राजस्थान : मंडोर बाग़ जोधपुर
[[ 22-08-2017 ]]
हमने बाबा रामदेव जी के मंदिर के दर्शन करने कि सोची। हमने दिल्ली से जोधपुर जाने कि लिए ट्रेन कि टिकट बुक कर ली। वैसे तो रामदेवरा जाने के लिए सीधी ट्रेन भी उपलब्ध है। परन्तु उसमें सारी सीटें पहले से ही बुकिंग थी।हमने रात तकरीबन 10.30 दिल्ली केंट से ट्रेन पकड़ी। जिसने सुबह 9.00 जोधपुर रेलवे स्टेशन पहुंच दिया। मेरे साथ मेरे बड़े भाई कैलाश और मेरे मित्र अजय था मैं और मेरा भाई तो पहले भी बाबा रामदेव जी कि यात्रा पर गये हुए है।अजय कि यह पहली बाबा रामदेव जी कि यात्रा है। जोधपुर रेलवे स्टेशन से बाहर आते ही हमने ओटो कर लिया मंडोर बाग़ के लिए।
मंडोर बाग़
मंडोर बाग़ जोधपुर के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है मंडोर बाग़ आराम करने के लिए और धुमाने फिरने के लिए जोधपुर के सबसे अच्छे पार्कों में से एक है। मंडोर बाग़ का इतिहास 6 वीं शताब्दी के समय का है ये पार्क जोधपुर रेलवे स्टेशन से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं, जो मारवाड़ के महाराजाओं की पूर्व राजधानी थी। मंडोर बाग़ में एक मंदिर औए एक सरकारी संग्रहालय भी है, जो कलाकृतियों और पुराने अवशेषों से भरा है। मंडोर बाग़ में बहुत सी पुरानी फिल्मों कि शुटिंग भी हुई है। जल्द ही हम मंडोर बाग़ पहुंच गए। ओटो से उतारते ही चल दिये मंडोर बाग़ कि खुबसूरती को देखने के लिए परन्तु अंदर जा कर हमें निराशा हुई। क्योंकि जो सुंदरता पहले इस बाग़ कि थी वह अब नहीं है कई जगह कचरा एसे ही पड़ था पर्यटकों ने भी जगह जगह खाने का सामान फेंक रखा था हमने मंडोर बाग़ देखा। मंदिर जा कर दर्शन करें मंदिर में बहुत से देवताओं कि मूर्ति दीवार पर बनी हुई है 11.15 बजे तक हम मंडोर बाग़ से बहार आ गाये।
उसके बाद हम हैं.जोधपुर शहर के मसूरिया स्थित बाबा रामदेव के गुरु बालीनाथ जी के मंदिर पहुंचे
भादवा माह में यहां भी मेला लगता है जिसमें लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस माह में पचास लाख से अधिक श्रद्धालू आते है, यह मंदिर मसूरिया पहाड़ी पर है जो काफी प्राचीन व भव्य है इसकी सुंदरता देखते ही बनती है। मान्यता है बाबा रामदेव जी के गुरु दर्शन करना आवश्यक है नहीं तो यात्रा सफल नहीं मानी जाती।
मंदिर में दर्शन के बाद हम बस स्टैंड आ गये जहां से हमने रामदेवरा के लिये बस पकड़ी। रामदेवरा हम तकरीबन रात 9.00 बजे पहुंचे।