मेरे हिसाब से एक सफल यात्रा वो होती है जिसकी हर छोटी बड़ी डिटेल आपको मुंह जबानी याद हो। एक किस्सा सुनाने बैठें तो घंटों कहानी बुनते चले जाएं। घुमक्कड़ी के पल कुछ यूं जोड़ रखें हों कि ज़रा सी बात निकालते ही आप वापस से उन पलों को जीने के लिए आतुर हो उठें। आखिर यह यादें ही तो हैं जो हमें ऑफिस के टू बाय टू डब्बेनुमा क्यूबिकल में भी जीने का हौसला देती हैं। खुल के हंसने का सलीका सिखाती हैं ये यादें। ये जवानी है दीवानी फिल्म में दीपिका का एक डायलॉग मुझे आज भी अच्छे से रटा हुआ है। यादें मिठाई के डब्बे की तरह होती हैं, एक बार खुल गया तो बिना खाए नहीं रह पाओगे।
ऐसी ही कुछ यादें अपने में समेटे घुमक्कडों का इंतज़ार कर रहा है वसई। शांत बीच और ताड़ के पेड़ों से भरे वसई में केवल मुंबई की ही नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान की जान बसती है। वसई-विरार महाराष्ट्र राज्य के कोकण का एक खूबसूरत शहर है, जो अपने मनमोहक वातावरण के लिए न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी जाना जाता है। यहां कई देशी और विदेशी गानों की शूटिंग हो चुकी है। ब्रिटिश बैंड कोल्डप्ले ने अपना सुपहहिट गाना 'ह्यूमन फॉर द वीकेंड' यहीं शूट किया गया था। पोर्तुगीज आर्किटेक्चर लिए मुंबई के इस शानदार इलाके को आपको एक बार ज़रूर देख आना चाहिए।
क्या देखें?
वैसे तो यहां देखने के लिए बहुत कुछ है पर यह कुछ जगहें हैं जो वसई को सबसे ख़ास बनाती हैं।
1. भुईगांव बीच
वसई की भूईगांव बीच अपने आप में ख़ास है। इस सुंदर साफ और हरियाली से घिरी हुई बीच को देख कर आपका मन खुश हो जाएगा। भारत में ऐसी बहुत कम बीच हैं जहां लोगों की भीड़ नहीं होती। भूईगांव उन चुनिंदा बीचों में से एक है जहां शान्ति और खूबसूरती दोनों मिलती है। यहां पर आप समुंदर किनारे टहल सकते हैं या अपने दोस्तों के साथ कुछ मस्ती कर सकते हैं। इस बीच पर खाने-पीने की दुकानें नहीं हैं इसलिए यहां आने से पहले पेट पूजा ज़रूर कर लीजिएगा या अगर आप चाहें तो अपने साथ खाने का सामान लेकर भी आ सकते हैं। यकीन मानिए वसई के इस बीच पर आपका दिल आ जाएगा।
2. वसई का किला
इस किले का निर्माण 1536 में पुर्तगाली लोगों ने करवाया था। 110 एकड़ में फैले इस किले में देखने के लिए बहुत कुछ है। पुराने पारंपरिक पोर्तुगीज तरीके से बना ये किला करीब 300 साल तक पोर्तुगीज आर्मी का बेस कैंप भी रहा था इसलिए ये सैन्य उद्देश्य से भी काफी महत्वूर्ण जगह है। इस किले का विशेष महत्व ये है कि यहां से पूरे पश्चिमी समुद्र तट पर नजर रखी जा सकती थी। इसका उपयोग बंदरगाह के रूप में भी होता था। मुंबई से 300 किमी. दूर यह किला फोटोग्राफी के लिए भी बहुत अच्छी जगह है। इस हवादार किले में दिन के समय प्राकृतिक रोशनी की भरमार रहती है इसलिए फोटोग्राफर्स के लिए यह किसी आशियाने से कम नहीं है।
3. उमेला फाटा
वसई का उमेला फाटा वो जगह है जहां आपको नमक की क्यारियां देखने को मिलेंगी। यहां की ज़मीन बहुत से बहुमूल्य मिनरल्स से भरी हुई है। यहां मिलने वाले नमक की ख़ास बात है कि ये आमतौर पर मिलने वाले नमक जैसा नहीं होता। बल्कि ये नमक बड़े-बड़े पानी के कुओं के सूखने की वजह से बनता है और इसीलिए ये पत्थर की तरह एकदम सख्त होता है। दूर तक फैले इस नमक के कुण्ड पर जब सूरज की रोशनी पड़ती है तो पूरी धरती हीरे जैसे चमक उठती है। नमक स्वादानुसार? यहां तो हर तरफ नमक ही नमक मिलेगा आपको।
