अगर मोबाइल की है लत... तो इस शहर भूलकर भी जाना मत

Tripoto
5th Jul 2023
Photo of अगर मोबाइल की है लत... तो इस शहर भूलकर भी जाना मत by रोशन सास्तिक

इस बात में कोई दोराय नहीं कि घूमना हम सबको पसंद है। दुविधा तो तब खड़ी होगी, जब बात बगैर फोन के घूमने की आ जाए। कहीं घूमने जाने के लिए किसी का साथ होना तो हमेशा से जरूरी रहा ही है। लेकिन समय के साथ सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज के चलते अब आदमी का सबसे जरूरी साथी मोबाइल बन गया है। क्योंकि आदमी की चाहत अब सिर्फ कहीं घूमकर आने तक सीमित नहीं रह गई है। घूमने के बाद या फिर कहें कि घूमने के दौरान ही सफर से जुड़ी तस्वीरों और वीडियो को शेयर करने का चस्का ऐसा लगा है कि लोग बजाय अपने आसपास देखने के ज्यादातर समय फोन देखने में ही बर्बाद कर देते हैं। वैसे पर्यटन स्थलों को कैमरें में कैद कर यादों को फोन में स्टोर करने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन इस चक्कर में अगर हम नजारों को नजरों में ही कैद करना भूल जाए तो फिर घूमने का अर्थ ही क्या रह जाएगा।

Photo of अगर मोबाइल की है लत... तो इस शहर भूलकर भी जाना मत 1/1 by रोशन सास्तिक

इसी बात की गंभीरता को समझते हुए फिनलैंड देश में एक छोटा लेकिन दुनिया के सामने नजीर पेश करने लायक कदम उठाया गया है। फिनलैंड के दक्षिणी-पूर्वी तट पर स्थित बेहद खूबसूरत उल्को टैमियो द्वीप पर घूमने आने वाले लोगों से मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करने की अपील की गई है। यहां के अधिकारियों का कहना है कि हम चाहते हैं कि लोग यहां की प्राकृतिक सुंदरता को बेहतर ढंग से एन्जॉय करने के लिए खुद को फोन के चंगुल से दूर रखें। क्योंकि फोन पास होने पर लोग पयर्टन स्थल की खूबसूरती निहारने की बजाय ज्यादातर समय मोबाइल के स्क्रीन में आंखें गड़ाए रहते हैं। इस ऐलान के बाद से ही फिनलैंड का उल्को टैमियो द्वीप दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया। क्योंकि इसके बाद उल्को टैमियो द्वीप के हिस्से दुनिया का एकमात्र फोन-फ्री पर्यटन स्थल होने का खिताब आ गया। अपनी इस तरह की पहली और अनोखी उपलब्धि के साथ ही उल्को टैमियो द्वीप ने दुनिया भर में घूमने के दौरान फोन के हद से ज्यादा बढ़ते इस्तेमाल पर एक नई बहस छेड़ दी है।

Photo of Ulko-Tammio, Hamina, Finland by रोशन सास्तिक

देखिए, इस बात से कतई इनकार नहीं कर सकते कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, व्हाट्सएप, यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोगों द्वारा अपनी यात्रा से जुड़ी वीडियो और तस्वीरों को साझा करने के चलन के चलते पिछले कुछ सालों में टूरिज्म इंडस्ट्री में बहुत बड़ा उछाल आया है। सोशल मीडिया के जरिए लोगों को ना सिर्फ नई-नई जगहों की जानकारी मिल रही है बल्कि अपने पहचान वालों को घूमने जाते देख उनमें भी कहीं घूमकर आने की इच्छा पैदा हो रही है। जिससे हर गुजरते दिन कहूं या फिर हर नई सोशल मीडिया पोस्ट के साथ घूमने वाले लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। अब जाहिर सी बात है कि जितनी ज्यादा संख्या में लोग ट्रेवल करेंगे उतने ही बड़े स्तर पर इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को फायदा होगा। यही कारण है कि अलग-अलग माध्यमों से सोशल मीडिया पोस्टिंग को बढ़ावा देने के लिए जानबूझकर हाइप भी क्रिएट की है। और ऐसा कल्चर तैयार कर दिया गया जहां अगर आपने कहीं जाकर वहां की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं की; तो फिर दुनिया के लिए आप वहां कभी गए ही नहीं।

Photo of Ulko-Tammio, Hamina, Finland by रोशन सास्तिक

लेकिन, सौभाग्य से दुनिया का सबसे खुशहाल देश फिनलैंड खुद को इस फोटोजेनिक दुनिया की अंधी दौड़ से अलग खड़ा कर रहा है। वैसे उल्को टैमियो द्वीप पर शुरू हुई डिजिटल डिटॉक्स रिट्रीट की यह पहल इस समय पूरी तरह से स्वैच्छिक है। यानी, यहां आने वालों से फिलहाल सिर्फ आग्रह किया जा रहा है कि वो इस द्वीप को सच में घूमने की नीयत से घूमना चाहते हैं, तो फिर अपने फोन का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। अच्छी बात यह है कि ज्यादातर लोग उल्को टैमियो द्वीप पर शुरू हुई इस पहल को सफल बनाने में अपना सहयोग दे रहे हैं। यहां घूमने आ रहे पयर्टकों का भी कहना है कि अपने मन से ना सही लेकिन कम से कम इस तरह की जागरूकता के जरिए जरूर उन्हें फोन के बगैर घूमने में मदद मिलेगी। मतलब साफ है कि लोग खुद भी फोन के मायाजाल से खुद को आजाद करना चाहते हैं। बस, ऐसी ही किसी पहल के इंतजार में बैठे हुए हैं।

