Dakshin Bharat Yatra : Kodaikanal
दक्षिण भारत का सुहाना और धार्मिक सफर
दक्षिण भारत यात्रा : कोडैकानल
[[ 01 - 04 -2016 ]]
सुबह हम 7:00 मदुरै जंक्शन रेलवे स्टेशन उतरे मदुरै जंक्शन दक्षिण रेलवे का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है।यह मदुरै शहर में स्थित है। मेरे प्रोग्राम के अनुसार हमें आज मदुरै का मीनाक्षी अम्मन मंदिर के दर्शन और आसपास की जगह देखनी है। और अगले दिन रामेश्वर में रामेश्वर मंदिर के दर्शन और आसपास की जगह देखनी थी स्टेशन से बाहर निकलते ही। हमें ट्रैवल्स वालो ने देर लिया है सब से पीछा छुड़ाते हुऐ हम बहार निकले बहार रस्ते में एक बन्दा बोला क्या आपको रात्रि विश्राम के लिए कमरा चाहिए मैंने पूछा आप कौन उस दिन व्यक्ति ने बताया मैं रेलवे स्टेशन से बाहर से आने वाले लोगों को कमरे दिलाने का काम करता हूँ। जिसे मुझे प्रति कमरा कमीशन मिल जाता है। वैसे मैं जीप भी बुकिंग का काम करता हूँ। आपको क्या चाहिए हमें तो कमरा चाहिए वो भी आज के लिए। रात को रामेश्वर के लिये निकलना है उसने बताया जब आपके पास दो दिन का समय है तो आप आज कोडैकानल देखा लो रात को मीनाक्षी मंदिर देखा लेना। सुबह यहां से बस जाती है जो लोगों को रामेश्वर के दर्शन करा के वापस मदुरै ले आती है। मैंने पूछा ये कोडैकानल क्या है उसने बताया कोडैकानल दक्षिण भारत एक खुबसूरत हिल स्टेशन है जहां काफी सैलानियों का तांता लगा रहता है उसका दिया सुझाव मुझे अच्छा लगा सबको वहीं रुकने के लिए बोल कर हम चल दिए उसके ट्रेवल्स वाले के पास आज के लिए जीप बुकिंग कर ली अगले दिन के लिए बस में दस सीट बुक कर ली रामेश्वर जाने के लिए ट्रेवल्स वाले ने बोला 9:30 पर जीप आ जायेगी हमने तीन कमरे बुक कर लिये एक दिन के लिये। कमरे में समान रखा कर सब नहाने धोने में लग गये। जल्द ही सब तैयार होकर वहां चल दिये जहां जीप आनी थी जीप वाले को फोन किया तो उसने बोला बस बीस मिनट में आ रहा हूं जब तक चाय नाश्ता ही कर लिया जाये जल्द ही जीप आ गई। बस फिर क्या था चल दिये दक्षिण भारत के एक और सुहाने सफर के लिए।
खूबसूरत पहाड़ियों में नगीने सा सजा कोडैकनाल देश का एक मनमोहक हिल स्टेशन है। जैसे कि मैंने बताया खूबसूरत प्राकृतिक छटा के कारण इसे दक्षिण भारत का स्विट्जरलैंड तक कहा जाता है। यहां की सर्द जलवायु देख विश्वास ही नहीं होता कि दक्षिण भारत में भी इतना ठंडा मौसम हो सकता है।चिलचिलाती गर्मी से बचने और सुहावने मौसम का मजा लेने के लिए पूरे साल यहां आने वाले लोगों का तांता लगा रहता है।
मदुरै से कोडैकनाल तक बस या टैक्सी में तीन से चार घंटे लगते हैं। मदुरै से कोडैकानल कि दुरी 120 किलोमीटर है जीप चली जा रही थी रास्ते में होटल पर मसाला डोसा खाया क्योंकि वहां कुछ और मिल ही नहीं था वहां अधिकतर होटलों पर सिर्फ डोसा या वड़ा ही मिलता है जिसे संभार के साथ परोसा जाता है जो दक्षिण भारत का एक प्रसिद्ध व्यंजन है।
कोडैकनाल के प्रमुख स्थलों को देख।
पहले पीलर राॅक्स को देखा वहां पहाड़ों से उठती धुंध मनमोह रही थी
कोकर का वाक व्यूपॉइंट से पहाड़ों का नजारा बड़ा ही अदभुत लग रहा था कुछ देर रूकने के बाद हम वहां से चल दिए आगे के व्यूपॉइंट देखने के लिऐ
जल्द हि जो आसपास के जगह देखने के बाद हम
सिल्वर कास्केड फॉल्स झरने पर पहुंच वहां कुछ समय बीतने के बाद हम शाम को 6:15 पर वापस मदुरै आ गये जीप कि वजह से थोड़ी तकलीफ़ हुई क्योंकि बैठाने कि जगह कम थी। सबसे ज्यादा हमें वहां का सर्द मौसम अच्छा लगा।
सब लोग काफी थके हुए थे इसलिए खाना और चल दिए कमरे पर लेकिन मेरी आदत है मैं जहां भी धुमने जाता हूं उस जगह को ज्यादा से ज्यादा समय देता हूं इसलिए लिए मैं और मेरा भाई कुलदीप चल दिये बाजार देखने पास में ही मीनाक्षी मंदिर था प्रसाद वाले ने बताया कि मंदिर 10:00 तक बंद जाता है इसलिए फटाफट मंदिर में चले गाऐ और दर्शन करें मंदिर का वर्णन आगे कि यात्रा में फिर कमरे में आकर सो गए क्योंकि सुबह जल्दी उठकर मीनाक्षी मंदिर जाना था