी को भी अगर गलियों का शहर बोला जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। यहां की गलियां इतनी संकरी हैं कि एक बार में दो लोगों को निकलने में भी मुश्किल होती है। धारावी के घरों की बात करें तो यहां लगभग हर घर में एक कमरा है जो कि बेडरूम, रसोई, लिविंग रूम सबका काम करता है। यही छोटे छोटे घरों का कारनामा है कि आज दुनिया भर में धारावी को एशिया की सबसे बड़ी बस्ती कहा जाता है।

5. लोगों के साथ बातें

किताब का कवर देखकर उसके मूल्य का निर्णय नहीं करना चाहिए। यह कहावत धारावी के लोगों पर एकदम सटीक बैठती है। कम साधनों के बावजूद यहां के लोगों के दिल इतने बड़े हैं कि इस जगह से एक अलग लगाव हो जाएगा। यहां के लोगों का रहने का तरीका एकदम सरल और साधारण है और यह मेहमाननवाजी में भी दिलचस्पी रखते हैं। अगर किस्मत अच्छी रही तो आपको एक पारंपरिक महाराष्ट्रीयन दावत पर आने का न्यौता भी मिल सकता है।

कब जाएं?

वैसे तो धारावी साल के किसी भी समय आया जा सकता है पर हो सके तो बारिश के मौसम में यहां मत ही आएं। बारिश में नालियों का पानी ओवरफ्लो होने लगता है जिससे यहां कीचड़ जैसे हालात हो जाते हैं।

कैसे पहुंचे?

धारावी आने के लिए आपको सबसे पहले मुंबई आना होगा। मुंबई से आप किसी भी रास्ते धारावी पहुंच सकते हैं।

रोड से: धारावी जाने के लिए मुंबई के हर हिस्से से आपको सीधी टैक्सी मिल जाएगी। अगर आप बस से जाना चाहते हैं तो माहिम फाटक बस स्टेशन, माटुंगा लेबर कैंप सबसे नजदीकी बस स्टैंड हैं।

ट्रेन से: ट्रेन से जाने के लिए मुंबई के किसी भी हिस्से से लोकल लेनी होगी। माहिम जंक्शन और किंग्स सर्किल सबसे पास स्टेशन हैं। इन स्टेशनों से चाहे तो रिक्शा ले सकते हैं या पैदल चलकर भी धारावी पहुंच सकते हैं।

अगर आप यह सोच रहे हैं कि एक बस्ती में देखने जैसा क्या होगा तो बता दें धारावी के लोगों की सालाना कमाई एक बिलियन डॉलर से भी ज़्यादा है। 520 एकड़ से भी ज़्यादा क्षेत्र में फैले धारावी को एक बार देखना तो बनता है।

Further Reads