Dakshin Bharat Yatra : Srikalahasti Temple
दक्षिण भारत का सुहाना और धार्मिक सफर
[ 08-04-2016 ]
आज हमारा श्री कालाहस्ती मंदिर के दर्शन करने का प्रोग्राम था। इसलिए सब तैयार हो कर जल्दी आ गये जीप वाले से बात करी। तिरूपति शहर से करीब 35 किलो मीटर श्रीकालहस्ती गांव में स्थित यह मंदिर दक्षिण भारत में भगवान शिव के तीर्थस्थानों में अहम स्थान रखता है। परन्तु तिरूपति से 35 किलो मीटर दुर होने कि वजह से जीप वाले मना कर रहे थे। एक जीप वाला मान गया ,1600 रुपए में बात तय हुई आते समय वह हम श्री पद्मावती अम्मवरी मंदिर भी दिखयेग जीप चल दी श्री काला हस्ती मंदिर कि तरफ
श्रीकालाहस्ती मंदिर
श्रीकालाहस्ती शहर में स्थित है। दक्षिण-पूर्वी राज्य आंध्र प्रदेश में चित्तूर जिले में स्थित श्रीकालाहस्ती को अक्सर दक्षिण-पूर्व भारत के पवित्र शहर के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह भगवान शिव को समर्पित है और इसका हिंदुओं के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व है। दुनिया भर से भगवान शिव के भक्त उनकी पूजा करने और आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर में आते हैं।श्रीकालाहस्ती मंदिर, वास्तुकला की द्रविड़ शैली का एक सुंदर चित्रण है, जिसे 5 वीं शताब्दी में पल्लव काल के दौरान बनाया गया था। लगभग 2000 वर्षों से इसे दक्षिण कैलाश या दक्षिण काशी के नाम से भी जाना जाता है ,इस स्थान का नाम तीन पशुओं श्री यानी मकड़ी, काल यानी सर्प और हस्ती यानी हाथी के नाम पर किया गया है। कहा जाता है कि तीनों ने ही यहां पर भगवान शिव की आराधना करके मुक्ति पाई थी। मकड़ी ने शिवलिंग पर तपस्या करके जाल बनाया, सांप ने शिवलिंग पर लिपटकर आरधना की और हाथी ने शिवलिंग को जल से स्नान करवाया था।
इस मन्दिर को 'राहू-केतु मन्दिर' के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर विशेष रूप से राहुकाल और कालसर्प की भी पूजा होती है। श्री कालाहस्ती मंदिर की सालाना आय 100 करोड़ रुपए से भी अधिक है। मंदिर काफी बड़ा और प्राचीन है हम चल दिए दर्शन करने के लिए अंदर काफी भीड़ थी। दर्शन में काफी समय लग जल्द ही सब बाहर आ गए जीप वाले ने कहा था जैसे आप दर्शन कर लो मुझे फोन कर देना। उसे फोन किया जल्द ही वो आ गया।
जीप चल दी श्री पद्मावती अम्मवरी मंदिर कि तरफ फटाफट दर्शन करें क्योंकि अब हमे चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन ट्रेन पकड़नी थी। दिल्ली के लिए कमरे से सामान उठाया और चल दिए तिरुपति बस स्टैंड कि तरफ बस स्टैंड पर ही खाना खाया जल्द ही बस आ गई।
हम चेन्नई सेंट्रल बस स्टैंड तकरीबन 9.00 पर पहुंचे 10.00 pm बजे कि ट्रेन थी। हम डर था कि कहीं हमारी ट्रेन ना छूट जाये। हमने रेलवे स्टेशन के लिए ओटो कर लिया। वो तो भगवान का शुक्र है। कि हम समय पर पहुंच गए. अब हमें दिल्ली तक का सफर तय करना है जो लगभग 33 धंटे का सफर था।
दिल्ली वापसी 10-04-2016 सुबह 9.00 am