उत्तराखंड का नाम लेते ही सबसे पहले मन में नैनीताल, मसूरी, कौसानी, रानीखेत, यही सब नाम और इनके मनमोहक चित्र आ जाते हैं. और आएं भी क्यों ना ये सब जगहें हैं ही इतनी सुन्दर. लेकिन आज मैं आपको उत्तरखंड के ही एक ऐसे छोटे से मगर बेहद खूबसूरत शहर के बारे में बताउंगी जिसको बहुत कम लोगों ने देखा और अनुभव किया होगा, चम्पावत जिले में तहसील है जिसका नाम है "टनकपुर ". ईश्वर की कृपा से हमारा तो घर है टनकपुर. लेकिन इन कोरोना जी की कृपा से हम अपने ही घर जाने को तरस गए. 6 महीने से ज्यादा का समय हो गया इस बार घर गए हुए. बड़ी हिम्मत करके सितम्बर के पहले हफ्ते में निकल ही गए घर की तरफ " जो होगा देखा जायेगा " वाली सोच लेकर. इतना टेंशन सब इसलिए था क्युकी उत्तरखंड के lockdown के नियम अभी इतने सरल नहीं हुए जितने बाकी राज्यों के. और उत्तराखंड के तो फिर भी थोड़ा सही हैं लेकिन चम्पावत में अभी भी बहुत सख़्ती दिखाई जा रही है. खैर हम ज्यादा ना सोचते हुए निकल ही गए बस. हम मतलब मैं, मेरे पति और हमारी बेटी.
रास्ते भर बस इसी बात की फ़िक्र थी की कहीं हमें भी क्वारंटाइन कर दिया तो क्या होगा. ऐसा लग रहा था मानो अपने घर नहीं कहीं पाकिस्तान जाने के लिए निकले हों. मगर बस इतनी कृपा रही की उत्तराखंड की गाड़ी को कहीं रोका नहीं गया और हम अच्छी तरह घर पहुंच गए. ये तो बात हुई हमारे घर जाने की. तो चलिए अब आपको भी लेकर चलते हैं अपने टनकपुर की सैर पर.
माँ पूर्णागिरि मंदिर :
टनकपुर के पास अन्नपूर्णा शिखर पर स्थित ये मंदिर 5500 फ़ीट की ऊंचाई पर है. ऐसी मान्यता है की यहाँ माता नाभि गिरी थी. माता के 108 सिद्धपीठ में से एक है. ये मंदिर टनकपुर शहर से 20-21 km की दूरी पर है. यहाँ तक पहुंचने के लिए आपको जीप, टैक्सी मिल जाएंगी. आम दिनों में गाड़ियां यहाँ पड़ने वाले भैरव मंदिर जाती हैं जहाँ से आगे के मात्र 3 km आपको पैदल तय करने हैं.
बूम रेंज :
पूर्णागिरि मंदिर जाने के रास्ते में ही बूम रेंज पड़ती है, जहाँ आद्या शक्ति पीठ का बूम मंदिर भी है. यहाँ आकर आपको जो शारदा नदी की झलकियां देखने को मिलेंगी उससे आपका मन एकदम शांत और यहीं के माहौल में रम जायेगा. यहां कुछ ही समय पहले से राफ्टिंग भी शुरू हों चुकी है. तो अगर आप प्राकृतिक सुंदरता के साथ साथ एडवेंचर भी पसंद करते हैं तो आपको बूम भी जरूर जाना चाहिए.
शारदा घाट :
टनकपुर बस स्टैंड से कुछ ही दूरी पे स्थित है शारदा घाट. शारदा घाट को पूर्णागिरि घाट भी बोला जाता है. माँ शारदा का विशाल रूप अगर देखना चाहते हैं तो एक बार यहाँ जरूर आएं. यहाँ आकर शारदा के ठन्डे ठन्डे पानी में डुबकी नहीं लगायी तो क्या किया. इतना ही नहीं यहाँ रोज़ शाम को गंगा आरती का भी आनंद लिया जा सकता है.
श्यामलाताल :
टनकपुर शहर से लगभग 23-24 km की दूरी पर स्थित है श्यामलाताल झील. जैसा की नाम में ही है श्याम, यहाँ की झील के पानी का रंग भी काफ़ी डार्क है जो थोड़ा बादल होने पर काला ही दिखता है. शहर की भीड़ से दूर एकदम शांत सी इस झील को देखना तो एक बार बनता ही है. यहां आकर स्वामी विवेकानंद आश्रम के दर्शन भी कर सकते हैं. यहाँ आते आते पहाड़ शुरू हों जाते हैं तो गर्मियों में भी बहुत सुहाना मौसम रहता है, लेकिन अगर हाँ आप सर्दियों में आने की सोचें तो यहाँ काफ़ी ठण्ड पड़ती है.
कैसे पहुंचें :
टनकपुर आने के लिए आप बरेली से बस या ट्रेन पकड़ सकते हैं. आप फ्लाइट से भी आ सकते हैं. सबसे पास पंतनगर एयरपोर्ट पड़ेगा जहाँ से आपको टैक्सी या बस आसानी से टनकपुर के लिए मिल जाएगी.
वैसे इस कोरोना काल में उत्तराखंड में बहुत सख़्ती है, जब ये कोरोना ठीक हो जाये तो उत्तराखंड के इस छोटे से शहर को सेवा का मौका जरूर दें. आप निराश नहीं होंगे ये मेरा वादा है आपसे.