4. पंजू द्वीप
वसई से बोट लीजिए और 10 मिनट के अंदर आप पंजू द्वीप पहुंच जाएंगे। पंजू द्वीप वो जगह है जहां कोड़ी समुदाय के लोग रहते हैं। ये वो लोग हैं जो ज़्यादातर मछली पकड़ने का काम करते हैं या कभी इनके पूर्वजों ने ये काम किया था। हर साल मछली पकड़ने वाले मौसम की शुरुआत में यहां एक भव्य आयोजन किया जाता है जिसका नाम है " नराली पुनव"। लोकल संस्कृति को नज़दीक से जानना चाहते हैं तो आपको पंजू द्वीप से अच्छी जगह नहीं मिलेगी।
5. चुलना तालाब
तालाबों और झीलों के राज्य गोवा के जैसे ही वसई में भी एक ऐसी झील है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे। वसई के अंदरूनी इलाकों में है चुलना झील। ये तालाब इतना अंदर है कि आपको यहां पहुंचने के लिए लोकल लोगों से मदद लेनी पड़ेगी। आप यहां बैठकर आराम से किताब पढ़ सकते हैं, टहल सकते हैं या बस शांति से अपने साथ समय बिता सकते हैं।
कहां खाएं?
1. महिला मंडल रेस्त्रां
इतना घूमने के बाद भूख लगाना भी लाजिमी है। वसई में इसका भी पूरा इंतजाम है। महात्मा गांधी रोड पर स्थित ये जगह अपने स्वादिष्ट घर के बने खाने के लिए मशहूर है। ये रेस्त्रां एक एनजीओ का हिस्सा है जो महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करता है। श्रीमती इंदुमती विष्णु की यह सोच आज करीब 250 से ज़्यादा महिलाओं के लिए रोज़गार का जरिया बन चुकी है।
2. भजनलाल डेयरी फार्म
नेशनल हाईवे की ये दुकान तरह-तरह की लस्सी और बासुंदी के लिए जानी जाती है। वसई की ये दुकान उन सब लोगों के लिए एक आदर्श है जो आपनी काबिलियत और मेहनत पर भरोसा रखते हैं। यहां की मैंगो लस्सी ज़रूर चखनी चाहिए।
3. तुंगरेश्वर का वड़ा पाव
वसई स्टेशन के ठीक बाहर तुंगारेश्वर का वड़ा पाव का ज़ायका लेना तो बनता है। इस वड़ा पाव की ख़ास बात ये है कि इसके साथ दी जाने वाली चटनी में एक अलग तरह की मिठास होती है जो इसे बाकी सबसे अलग बनाती है। कम पैसों में पेट भरने के लिए ये वड़ा पाव आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है।
कैसे पहुंचे?
मुंबई से वसई की दूरी 62 किमी. है। यहां आने के लिए आपको पहले मुंबई आना होगा फिर वहां से आप वसई आराम से पहुंच सकते हैं।
रोड से: वसई आने के लिए ये रास्ता सबसे सही है। मुंबई से वसई के लिए बसें चलती हैं तो आप बिना किसी परेशानी के वसई पहुंच सकते हैं। 62 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग 1 से डेढ़ घंटे का समय लगता है।
ट्रेन से: ट्रेन से आने के लिए सबसे सही विकल्प है मुंबई के ठाणे या अंधेरी से लोकल पकड़िए और वसई स्टेशन पर उतर जाइए।
फ्लाइट से: अगर आप फ्लाइट से आने की योजना बना रहे हैं तो मुंबई एयरपोर्ट सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है। वसई से इसकी दूरी 47 किलोमीटर है। यहां पहुंच कर आप टैक्सी लेकर वसई जा सकते हैं।
पर्यटन के लिहाज से वसई में देशी-विदेशी पर्यटकों का आवागमन लगा रहता है। ये ऐसी जगह है जहां आप एक शानदार वीकेंड ट्रिप प्लान कर सकते हैं।
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