Photo of अगर मोबाइल की है लत... तो इस शहर भूलकर भी जाना मत by रोशन सास्तिक

तो अब थोड़ी बात कर ली जाए उस द्वीप की जहां कैमरा न लेकर जाने की बात पर चर्चा शुरू हुई है। उल्को टैमियो द्वीप दरसअल फिनलैंड के नेशनल पार्क का ही एक हिस्सा है। समुद्र से घिरा यह द्वीप अपने घने जंगलों के चलते असंख्य पशु-पक्षियों का घर है। और आप जब अपने घर से दूर नेचर के इस घर आते हैं, तब इनकी संगत में रमकर आपको एक वक्त को ऐसा भी लग सकता इंसानों ने बेकार ही शहरों का निर्माण कर दिया। हम सब जंगल में ही ठीक थे। वैसे सिर्फ जंगल ही नहीं बल्कि यहां चट्टानों से पूरी ताकत के साथ टकराती समुद्री लहरों की ललकार भी देखने लायक होती है। यहां आप जंगल ट्रेक करके पूरे द्वीप को पैदल नाप सकते हैं। और अगर पूरे द्वीप को एक जगह से एक ही बार में पूरा का पूरा देखना हो तो इसकी भी व्यवस्था है। उल्को टैमियो द्वीप पर एक बर्ड टावर है, जहां से आप समूचे द्वीप की खूबसूरती को अपनी आंखों में भरने का काम कर सकते हैं।

Photo of अगर मोबाइल की है लत... तो इस शहर भूलकर भी जाना मत by रोशन सास्तिक

दुनिया के नक्शे पर फिनलैंड देश के दक्षिणी-पूर्वी इलाके में स्थित उल्को-टैमियो तक साल भर निजी नाव से पहुंचा जा सकता है। अगर मौसम अनुकूल हो तो गर्मियों के महीनों के दौरान कोटका से नाव टैक्सी या छोटे जहाज क्रूज द्वारा उल्को-टैमियो द्वीप के द्वार तक जाया जा सकता है। यहां ठहरकर आप अपना पूरा वीकेंड प्रकृति की गोद में बैठकर बड़े ही शांति और सुकून के साथ बीता सकते हैं। बाकी, यहां भले फोन न ले जाने की मुहिम छेड़ रखी गई हो। लेकिन अब जब आप इतनी खूबसूरत जगह घूमने गए हो तो कुछ न कुछ यादों को संजोकर साथ ले जाना भी तो जरूरी है ही ना। इसी भावना का ख्याल रखते हुए द्वीप अधिकारियों ने फोन की बजाय डिजिटल कैमरा साथ रखने का सुझाव दिया है। बस शर्त इतनी है कि आप इस दौरान खींची गई तस्वीरों को द्वीप पर रहने के दौरान सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं करेंगे।

Photo of अगर मोबाइल की है लत... तो इस शहर भूलकर भी जाना मत by रोशन सास्तिक

वैसे, अगर फ़ोटो का ही मोह है तो फोन के कैमरे से कई गुना बेहतर है डिजिटल कैमरा। लेकिन हम सब जानते हैं कि मसला फ़ोटो लेने से ज्यादा फ़ोटो दिखाने का है। यानी कुल मिलाकर फोन की बजाय सोशल मीडिया असल दुश्मन है। सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरों को पोस्ट करने में हम इतना उलझ गए हैं कि घूमने वाली जगह हो असल में घूम ही नहीं पा रहे। घूमने का मतलब होता है कि हम जिस जगह जा रहे हैं उस जगह के हर एक कोने को देखने की नीयत से देखें। सिर्फ देखना ही काफी नहीं है, इसलिए जरुरी है कि खामोश होकर उस स्थान की कहानी को उसकी ही जुबानी सुनें। पर्यटन स्थल अपनेआप में ढेर सारे विषयों को समेटे होते हैं। हम थोड़ा ठहरकर उनका मुआयना करें तो उनके अस्तित्व में आने का इतिहास, उनकी बनावट का भूगोल और उनके होने के पीछे का सामाजिक-राजनीतिक गणित तक समझ सकते हैं। लेकिन इन सब की बजाय हम अपना सारा समय एक दूसरे की फ़ोटो क्लिक करने में ही जाया कर दे रहे हैं।

Photo of अगर मोबाइल की है लत... तो इस शहर भूलकर भी जाना मत by रोशन सास्तिक

हर समस्या की तरह इसको भी शुरुआत में इग्नोर ही किया जाता रहा। लेकिन इस समस्या ने अब विकराल रूप धारण कर लिया है। छोटे-मोटे स्तर पर ही सही लेकिन हर जगह मोबाइल का कैमरा ऑन कर सोशल मीडिया के लिए तस्वीरें खिंचने के ट्रेंड को लेकर अब लोग खीझने लगे हैं। इस बार केदारनाथ यात्रा के लिए उमड़ रही भीड़ को लेकर भी यही कहा गया कि अगर मोबाइल पर बैन लगा दिया जाए तो भगवान भोलेनाथ का भक्त होने दावा करने वाले आधे से ज्यादा पर्यटक केदारनाथ बाबा को दूर से ही नमस्ते कर दें। इन्ही सबको देखते हुए फिनलैंड के उल्को टैमियो द्वीप के अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदम को दुनिया बड़ी उम्मीद की नजरों से देख रही है। क्योंकि डिजिटल डिटॉक्स को लेकर पहला कदम बढ़ाया जा चुका है। अब बस हम सबको, एक-एक कदम बढ़ाकर इसको सफल बनाना है। ताकि, पर्यटन एक बार फिर अपने दिलोदिमाग को खुशहाली से भर देने के उद्देश्य किया जाए, न कि अपने सोशल मीडिया अकाउंट को फ़ोटो से भर देने के मकसद से।

क्या आपने हाल में कोई की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें

Further Reads